आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट की जमानत पर बंबई हाईकोर्ट में क्या-क्या हुआ? पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Mumbai Cruise Drugs Case: अमित देसाई ने अरबाज सेठ मर्चेंट की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किये. हाईकोर्ट में अमित देसाई ने कहा कि अरबाज मर्चेंट और अन्य युवाओं पर सिर्फ इस्तेमाल के लिए चरस रखने का आरोप है.
मुंबई: शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और उसके दोस्त अरबाज मर्चेंट की जमानत याचिका पर बुधवार (27 अक्टूबर) को फिर से सुनवाई हुई. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और बचाव पक्ष के वकीलों ने कोर्ट में जोरदार बहस की. अपनी दलीलें रखीं और अपने मुवक्किल के लिए जमानत की मांग की. अरबाज के वकील अमित देसाई ने कोर्ट से कहा कि उन्हें अपना पक्ष रखने में एक से डेढ़ घंटे लगेंगे, तो जस्टिस एन सांबरे ने क्रूज शिप ड्रग केस की सुनवाई गुरुवार (28 अक्टूबर) तक टाल दी.
अमित देसाई ने अरबाज सेठ मर्चेंट की गिरफ्तारी पर सवाल खड़े किये. जैसे ही हाईकोर्ट में बहस शुरू हुई, अमित देसाई ने कहा कि अरबाज मर्चेंट और अन्य युवाओं पर सिर्फ इस्तेमाल के लिए चरस रखने का आरोप है. इसकी मात्रा भी बहुत कम है. उन्होंने कहा कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा सिर्फ ड्रग्स का सेवन करने के लिए पहुंचे थे. इसमें कोई साजिश नहीं थी. यहां तक कि जिन लोगों ने इन्हें पकड़ा, उन्होंने भी अलग-अलग माना. इसकी सजा महज एक साल होती है.
अमित देसाई ने कहा कि एनसीबी अधिकारियों को इन तीनों को गिरफ्तार करने की बजाय सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करके पूछताछ के लिए बुलाना चाहिए था. एडवोकेट देसाई ने आर्यन, अरबाज और मुनमुन की गिरफ्तारी को ही गैरकानूनी करार दिया. इसके लिए उन्होंने वर्ष 2014 में अर्नेश कुमार बनाम बिहार सरकार के एक फैसले का हवाला दिया. कहा कि किसी नाबालिग की गिरफ्तारी अपने आप में अपवाद है.
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उन्होंने कहा कि अर्नेश कुमार मामले में जो फैसला दिया गया था, ऐसे मामलों में वह अपने आप में एक नजीर है. अब नाबालिग द्वारा किये गये अपराध के नियम बदल गये हैं. नियम कहता है कि कोई गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए और अगर मामला बेहद गंभीर हो, तभी उसे गिरफ्तार किया जाना चाहिए. देसाई ने आगे कहा कि बेल नियम है और जेल अपवाद. लेकिन, यहां गिरफ्तारी नियम बन गया है और बेल को अपवाद बना दिया गया है.
एनसीबी की खामियां भी गिनायी
देसाई ने कहा कि एनसीबी ने आर्यन, अरबाज और मुनमुन में से किसी को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस नहीं दिया. एनसीबी ने रिमांड के लिए जो पहला आवेदन दिया, उसमें साजिश की बात कहकर कोर्ट को गुमराह किया गया. बाद में मजिस्ट्रेट कोर्ट में कहा गया कि साजिश रचने वाले 8 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं. इन्हीं वजहों से हमारा मुवक्किल 22 दिन से जेल में बंद है.
उन्होंने कहा कि आज भी मेरा मुवक्किल साजिश के आरोपों में जेल में बंद है और साजिश एक अलग अपराध है. उन्होंने कोर्ट से एनडीपीएस एक्ट के तहत दजो अरेस्ट मेमो दिया गया है, उसमें तीन में से कोई भी आरोपी ड्रग्स लेने का आरोपी नहीं है. किसी के भी खिलाफ ड्रग्स लेने का आरोप नहीं लगाया गया है. इससे यह साबित हो जाता है कि मामला व्यक्तिगत ड्रग्स लेने के सिवा और कुछ नहीं था.
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एडवोकेट देसाई ने आगे कहा कि अगर आरोपियों का इरादा ड्रग्स के सेवन का था, तो एनडीपीएस एक्ट की धारा 27 यहां लागू नहीं होती. हमारे मुवक्किल को उस अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया है, जो उसने किया ही नहीं.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मंगलवार को देश के अटॉर्नी जनरल रहे मुकुल रोहतगी ने आर्यन के पक्ष में बंबई हाईकोर्ट में अपनी दलीलें दी थी. उन्होंने आर्यन को जमानत देने की मांग की थी. साथ ही उन्होंने एनसीबी अधिकारियों के खिलाफ किसी भी तरह के आरोपों से इनकार किया था. उन्होंने पंचनामा पर सवाल खड़े किये थे और कहा था कि गिरफ्तारी के बाद जांच क्यों नहीं करायी गयी कि आरोपियों ने ड्रग्स का सेवन किया है या नहीं.
केस का पूरा विवरण
मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज से 2 अक्टूबर को एनसीबी ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और उसके दोस्तों अरबाज सेठ मर्चेंज एवं मॉडल मुनमुन धमेचा को गिरफ्तार किया. 8 अक्टूबर तक इन्हें एनसीबी की हिरासत में रखा गया. स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी और 20 अक्टूबर को सभी को 30 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया.
स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने आर्यन खान के व्हाट्सएप्प चैट्स के आधार पर यह माना कि शाहरुख खान का बेटा ड्रग्स से जुड़ी गतिविधियों में संलिप्त था और प्रतिबंधित ड्रग्स के सप्लायरों के साथ उसके संबंध हैं. एनसीबी ने स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट में पिछले हफ्ते दलील दी थी कि आर्यन खान को जिस वक्त गिरफ्तार किया गया, वह पूरी तरह से होश-ओ-हवास में था. एजेंसी ने अरबाज मर्चेंट के पास से 6 ग्राम चरस बरामद किये.
स्पेशल कोर्ट को एनसीबी ने बताया कि अरबाज ने स्वीकार किया कि वह अपने दोस्तों के साथ आनंद के लिए इसका सेवन करने वाला था. बंबई हाईकोर्ट में आर्यन के वकील ने दलील दी कि चूंकि उसके पास से ड्रग्स बरामद नहीं हुआ, उसे जमानत मिलनी चाहिए. साथ ही वकील ने कहा कि आर्यन खान के मोबाइल फोन के जिस व्हाट्सएप्प चैट का जिक्र एनसीबी कर रहा है, वह तीन सप्ताह पहले का है.
Posted By: Mithilesh Jha