सिनेमा जगत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक ऑस्कर है. इस बार अकादमी पुरस्कार 12 मार्च को अमेरिका के लॉस एंजेलिस के डॉल्बी थिएटर में आयोजित होगा. पिछले कुछ सालों में अकादमी पुरस्कारों में बहुत कुछ बदल गया है. इस समारोह में रेड कारपेट का एक विशेष महत्व है. इसी रेड कारपेट पर सितारे आते हैं और अपना जलवा बिखेरते हैं. लेकिन 62 साल बाद पहली बार ऐसा होगा जब ऑस्कर समारोह का कारपेड रेड नहीं होगा. सालों तक रेड कलर इस समारोह पर छाया रहा है.
ऑस्कर की मेजबानी करने वाली एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स ने लाल रंग के बजाय इस बार चमकीले सफेद रंग यानी शैम्पेन कलर को चुना है. डॉल्बी थिएटर के बाहर एक शैंपेन रंग का कालीन बिछाया गया. फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार 95 वें ऑस्कर की मेजबानी कर रहे जिमी किमेल ने कहा, “मुझे लगता है कि रेड कार्पेट पर शैम्पेन कालीन के साथ जाने का निर्णय दिखाता है कि हम कितने आश्वस्त हैं कि कोई खून नहीं बहाया जाएगा.”
रंग बदलने का निर्णय रचनात्मक सलाहकार लिसा लव और न्यूयॉर्क में ग्लैमरस मेट गाला के रचनात्मक निदेशक राउल एविला से आया है. लिसा लव लंबे समय से वोग योगदानकर्ता हैं. लव ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, “हमने एक दिन की घटना को रात में बदल दिया. यह शाम है.” उन्होंने कहा कि,’ परिवर्तन पर कोई बहस नहीं हुई. उन्हें इतना पता है कि उन्हें परंपरा से टूटने की आजादी है.
उन्होंने कुछ अन्य रंगों को भी आजमाया लेकिन वे ढके हुए तंबू के साथ बहुत गहरे रंग के लग रहे थे. लव ने कहा, “हमने इस खूबसूरत सियाना, केसरिया रंग को चुना है जो सूर्यास्त को उजागर करता है, क्योंकि यह सूर्यास्त से पहले के सुनहरे घंटे हैं.” लव ने कहा कि, “यह सिर्फ एक हल्कापन है और उम्मीद है कि लोग इसे पसंद करेंगे. इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा शैम्पेन रंग का कालीन होगा.
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यह भारत के लिए भी एक बड़ा क्षण है क्योंकि एसएस राजामौली की मैग्नम ओपस आरआरआर इस साल ऑस्कर की दौड़ में है. आरआरआर को सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में नातू नातू के लिए ऑस्कर नामांकन मिला है. इस श्रेणी में अन्य नामांकितों में अप्लॉज़ (टेल इट लाइक अ वुमन), होल्ड माय हैंड (टॉप गन मेवरिक), लिफ्ट मी अप (ब्लैक पाथेर वाकांडा फॉरएवर) और दिस इज ए लाइफ (एवरीथिंग एवरीवेयर ऑल एट वन्स) शामिल हैं.