वेब सीरीज- पंचायत 2
निर्देशक- दीपक कुमार मिश्रा
निर्माता-टीवीएफ प्रोडक्शन
कलाकार- जितेंद्र कुमार,रघुबीर यादव, चंदन रॉय, फैसल मलिक,नीना गुप्ता, सांविका, दुर्गेश कुमार,सुनीता राजबर,
रेटिंग- तीन
प्लेटफार्म- अमेज़न प्राइम वीडियो
टीवीएफ की लोकप्रिय वेब सीरीज पंचायत के अगले सीजन का इंतज़ार आखिरकार खत्म हो गया है. पंचायत 2 ने ओटीटी पर दस्तक दे दी है. पिछला सीजन जिस दृश्य के साथ खत्म हुआ था.
उम्मीद थी कि अभिषेक (जितेंद्र कुमार) और रिंकी (सांविका)की प्रेम कहानी इस बार कहानी की अहम धुरी होगी लेकिन कहानी प्यार की नहीं बल्कि इस बार भी फुलेरा गाँव की एक के बाद एक दिक्कतों पर ही आधारित है.कुछ कुछ पिछले सीजन की तरह. जिसे सचिव अभिषेक (जितेंद्र)प्रधान पति( रघुबीर यादव) और दो सहायकों विकास (चंदन)और प्रह्लाद(फैसल मलिक) के साथ मिलकर लड़ते ,भिड़ते और ठीक करते दिख रहे हैं. सीरीज सिर्फ फुलेरा गांव की परेशानियों की नहीं बल्कि इंसानी रिश्तों के ताने बाने की भी है.जो दोस्ती के रिश्ते को बहुत अनोखा और खास बताता है.
पिछले सीजन की तरह इस बार भी गाँव की खुशबू यह सीरीज खुद में समेटे है . किरदारों की सादगी इस बार भी इस सीरीज को खास बनाती है. खामियों की बात करें सीरीज का लेखन इस बार पिछले सीजन के मुकाबले उन्नीस रह गया है हालांकि सीरीज का आखिरी एपिसोड बहुत बहुत खास बन पड़ा है खासकर क्लाइमेक्स.जो आंखों को नम कर गया है लेकिन कहानी से ज़्यादा किरदारों ने इस बार रंग जमाया है. यह कहना गलत ना होगा पंचायत का पहला सीजन अपने पंचेस और वन लाइनर की वजह से काफी लोकप्रिय हुआ था. गजब बेइज़्ज़ती है यह लाइन डेढ़ सालों में भी शायद ही कोई भूला हो लेकिन इस बार कोई डायलॉग या पंच उस कदर यादगार नहीं बन पाया है.
अभिनय में जितेंद्र कुमार अपने चित परिचित अंदाज़ में नज़र आए हैं तो हमेशा की तरह रघुबीर यादव अपने उम्दा अभिनय से अपने गुस्से हो या चुहलबाजी से मुस्कुराहट बिखेर जाते हैं. नीना गुप्ता को इस बार कम स्पेस मिला है.उनके किरदार से कुछ खास करने की इस बार उम्मीद बंधी थी. जो अखरती है हालांकि रघुबीर यादव और उनकी नोंक झोंक इस सीजन भी बहुत खास बन पड़ा है.फैसल मलिक ने इस सीजन यादगार परफॉरमेंस दी है.हंसाने के साथ साथ वह आंखों को नम भी कर गए हैं.विकास के किरदार में चंदन रॉय भी छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. पंकज झा,सांविका,दुर्गेश कुमार और सुनीता राजबर ने भी अपने अपने अभिनय से इस सीरीज को खास बनाया है.इस सीजन कलाकारों का अभिनय सीरीज की एक अहम यूएसपी है.
दूसरे पहलुओं की बात करें तो सिनेमेटोग्राफी में फुलेरा गांव की वही गालियां और खेत खलिहान नज़र आए हैं.जिनसे हम पिछले सीजन में परिचित हो चुके थे.गीत संगीत में अनुराग सैकिया का संगीत सीरीज की कहानी,किरदार और हालात के साथ बखूबी न्याय करता है. अभिनय की तरह गीत संगीत भी इस सीजन का मजबूत पक्ष है.