Naushad Ali: जाने-माने म्यूजिक कंपोजर नौशाद अली (Naushad Ali) का आज बर्थ एनिवर्सरी हैं. नौशाद का जन्म 25 दिसंबर 1919 को हुआ था. उन्होंने बतौर म्यूजिक कंपोजर हिन्दी सिनेमा में काम करना शुरू किया और बाद में कई फिल्मों के गानों में म्यूजिक दिया. चलिए आपको बताते है उनके लोकप्रिय और खूबसूरत गाने.
सुहानी रात ढल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
जहां की रुत बदल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
नज़ारे अपनी मस्तियां
दिखा दिखा के सो गये
सितारे अपनी रौशनी
लुटा लुटा के सो गये
हर एक शम्मा जल चुकी
ना जाने तुम कब आओगे
सुहानी रात ढल चुकी …
असीर-ए-पंजा-ए-अहद-ए-शबाब कर के मुझे
कहां गया मेरा बचपन खराब कर के मुझे
हुए हम जिनके लिए बरबाद
वो हमको चाहे करें न याद
जीवन भर, जीवन भर उनकी याद में
हम गाए जाएंगे, हम गाए जाएंगे…
मोहे पनघट पे नन्दलाल छेड़ गयो रे
मोरी नाजुक कलइया मरोड़ गयो रे
मोहे पनघट पे …
कंकरी मोहे मारी, गगरिया फोड़ दारी
मोरी साड़ी अनाड़ी भिगोय गयो रे
मोहे पनघट पे …
मेरे महबूब तुझे मेरी मोहब्बत की कसम
मेरे महबूब तुझे मेरी मोहब्बत की कसम
फिर मुझे नर्गिसी आंखों का सहारा दे दे
मेरा खोया हुआ रंगीन नज़ारा दे दे
मेरे महबूब तुझे मेरी मोहब्बत की कसम…
https://www.youtube.com/watch?v=2oyTPSdlxBk
ये रात जैसे दुल्हन बन गई है चिरागों से
करुंगा उजाला मैं दिल के दाग़ों से
आज की रात मेरे, दिल की सलामी ले ले
दिल की सलामी ले ले
कल तेरी बज़्म से दीवाना चला जाएगा
शम्मा रहे जाएगी परवाना चला जाएगा…
नजर का वार था दिल की तड़प ने छोल दी
चली थी बरछि किसी पर किसी को आन लगी
हो नजरिया की मारी
हाय
नजरिया की मारी मरी मोरी गुइयां
कोई जरा जा के बैध बुलाओ -2
आ के धरे मोरे नारी
हाय राम आ के धरे मोरी नारी…
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं
हमने सदियों में ये आज़ादी की नेमत पाई है
सैकड़ों क़ुरबानियां देकर ये दौलत पाई है
मुस्कराकर खाई हैं सीनों पे अपने गोलियां
कितने वीरानों से गुज़रे हैं तो जन्नत पाई है
ख़ाक में हम अपनी इज़्ज़त को मिला सकते नहीं…