My Mati|Anshu Shikha Lakra|Tribal Model|आदिवासी समाज के लोग अपनी परंपराओं से जुड़े होते हैं. आधुनिक चकाचौंध के बावजूद वे अपनी जड़ों से जुड़े हैं. आज भी किसी आदिवासी का सपना यही होता है कि उनका बेटा या बेटी सरकारी नौकरी करे. लेकिन, झारखंड में अब एक ऐसी पीढ़ी तैयार हो रही है, जो लीक से हटकर सोच रही है. ऐसी ही एक युवती है, जिसने मॉडलिंग की दुनिया में सफलता हासिल की है.
झारखंड की इस सफल आदिवासी मॉडल का नाम है अंशु शिखा लकड़ा. उरांव जनजाति से आने वाली अंशु शिखा लकड़ा ने दुनिया को बताया है कि परंपरागत परिधान में भी मॉडलिंग हो सकती है. हालांकि, अंशु को उनके परिवार का बहुत सपोर्ट नहीं मिला था, जब उन्होंने मॉडलिंग की दुनिया में जाने के बारे में सोचा. माता-पिता हर आदिवासी परिवार की तरह चाहते थे कि उनकी बेटी सरकारी नौकरी करे.
अंशु शिखा लकड़ा ने प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) को बताया कि उनके माता-पिता चाहते थे कि उनकी इकलौती बेटी सरकारी नौकरी में जाये. लेकिन, पतरातू से रांची में आने के बाद अंशु की इच्छा थी कि वह कुछ नया करे. सरकारी नौकरी में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह एविएशन (विमानन) क्षेत्र में जाना चाहतीं थीं. दमदम एयरपोर्ट (कोलकाता) पर एयर एशिया की नौकरी भी मिल गयी थी, लेकिन पढ़ाई पूरी करने के लिए उन्हें लौटना पड़ा.
अंशु शिखा लकड़ा बताती हैं कि उनके मन में कुछ अलग करने की इच्छा थी. स्नातक की पढ़ाई के दौरान ही लगा कि किसी और फील्ड में काम करना चाहिए. वह टेलीविजन चैनल में न्यूज रीडर बन गयीं. आदिवासी डेवलपमेंट नेटवर्क नामक एक गैर-सरकारी संस्था (एनजीओ) से जुड़ गयीं. उन्होंने आदिवासियों के पारंपरिक परिधान और मॉडर्न ड्रेस का फ्यूजन किया. इसे लोगों ने काफी पसंद किया.
Also Read: इंडियाज टैलेंट फाइट सीजन 2 में झारखंड की बेटी अंशु प्रिया बिखेरेंगी जलवा, सिंगिंग बेस्ट रियलिटी शो में हुआ चयनइसके साथ ही अंशु ने मॉडलिंग शुरू कर दी. वह कहती हैं कि शुरुआत में रैंप वॉक के लिए उन्हें बार-बार जमशेदपुर जाना पड़ता था. बाद में राजधानी रांची में भी मॉडलिंग की शुरुआत हुई. उन्होंने दिल्ली में स्थित आईआईटीएफ के एक फैशन शो में झारखंड को रिप्रेजेंट किया. धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और अब समाज और परिवार का भी सपोर्ट मिलने लगा है.
मेरे माता-पिता को जब मालूम हुआ कि मैं मॉडलिंग में जाना चाहती हूं, तो उन्हें बुरा लगा. लेकिन, मैंने ठान ली थी कि मुझे नौकरी नहीं करनी. जब मेरी तस्वीरें अखबारों में छपने लगीं. टेलीविजन पर समाचार पढ़ते हुए लोगों ने मुझे देखा और मेरे मम्मी-पापा को बताया कि आपकी बेटी टेलीविजन पर आती है, तो उन्हें बहुत अच्छा लगा. धीरे-धीरे उन्होंने मेरे फैसले को स्वीकार कर लिया. अब परिवार के लोग बेहद खुश हैं.
अंशु शिखा लकड़ा ने प्रभात खबर के द्वारा आयोजित ऑटो शो में मिस ऑलराउंडर का खिताब जीता. वह कहती हैं कि यह उनके जीवन का पहला बड़ा पुरस्कार था. अमृत नीर हर्बल कंपनी ने वर्ष 2018 में उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. इससे उनके माता-पिता को काफी खुशी मिली.
आदिवासी समाज से आने वाली झारखंड की जानी-मानी मॉडल अंशु शिखा लकड़ा कहती हैं कि जनजातीय लोगों की भाषा और उनके पहनावे पर संकट है. हम अपनी पहचान खो रहे हैं. यही वजह है कि मैं जब भी किसी फैशन शो में जाती हूं या हमारा कोई प्रोग्राम होता है, तो मैं अपनी परंपरागत ड्रेस पहनकर जाती हूं. मेरा मानना है कि आदिवासी पहनावा को बढ़ावा मिलना चाहिए. मेरी ड्रेस को लोग काफी पसंद करते हैं.
अंशु शिखा लकड़ा कहती हैं कि किसी भी मॉडल की सफलता के लिए जरूरी है कि उसका कॉन्फिडेंस हाई हो. शुरू में मुझे डर था कि कहीं मेरे रंग की वजह से मुझे बाहर तो नहीं कर दिया जायेगा. सब गोरे रंग की मॉडल आतीं थीं. अपने काले रंग को लेकर मेरा कॉन्फिडेंस बहुत लो हो जाता था. बाद में मैंने कॉन्फिडेंस लेवल को हाई किया. चेहरे पर स्माइल लायी और अब मेरा कॉन्फिडेंस लेवल कभी लो नहीं होता.
अंशु शिखा लकड़ा कहती हैं कि सरकारी जॉब ही सब कुछ नहीं है. हमारे पैशन को हमें फॉलो करना चाहिए. हम तारों के पीछे भाग रहे हैं. लेकिन, अंत में हमें जमीन पर ही आना है. उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि अपने पैरों को जमीन पर और हाथ को आसमान की ओर रखें. अपने पैशन को पूरा करें. फैशन शो करना मेरा पैशन था. मैं बहुत बार गिरी, लेकिन अपने जज्बे के दम पर आगे बढ़ रही हूं. मैंने अपने कॉन्फिडेंस को लूज नहीं किया. अपने पैशन को बनाये रखा. आप भी अपने पैशन को बनाये रखें, सफलता जरूर मिलेगी.