स्टार प्लस पर हालिया शुरू हुए शो ‘तितली’ में शीर्षक भूमिका में अभिनेत्री नेहा सोलंकी नजर आ रही हैं. नेहा इसे बड़ी जिम्मेदारी करार देते हुए कहती हैं कि जब आप शीर्षक भूमिका कर रहे होते हैं, तो सीरियल की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा आपके कंधों पर होती है. आपको हर चीज में नंबर वन रहना पड़ता है. आपको कहीं भी कम नहीं पड़ना है. टेलीविजन में उनके अब तक के सफर पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
इस शो में आपके किरदार की तुलना ‘जब वी मेट’की गीत से की जा रही है?
मैं इसे एक बहुत बड़े कॉम्प्लिमेंट की तरह लेती हूं. ‘जब वी मेट’मेरी पसंदीदा फिल्म है. जब भी मैं उदास या परेशान होती हूं, तो उस फिल्म को देखती हूं. वह मेरी कम्फर्ट फिल्म है.
आप हमेशा से एक्ट्रेस बनना चाहती थीं?
मुझे कभी एक्ट्रेस नहीं बनना था और ना ही मैं कभी इंडस्ट्री के बारे में जानती थी. मेरा पढ़ाई पर फोकस था. मुंबई में अपना इंटर्नशिप करने के लिए आयी थी. उस दौरान मुझे एक विज्ञापन फिल्म हाथ लग गयी. उसके बहुत अच्छे पैसे मिले. उसके बाद मुझे ऑफर्स आने लगें. कभी कोई फिल्म, तो कभी कोई शो. वहां से शुरुआत हुई और आज मैं ‘तितली’ शो में शीर्ष भूमिका में हूं. सच कहूं, तो मैंने कभी सोचा नहीं था और ना ही कभी कोशिश की थी. सबकुछ बस होता चला गया. वो बोलते हैं ना, जब कोई चीज आपके लिए बनी होती है, तो रास्ते खुद ही खुल जाते हैं. मेरे साथ भी यही हुआ.
एक्टिंग में किस्मत आपको लेकर आयी है, पर एक्टिंग में बेस्ट देने के लिए क्या तैयारी रही है?
अपने करियर को लेकर मैं बहुत फोकस्ड और सीरियस हूं. मैं अपना 100 प्रतिशत इसको दे रही हूं. अभी मैं इसी में पूरी तरह से समर्पित हूं और आगे भी रहना चाहती हूं. जो भी मैंने प्रोजेक्ट किया है, उसमे मैंने खुद को पूरी तरह से तैयार किया है. टाइम के साथ मैंने खुद को किरदार में ढाला है. मैं हर दिन सीखने में यकीन करती हूं.
अभी कुछ ही दिन हुए हैं शो को ऑन एयर हुए. शो को कैसा रिस्पांस मिल रहा है?
जब से सीरियल के दो प्रोमो आउट हुए थे, उसके बाद से ही दर्शकों का अच्छा रिस्पांस मिलने लगा था. आने वाले वक्त में इसके और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. इस शो की कहानी ऐसी है, जिसे देखते हुए आपको लगेगा ही नहीं कि ये फालतू का ड्रामा चल रहा है. इससे सभी जुड़ाव महसूस करेंगे. यह सिर्फ एक लव स्टोरी ही नहीं, बल्कि फैमिली ड्रामा भी है. हमारे शो में कोई विलेन नहीं है. वैम्प जैसा कुछ नहीं है. बहुत कुछ अलग है इस शो में.
तितली’ की भूमिका के लिए आपको क्या तैयारी करनी पड़ी?
हमारा शो गुजराती बैकड्रॉप पर है. इसके लिए मुझे थोड़ी गुजराती भाषा और अपने बोलचाल के तरीके पर काम करना पड़ा. सेट पर एक डायलेक्ट कोच होती हैं, जो इसमें हमारी मदद करती हैं. इसके अलावा किरदार में एक मासूमियत है, उसे पर्दे पर लाने पर काम करना पड़ा.
अपनी निजी जिंदगी में आप ‘तितली’ से कितना मेल खाती हैं?
‘तितली’ मुझसे काफी अलग है, पर तितली मुझे बहुत प्रेरित करती है. तितली में धैर्य कम है, लेकिन वह छोटी-छोटी चीजों से खुश होनेवाली लड़की है. अगर कोई चीज नहीं होती है, तो उसका विश्वास है कि आगे जाकर हो जायेगी, तो वह बहुत आशावान भी है. मुझे लगता है कि तितली की यह खूबी मेरे अंदर भी आये.
लाइफ पार्टनर के मामले में ‘तितली’ से आपकी सोच अलग है या एक-सी है ?
‘तितली’ शो में कहती है कि जिस तरह से उसके पापा उसकी मां को प्यार करते हैं. उसे वैसा ही पार्टनर चाहिए. अपनी निजी जिंदगी में मैं भी वैसा ही चाहती हूं. मेरे पापा, मेरी मां की खूबियां ही नहीं, उनकी खामियों को भी पसंद करते हैं. वे लॉयल हैं. मुझे भी ऐसा ही लाइफ पार्टनर चाहिए. ऐसा पार्टनर मिल जाये, तो चीजें अपने आप आसान हो जाती हैं.
टीवी बहुत हैक्टिक माना जाता है. ऐसे में खुद के लिए आप वक्त कैसे निकालती हैं?
‘तितली’ की शूटिंग में दिन के 14 घंटे जाते हैं. ऐसे में किसी और चीज के लिए समय नहीं मिल पाता है. बस मैं अपने मेडिटेशन के लिए वक्त निकालती हूं और जो भी थोड़ा ब्रेक शूट के दौरान मिलता है, उसमें कुछ ऐसा करती हूं, जिससे पूरे दिन खुद को पॉजिटिव रख सकूं.
आपकी फैमिली आपके एक्टर बनने के फैसले को लेकर कितनी सपोर्टिंव रही है?
मेरी फैमिली मेरे हर फैसले को लेकर सपोर्टिंव रही है. हर कदम पर पढ़ाई हो या कैरियर, उन्होंने मेरा साथ दिया है. उनका मानना है कि जब तक आप खुश नहीं हो. हम जबरदस्ती आपसे कुछ भी करवाएं उसमें आपको खुशी नहीं मिलेगी, तो आप जिस चीज को करने में एन्जॉय करते हैं, वो करिए. मुझे दुखी करके मेरी फैमिली गिल्ट में नहीं रह सकती थी. इसलिए हर फैसले में उन्होंने मुझे सपोर्ट किया है.