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Navratri 2023: शक्ति की भूमिका से इन एक्ट्रेसेस ने बटोरी वाहवाही, सती बनने के लिए तैयार नहीं थीं मौनी रॉय

Navratri 2023: नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. टीवी पर कई अभिनेत्रियों ने शक्ति के अलग-अलग अवतारों को छोटे पर्दे पर जीवंत कर खूब वाहवाही बटोरी है. साथ ही इस तरह के किरदार ने इन अभिनेत्रियों के करियर में नये आयाम भी जोड़े हैं.

छोटे पर्दे पर ‘मायथोलॉजिकल शो’ एक अहम जॉनर बन चुका है. इस जॉनर ने ना सिर्फ जनमानस में आस्था का सैलाब बहाया है, बल्कि उससे जुड़े कलाकारों को ढेर सारा प्यार लुटाया है. नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. टीवी पर कई अभिनेत्रियों ने शक्ति के अलग-अलग अवतारों को छोटे पर्दे पर जीवंत कर खूब वाहवाही बटोरी है. साथ ही इस तरह के किरदार ने इन अभिनेत्रियों के करियर में नये आयाम भी जोड़े हैं. ऐसे ही खास शोज और उनसे जुड़ी अभिनेत्रियों के अनुभवों के बारे में उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.

महाकाली अवतार में आने के लिए

पूजा शर्मा को लगते थे चार घंटे

सिद्धार्थ कुमार तिवारी का यह माइथोलॉजिकल शो 2017 में कलर्स चैनल पर प्रसारित किया गया था. इस शो में मां काली की भूमिका में अभिनेत्री पूजा शर्मा ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्शायी थीं. उस वक्त के अपने अनुभवों को याद करते हुए पूजा शर्मा बताती हैं, ‘‘मैंने उस शो के लिए तलवारबाजी के साथ-साथ केरल का मार्शल आर्ट ‘कलरिपयट्टु’भी सीखी. शो में जो तलवार थी, उसका वजन बहुत ज्यादा था. साथ ही मुंड की माला और स्कर्ट भी बहुत भारी था. इस आउटफिट में खड़े रहने में ही काफी दिक्कत होती थी, पर मुझे वो सब पहनकर एक्शन करना पड़ता था.’’ वे बताती हैं, ‘‘मां काली के लुक में आने के लिए मुझे शुरू में चार घंटे मेकअप के लिए देने पड़ते थे. इसमें पूरी बॉडी को ब्लू कलर में पेंट किया जाता था. आंखों का मेकअप अलग होता था. बालों के लिए एक अलग किस्म की विग होती थी. पैरों की ज्वेलरी भी काफी अलग होती थी. मां काली के लुक में खुद को देखकर मुझे किसी खूबसूरत आर्टवर्क का एहसास होता था.’’

पार्वती बनीं सोनारिका के
लिए शुद्ध हिंदी में संवाद बोलना सबसे बड़ी चुनौती थी

लोकप्रिय शो ‘देवों के देव महादेव’में सती के किरदार में अभिनेत्री मौनी रॉय ने एक बेंचमार्क स्थापित किया था, जिसे पार करना आसान नहीं था. बावजूद इसके अभिनेत्री सोनारिका भदौरिया ने पार्वती की भूमिका में अपनी खास छाप छोड़ी थी. शो से जुड़ी सोनारिका भदौरिया बताती हैं, ‘‘मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती शुद्ध हिंदी में लंबे-लंबे डायलॉग याद करना था.’’ वे कहती हैं, ‘‘एक दिन तो मैं सेट पर रोने लगी थी. निर्देशक निखिल सिन्हा ने मुझे समझाया और बोला कि मैं अपना समय ले लूं.’’ सोनारिका ये भी बताती हैं कि जो हिंदी के डायलॉग बोलना उन्हें सबसे कठिन लगता था, उनके प्रशंसकों को वही बात सबसे ज्यादा पसंद आयी थी. सोनारिका बताती हैं कि उस वक्त मेरे नाम पर कई फैंस पेज बने हुए थे. जिसमें मेरे कई सारे फैंस यह लिखते थे कि जिस तरह से मैं किंतु शब्द बोलती हूं, वह बहुत ही प्यारा है और शायद ही कोई और ऐसा बोल सकता है.

मां शक्ति के लिए इंद्राणी हलदर बन गयी थीं पूरी तरह शाकाहारी

साल 2002 में स्टारप्लस पर प्रसारित बीआर चोपड़ा बैनर के मायथोलॉजिकल शो ‘मां शक्ति’ ने अभिनेत्री इंद्राणी हलदर को घर-घर का प्रसिद्ध चेहरा बना दिया था. इस शो से जुड़े अनुभवों के बारे में इंद्राणी बताती हैं कि इस शो के लिए मैं खासतौर से कोलकाता से मुंबई आयी थी. बीआर चोपड़ा बैनर के साथ काम करना हर कलाकार का सपना होता है. मैं भी इससे अलग नहीं थी और शो की शूटिंग कई मायनों में यादगार साबित हुई थी. मुंबई में मैं अकेली थी. इसका प्रोडक्शन टीम ने खास ख्याल रखा. शो की शूटिंग के दौरान जुहू के एक होटल में मेरा कमरा बुक था. एक कार मुझे रोजाना सेट पर लेने और होटल छोड़ने के लिए आती थी. मैं बताना चाहूंगी कि शो की शूटिंग शुरू होने के बाद मैंने मांसाहारी खाना तब तक नहीं खाया, जब तक कि यह शो खत्म नहीं हो गया. यही वजह है कि रवि चोपड़ा जी ने एक कुक रख लिया था, जो मेरे लिए खास वेजेटेरियन खाने बनाता था. शो में मैंने मां लक्ष्मी, पार्वती, सरस्वती और मां शक्ति की भूमिका निभायी थी. चारों देवियों को पर्दे पर जीवंत करते हुए सिर्फ लुक ही नहीं, बल्कि संवाद अदायेगी पर भी खास ध्यान देना पड़ता था. उस दौरान फैंस सबसे ज़्यादा मेरी आंखों की तारीफ करते थे.

मेगा शो- देवों के देव महादेव
की सती बनने के लिए तैयार नहीं थीं मौनी रॉय

अभिनेत्री मौनी रॉय खुद इस बात को कई बार स्वीकार कर चुकी हैं कि पौराणिक शो ‘देवों के देव महादेव’ ने उन्हें पहली बार लोकप्रियता का एहसास करवाया था, जिसकी ख्वाहिश हर अभिनेता को होती है. वो ये भी बताती हैं कि शुरुआत में वह इस भूमिका लिए तैयार नहीं थीं. उन्होंने इस ऑफर को फोन पर ही मना कर दिया था, पर शो के मेकर्स ने मौनी को एक बार मिलने को कहा, जहां पर वह शो के बड़े विजन को ना सिर्फ समझीं, बल्कि सती और महादेव की कहानी उनको एक खास प्रेम कहानी-सी लगी. तब लगा कि उन्हें इस शो से जुड़ना चाहिए. आमतौर पर पौराणिक शो के लिए अभिनय के घंटे तय होने की बात आम है, पर मौनी ने बताया कि वह सती के लुक में 30 से 40 मिनट में आ जाती थीं, जिसमें बाल, कपड़े और मेकअप सब कुछ शामिल होता था. शो से जुड़े सबसे मुश्किल दृश्यों के बारे में वह बताती हैं कि उन्हें नंगे पांव जंगल में जाना था. इससे उनके पैरों में छाले पड़ जाते थे.

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