Oscar entry Santosh: लापता लेडीज के बाद, एक और दमदार फिल्म हुई नॉमिनेट, UK ने चुना हिंदी फिल्म को ऑस्कर 2025 के लिए
संतोष एक मर्डर मिस्ट्री फिल्म है, जिसमें एक महिला पुलिस वाले की जर्नी दिखाई गई है. UK ने इसे ऑस्कर के लिए सेलेक्ट किया है. फिल्म समाज के लिए एक स्ट्रॉन्ग मेसेज देती है.
Oscar entry Santosh: UK ने अपनी ऑफिशियल एंट्री के लिए हिंदी फिल्म संतोष को चुना है, जो ऑस्कर 2025 की रेस में है. जैसे इंडिया ने लापता लेडीज को नॉमिनेट किया, वैसे ही UK ने ये फिल्म सेलेक्ट की है. तो चलिए जानते हैं, इस फिल्म के कुछ छुपे हुए राज और इसकी सक्सेस के पीछे की मजेदार बातें.
UK ने क्यों चुनी संतोष ?
संतोष फिल्म को UK ने इसलिए नॉमिनेट किया क्योंकि इसे वहां रिलीज किया गया था और इसमें ब्रिटिश प्रोड्यूसर्स का हाथ है. BAFTA ने इस फिल्म को चुना, जो अकादमी के लिए UK की एंट्री तय करता है. ये फिल्म कान्स फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई गई थी, जहां इसकी स्टोरी ने लोगों को इंप्रेस कर दिया. फिल्म के प्रोड्यूसर माइक गुडरिज और जेम्स बौशर हैं. इसे BFI और BBC फिल्म ने फाइनेंस किया है. फिल्म की कहानी एक कड़क पुलिस वाली संतोष के बारे में है, जो अपने पति की मौत के बाद उसकी नौकरी लेती है और एक यंग लड़की की मर्डर मिस्ट्री सुलझाने की कोशिश करती है. है न काफी इंटरेस्टिंग.
फिल्म में कौन-कौन है?
इस फिल्म की स्टार कास्ट भी धमाकेदार है. इसमें शहाना गोस्वामी और सुनीता राजवार लीड रोल में हैं. शहाना ने संतोष का किरदार निभाया है, जो पुलिस की जॉब करती है और अपनी पर्सनल लाइफ में भी काफी स्ट्रगल करती है. वहीं, सुनीता राजवार ने भी अपने रोल में जान डाल दी है. उनका किरदार समाज में महिलाओं के लिए हो रही दिक्कतों को शो करता है, खासकर इंडिया के रूरल एरिया में.
क्या है फिल्म का सोशल मैसेज?
फिल्म का सबसे बड़ा मेसेज ये है कि महिलाओं के सामने कितनी चुनौतिया होती हैं, खासकर जब बात आती है उनके हक और इज्ज़त की. संतोष का रोल दिखाता है कि कैसे एक औरत समाज के प्रेशर के बावजूद अपने लिए खड़ी हो सकती है और मुश्किल सिचुएशन्स का सामना कर सकती है.
ऑस्कर की रेस में संतोष
अब संतोष ऑस्कर 2025 के लिए लापता लेडीज के साथ कम्पीट करेगी. जनवरी 2025 में पता चलेगा कि कौन सी पांच फिल्में फाइनल नॉमिनेशन में आती हैं. और कौन जाने, ये फिल्म ऑस्कर में इंडिया का नाम भी रौशन कर दे. ये सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सोशली रिलेवेंट स्टोरी है, जो दिखाती है कि एक महिला अपने स्ट्रगल से कैसे निकलकर अपनी पहचान बनाती है.
फिल्म का दमदार डायरेक्शन
इस फिल्म को डायरेक्ट किया है संध्या सूरी ने, जो एक मस्त इन्वेस्टिगेटिव थ्रिलर है. इसमें एक स्ट्रॉन्ग नारीवादी एंगल है, जो हर लड़की और औरत को हिम्मत और इंस्पिरेशन देता है.
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