Thangalaan Movie Review:इस रियलिस्टिक फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है चियान विक्रम की अवार्ड विनिंग परफॉरमेंस

साउथ की यह फिल्म आज सिनेमाघरों में हिंदी दर्शकों के लिए रिलीज हुई है. फिल्म की चर्चा पिछले एक महीने से हो रही है. आइये जानते हैं क्या खास है और कहां नहीं बनी बात. इस रिव्यु में

By Urmila Kori | September 6, 2024 6:26 PM

फिल्म- तंगलान 

निर्देशक -पा रंजीत

कलाकार -चियान विक्रम,पार्वती, मालविका मोहन और अन्य

प्लेटफार्म -सिनेमाघर 

रेटिंग -तीन 

thangalaan:साउथ सुपरस्टार चियान विक्रम और निर्देशक पा रंजीत की फिल्म तंगलान का हिंदी संस्करण ने आज सिनेमाघरों में दस्तक दिया है.इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी अभिनेता चियान विक्रम का अभिनय है. प्रभात खबर से बातचीत में उन्होंने नेशनल अवार्ड की उम्मीद जताई थी. फिल्म में उनके परफॉरमेंस को देखने के बाद यह बात कही जा सकती है कि वे नेशनल अवार्ड को नहीं बल्कि नेशनल अवार्ड उनको डिजर्व करता है.निर्देशक पा रंजीत की यह फिल्म यश यानी रॉकी भाई के कोलार गोल्ड फील्ड के इतिहास को सामने लेकर आता है,लेकिन फिल्म में केजीएफ की तरह कमर्शियल कुछ भी नहीं है. यह बेहद रियलिस्टिक फिल्म है.अगर आप अलग तरह के सिनेमा को भी देखना पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपको जरूर पसंद आएगी.


अस्तित्व की लड़ाई की है कहानी 
फिल्म की कहानी रॉकी भाई यानि यश की फिल्म केजीएफ यानी कोलार गोल्ड फील्ड की है.इस फिल्म के मेकर इस कहानी को रियल करार देते हैं.फिल्म में राजा चोल और टीपू सुल्तान का भी जिक्र है कि उन्होंने भी कोलार से सोना निकालने की कोशिश की थी. फिल्म में कहानी 1850 में सेट की गयी है, जब देश में ब्रिटिश राज था.अब उनकी नजर इस जगह पर है, मगर कोलार गोल्ड फील्ड से सोना निकालना अंग्रेजों के लिए भी टेढ़ी खीर है. वह इसके लिए तंगलान (चियान विक्रम )को चुनता है.तंगलान अपने कबीले और अपने परिवार को जमींदारों के शोषण से निकालने के लिए कोलार गोल्ड फील्ड से अंग्रेजों के लिए सोना निकालने के लिए निकल पड़ता है, लेकिन यह खोज उसके लिए आसान नहीं है  क्योंकि उसकी रक्षा मायावी शक्ति आरती (मालविका मोहन )करती है। सिर्फ यही नहीं तंगलान को इस खोज के दौरान यह मालूम पड़ता है कि मायावी आरती हमेशा से उसके सपनों में आती रही है.सिर्फ यही नहीं उसके पूर्वजों का भी आरती से गहरा नाता है. क्या है वो कनेक्शन, क्या तंगलान कोलार से सोना निकाल कर अपने लोगों और परिवार का भविष्य बदल पायेगा। इसके लिए आपको अपने नजदीकी सिनेमाघरों का रुख करना होगा.


फिल्म की खूबियां और खामियां 

फिल्म की कहानी और ट्रीटमेंट की बात करें तो मूल कहानी अस्तित्व की लड़ाई की है, जिसमें कांतारा की तरह दूसरी दुनिया को भी शामिल किया गया है. भूत प्रेत के साथ इसमें जानवर भी हैं. फिल्म से इतिहास भी जुड़ा हुआ है.फिल्म को जिस स्तर पर शूट किया गया और कलर पैलेट्स का इस्तेमाल किया गया है. उसके लिए निर्देशक पा रंजीत के विजन की तारीफ की जानी चाहिए. उन्होंने उस दुनिया को हर फ्रेम में जीवंत किया है.कोलार माइंस की कहानी पर फोकस  करने से पहले पा रंजीत ने अपने चित परिचित अंदाज में अमीर और ऊंची जाति के लोगों द्वारा गरीब लोगों के शोषण की भी कहानी को दिखाया है.किस तरह से जमींदार लोगों ने गरीब लोगों की जमीन को हथिया लिया है और टैक्स के नाम पर उनको अपना गुलाम बना लिया है.खामियों की बात करें तो फिल्म में सबकुछ है लेकिन फिल्म की बैकस्टोरी पर थोड़ा और काम करना था. इसके साथ ही किरदारों को उस कदर परदे पर नहीं दिखाया गया है, जिससे उनसे एक इमोशनल कनेक्शन बनें .कुछ दृश्य इमोशनल करने में वह कामयाब जरूर हुए हैं.खासकर जब महिलाओं को ब्लाउज मिलता है,वह दृश्य दिल को छू जाता है.फिल्म का क्लाइमेक्स भी अच्छा है.यह आपको चौंकाता है.फिल्म के सिंक साउंड पर थोड़ा और काम करने की जरूरत थी. फिल्म के गाने हिंदी दर्शकों के अनुरूप नहीं है बल्कि वह डब वर्जन ही प्रतीत होते हैं.इसके साथ ही फिल्म की ढाई घंटे से अधिक अवधि भी अखरती है.फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक इसके साथ न्याय करता है. यह फिल्म को एक अलग ही लेवल पर ले जाता है.

विक्रम सहित सभी कलाकारों का उम्दा परफॉरमेंस 

अपनी हर फिल्म के साथ चियान विक्रम अभिनय की एक नयी ऊंचाई को छूते हैं. तंगलान भी इस मामले में अगली कड़ी बनी है.किरदार के लुक से लेकर उससे जुड़े एक्सप्रेशन और व्यवहार को उन्होंने पूरी बारीकी के साथ हर फ्रेम में जिया है.मालविका मायावी आरती की भूमिका में प्रभावित करती हैं. क्लाइमेक्स में उनका और विक्रम का फेशऑफ इस फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी है। पार्वती और ब्रिटिश एक्टर डेनियल पुल ने भी अपनी भूमिका में छाप छोड़ी हैं.इसके अलावा बाकी के किरदारों ने भी अपनी भूमिका के साथ न्याय करते हुए कहानी को पूरा सपोर्ट किया है.–

Next Article

Exit mobile version