Oscars 2024: भारत की ‘टू किल अ टाइगर’ बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर कैटेगरी में हुई नॉमिनेट, इमोशनल कर देगी कहानी

भारत की डॉक्यूमेंट्री फीचर, टू किल अ टाइगर को 96वें ऑस्कर में बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है. इसका निर्देशन दिल्ली में जन्मी निशा पाहुजा ने किया है. फिल्म ने टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 में सर्वश्रेष्ठ कनाडाई फीचर फिल्म के लिए एम्प्लीफाई वॉयस अवार्ड जीता था.

By Ashish Lata | January 24, 2024 1:16 PM

अकादमी पुरस्कारों के 96वें एडिशन के लिए नॉमिनेशन की घोषणा कैलिफोर्निया के बेवर्ली हिल्स में सैमुअल गोल्डविन थिएटर में अभिनेता जाजी बीट्ज और जैक क्वैड की ओर से की गई. बेस्ट पिक्चर और बेस्ट डायरेक्शन सहित 13 नामांकन के साथ लीडिंग, क्रिस्टोफर नोलन की ओपेनहाइमर ने अपना दबदबा जारी रखा. इसी बीच भारत से भी एक डॉक्यूमेंट्री को जगह मिली है. टू किल अ टाइगर को 96वें ऑस्कर में सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फीचर श्रेणी में नॉमिनेट किया गया है. नामांकन की घोषणा मंगलवार, 23 जनवरी (IST) को की गई. टू किल अ टाइगर का निर्देशन दिल्ली में जन्मी निशा पाहुजा ने किया है, जो वर्तमान में टोरंटो में रहती हैं. फिल्म ने इससे पहले टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2022 में सर्वश्रेष्ठ कनाडाई फीचर फिल्म के लिए एम्प्लीफाई वॉयस अवार्ड जीता था. यह फीचर न्याय के लिए रंजीत की लड़ाई पर केंद्रित है, जिसकी बेटी का तीन लोगों की ओर से यौन उत्पीड़न किया गया था.

टू किल अ टाइगर को ऑस्कर 2024 के लिए किया गया नॉमिनेटेड

फिल्म के ऑफिशियल सारांश में लिखा है, “रंजीत पुलिस के पास जाता है, और लोगों को गिरफ्तार कर लिया जाता है, लेकिन रंजीत की राहत अल्पकालिक है, क्योंकि गांववाले और उनके नेता परिवार को आरोप वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए निरंतर अभियान चलाते हैं. एक सिनेमाई डॉक्यूमेंट्री, टू किल अ टाइगर, अपने बच्चे के लिए न्याय पाने के लिए रंजीत की कठिन लड़ाई को दर्शाती है.” इसका निर्माण कॉर्नेलिया प्रिंसिपे और डेविड ओपेनहेम ने किया है. सर्वश्रेष्ठ डॉक्यूमेंट्री फीचर में अन्य नामांकित व्यक्ति हैं, बॉबी वाइन: द पीपल्स प्रेसिडेंट, द इटरनल मेमोरी, फोर डॉटर्स, और 20 डेज इन मारियुपोल. किसकी जीत होती है, इसका पता 11 मार्च को ही चलेगा.

क्या है टू किल अ टाइगर की कहानी

टू किल अ टाइगर, झारखंड में एक 13 साल की बच्ची से हुए सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसको न्याय दिलाने के लिए उसके परिवार के संघर्ष की कहानी है. निशा पाहुजा ने बड़ी ही खूबसूरती से गांव की एक बेटी और उसके माता-पिता के दर्द और संघर्ष को सिल्वर स्क्रीन पर उतारने की कोशिश की है. इसमें बताया है कि 13 साल की एक मासूम बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म होता है. उसके माता-पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाना चाहते हैं, लेकिन गांव के लोग उसे रोकते हैं. बड़े-बुजुर्ग यह कहकर मामले को दबाने की कोशिश करते हैं कि जिन लोगों ने उसके साथ गलत किया है, उसके लिए उनकी बेटी ने ही उकसाया होगा. लेकिन, बच्ची के माता-पिता अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए अड़ जाते हैं. इसके बाद शुरू होता है उनका संघर्ष.

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टू किल अ टाइगर को पहले भी मिल चुके हैं अवॉर्ड्स

ऑस्कर नामांकन पाने के अलावा, ‘टू किल अ टाइगर’ ने 2022 टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ कनाडाई फिल्म का पुरस्कार और पाम स्प्रिंग्स फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर का पुरस्कार भी जीता. ‘टू किल अ टाइगर’ को अक्टूबर 2023 में न्यूयॉर्क के फिल्म फोरम में नाटकीय रूप से रिलीज किया गया था. संभावित ऑस्कर गौरव की राह पर, टू किल अ टाइगर के पास कुछ दिग्गज प्रमोटर हैं, जिनमें कार्यकारी निर्माता देव पटेल, मिंडी कलिंग, रूपी कौर और अतुल गवांडे शामिल हैं.

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