Naushad Ali Birth Anniversary: नौशाद अली को आज कौन नहीं जानता. वह हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध संगीतकार रह चुके हैं. उन्हें फिल्म उद्योग में शास्त्रीय संगीत के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए जाना जाता है. वह सबसे महान और अग्रणी संगीत निर्देशकों में से एक थे. नौशाद अली का जन्म 25 दिसंबर, 1919 को हुआ. उनकी साज को हर कोई सुनना चाहता था. बावजूद इसके नौशाद ने महज 67 फिल्मों में ही संगीत दिया. हालांकि उन्होंने जिन-जिन गानों में म्यूजिक दिए, उन्हें जनता आज भी सुनना काफी ज्यादा पसंद करती हैं. नौशाद को आज भी याद किया जाता है. हर कोई उनके जैसा बनना चाहता है.
लखनऊ में मुंशी वाहिद अली के घर पैदा हुए नौशाद अली का जीवन काफी संघर्ष भरा रहा. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के बदौलत कामयाबी हासिल की. नौशाद महज 17 साल की उम्र में ही अपनी किस्मत आजमाने के लिए मुंबई गए, जहां 1940 में आई ‘प्रेम नगर’ में उन्हें पहली बार संगीत देने का अवसर मिला. हालांकि 1944 में आई ‘रतन’ फिल्म से उन्हें घर-घर पहचान मिली. इस फिल्म में काम करने के लिए नौशाद को 25,000 रुपये मिले थे.
बहुत कम लोगों को पता होगा कि नौशाद को पियानो बजाना काफी ज्यादा पसंद था. उन्होंने संगीतकार उस्ताद मुश्ताक हुसैन के ऑर्केस्ट्रा में पियानोवादक के रूप में काम भी किया. संगीतकार खेमचंद प्रकाश ने उन्हें 60 रुपये प्रति माह के वेतन पर रंजीत स्टूडियोज में फिल्म कंचन के लिए अपने सहायक के रूप में लिया, जिसके लिए नौशाद बेहद आभारी रहे और कई इंटरव्यू में उन्होंने खेमचंद को अपना गुरु भी कहा था.
नौशाद को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए 1981 और 1992 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. संगीतकार नौशाद अली ने मुगल-ए-आजम, बैजू बावरा, शाहजहां, अंदाज, मदर इंडिया और गंगा जमुना जैसी फिल्मों में संगीत दिए है. फिल्म मदर इंडिया में नौशाद ने म्यूजिक दिया था और ये ऑस्कर के लिए नॉमिनेट की गई पहली भारतीय फिल्म थी. हालांकि छह दशक तक अपने संगीत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने वाले संगीतकार 5 मई, 2006 को इस दुनिया से रुखसत हो गए.