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panchayat fame दुर्गेश कुमार ने बयां किया अपना दर्द कहा शादी के लिए लोग अपनी बेटी मुझे नहीं दे रहे हैं ..बतायी ये है वजह 

panchayat के दुर्गेश कुमार ने कहा कि संघर्ष ख़त्म नहीं हुआ है.सिर्फ प्रोफेशनल ही नहीं निजी जिंदगी का भी अपना संघर्ष है.

panchayat fame दुर्गेश कुमार इनदिनों इंडस्ट्री का ख़ास चेहरा बन चुके हैं .बिहार के दरभंगा के रहने वाले दुर्गेश कुमार अपनी हालिया सफलता,मौजूदा समय की चुनौतियां और आनेवाले प्रोजेक्ट्स पर उर्मिला कोरी से लंबी बातचीत की .पेश है बातचीत के प्रमुख अंश 


पंचायत 3 के रिलीज के बाद जिंदगी कितनी बदल गई है? 

मजा तो बहुत आ रहा है.28 मई को शो रिलीज हुआ था,लेकिन अभी तक बधाइयों का सिलसिला थमा नहीं है. बड़े-बड़े डायरेक्टर ऑडिशन के लिए बुला रहे हैं. इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर बिना ऑडिशन के ही मुझे अपनी फिल्मों में कास्ट कर रहे हैं.अच्छा पैसा भी दे रहे हैं, तो अभी मैं सेटल स्थिति में हूं.


पंचायत 3 में भूषण किरदार में आपका कितना योगदान रहता है? 

मेरा तो क्या है कि जो लिखा हुआ लाइन है. उसको ईमानदारी से व्यक्त करता हूँ.अगर निर्देशक बोले हल्का इम्प्रूवाइज कर लो तो वह करता हूं. जैसे अलूहा वाला मेरा का इंप्रोवाइज है. बुटकुन कड़क चाय ला.उसमें कड़क मैंने खुद से जोड़ा है.यह मेकर का फैसला था कि देख रहा है विनोद पहले ही हिट हो चुका है तो उसको फिर से रिपीट नहीं करना है.सीजन में सिर्फ एक बार मैंने देख रहा है विनोद बोला है,लेकिन मैंने अपनी आवाज कोको नॉर्मल रखा है ताकि वह हाईलाइट ना हो. इस बार मैंने अलुआ एक्सप्लोर  किया है. उसे लाइन में यह शब्द मेरा था, जिससे डायरेक्टर ने भी पसंद किया. इसके बावजूद मैं कहूंगा कि मेरा 20% रहता है. 80% निर्देशक,लेखक और सिनेमाटोग्राफर का योगदान होता है. 

 निजी जिंदगी के अनुभव कितने काम आते हैं? 

जैसा कि सभी को पता है कि मैं बिहार के दरभंगा से हूं. मैंने बहुत करीब से गांव को देखा है और वहां रहने वाले लोगों को भी,तोअपने किरदार में मैंने वो भी उतारने की कोशिश की है. बहुत लोग को शिकायत है कि मैंने ग़ुस्से वाले सीम गाना क्यों गया है. मेरे गांव में तो लोग गाली भी गा कर देते हैं और कोई मरता भी है तो अ आ गीत गाकर रोते हैं. मेरे पास को रेफरेंस था इसलिए मुझे यह बात पता है कि गुस्से को सिर्फ चेहरे से नहीं दिखाया जा सकता है. अगर गाना गाकर आप गुस्सा दिखाएंगे लोगों को और ज्यादा को प्रभावित करता है कि कितना ज्यादा गुस्सा है. 


 पंचायत 2 की शूटिंग अपने डिप्रेशन में की थी यह खबरें आम हैं, आप उससे कितना उबर पाए हैं?

 मैं अभी नॉर्मल हूं.हील कर गया हूं. मेरे डॉक्टर  निखिल राव उनसे मैं  हर 6 महीने में चेकअप करवाता हूं. रोजाना में मेडिसिन भी लेता हूं.मेरा ये मेडिसिन भी कुछ दिनों में बंद हो जाएगा.दरअसल उस वक्त पिताजी को ब्रेन हैमरेज हो गया था. तो डिप्रेशन होना स्वाभाविक था.उसी वक्त पंचायत 2 की शूटिंग का भी ऑफर आ गया था,जो लोग कहते हैं कि कैमरे से कुछ भी नहीं छुपाया जा सकता है. मैं कहूंगा कि हम एक्टर जो दिखाते हैं कैमरा वही पकड़ता है. उसके साथ मैं चार्ली चैपलिन जी की बात को भी दोहराऊंगा कि असली कॉमेडी दुख में होती है.कोई बड़ा आदमी केले के छिलके पर गिरता है तो हम हंस देते हैं, जबकि उसके लिए यह दुख की बात है.


लापता लेडीज  के वक्त जब आपसे बात हुई थी तब आपने कहा था कि आराम नगर में कास्टिंग डायरेक्टर के ऑफिस चक्कर लगाता हूं, पंचायत 3 हालात कितने बदले हैं?

अरे  कल भी गया था, जब तक यशराज, धर्मा बड़े रोल्स नहीं देगा तब तक कैसे चलेगा. अभी तो हम लोग बहुत नीचे स्तर पर हैं. मैं सबके पास जाकर यही दोहराता हूं कि भाई कुछ अच्छा रोल देखो. कुछ बड़ा रोल देखो,तो वह बोलते हैं कि अरे यार तू क्यों आ जाता है .तू तो बहुत अच्छा कर रहा है. जब कुछ होगा,तो हम खुद सामने से तुझे बताएंगे. क्या है कि मुकेश छाबड़ा, कास्टिंग बे, एंटी कास्टिंग है. उनके पास अगर स्क्रिप्ट आएगी तो वह मुझे बुलाते हैं. ऑडिशन लेते हैं,लेकिन कभी-कभी क्या होता है कि कोई अच्छा प्रोजेक्ट नए कास्टिंग वाले के पास भी आ जाता है .जैसे पराग मेहता,कबीर सिन्हा, शुभम,रोमी मोदी, श्रीशांत इन लोगों के पास भी आ जाता है ,तो मैं उस स्क्रिप्ट के लिए सबके पास जाता हूं, जो अभिनेता के तौर पर मेरे रेंज को एक फायदा ऊपर ले जा सके. 

क्या लीड एक्टर वाला टैग आप मिस करते हैं? 

 मैंने थिएटर में कई लीड रोल किए हैं,लेकिन मुझे इस इंडस्ट्री का हमेशा से पता था कि यह पैसों से चलती है, तो मैं पैसे कमा कर नहीं दे सकता. मैं वह चेहरा नहीं हूं. मै कैरक्टर आर्टिस्ट हूं. जिसमें मैं संजय मिश्रा,मनोज पाहवा, विजेंद्र कालरा, गजराज राव आइडियल मानता हूं को आइडियल मानता हूं और उनकी तरह काम करना चाहता हूं. अब लोग मुझे कम से कम 10 से 12 दिन के रोल के लिए सोचें.मेरे लिए यही बहुत बड़ी बात होगी. 

एक्टिंग में किस अभिनेता ने आपको सबसे ज्यादा प्रभावित किया है?

एक एक्टर का नाम लूंगा, जिनका नाम बहुत लोग नहीं लेते हैं.उनका नाम है महेंद्र मेवाती, सागर मध्यप्रदेश के.195 के एनएसडी बैच के थे. दिल्ली में थिएटर किया,फिर मुंबई आए लेकिन मुंबई में काम न मिलने की वजह से वह दोबारा दिल्ली चले गए.वापस आकर  प्ले ओथेलो किया था. उसमें उनका अभिनय देखकर मेरी हवा टाइट हो गई थी. उसके बाद दूसरा परफॉर्मेंस औरंगज़ेब देखा .क्या कमाल का परफॉर्मेंस था. एक राजेंद्र नाथ हैं, उनके यहां सखाराम बाइंडर करके प्ले होता था. बैंक में काम करते थे, वो सखाराम बाइंडर का किरदार करते थे. उनका नाम मैं याद नहीं आ रहा है लेकिन उनदोनों के अभिनय में मुझे अभिनय का चरम सुख महसूस करवाया था.

कोई फिल्म जिसमें अपने एक्टिंग की हो,लेकिन बाद में आपका रोल कट गया हो?

 बहुत सारी है . मैं रणबीर कपूर के साथ जग्गा जासूस फिल्म की थी. उसमे बैंक लूटने वाले मेरे दो सीन थे,लेकिन फिल्म की लंबाई बढ़ी तो मेरा रोल कट गया. संजू फिल्म में मैं पोस्टमैन का रोल किया था,तो वह सीन भी कट गया था. वह मेरे संघर्ष का बहुत ही मुश्किल दौर था. मुश्किल से एक दो तीन सीन मिलते थे.ऐसे में जब वो सीन भी कट जाता था तो बहुत बुरा लगता था. दोस्त लोग भी बोलते थे अरे यार तूने बोला था कि तुम इसफिल्म देखोगे, लेकिन तुम्हारा तो एक भी सीन नहीं है. अभी हाल ही में फिल्म महाराज में भी मेरा एक सीन था. कोर्ट में जहां पर आमिर खान के बेटे का मोनोलॉग है. मेरा कॉमेडी सीन था लेकिन वह भी कट गया.

आपके व्हाट्सएप डीपी में  प्रसिद्ध लेखक नागार्जुन की तस्वीर है ,कोई ख़ास वजह ?

नागार्जुन हमारे यहां के बहुत बड़े लेखक हैं.मैं बिहार के छोटी सी जगह से आता हूं ,तो आप ऐसे में देखते हैं कि आपके क्षेत्र से कौन सबसे पहले बड़ा आदमी बना.मैं देखता हूं कि नागार्जुन साहब हमारे जिला के सबसे पहले बड़े आदमी बने थे फिर आए राम गोपाल बजाज, अमृत श्रीकांत. विद्यापति भी बहुत पहले थे. अभी मेरा नाम भी आता है. मुझे यह प्राउड तो देता है लेकिन अभी बहुत लंबी जर्नी है. 


आपकी फैमिली का आपकी सफलता पर क्या कहना है?

 झूठ नहीं बोलूंगा ,मेरी फैमिली वाले मेरा कुछ भी कुछ नहीं देखते हैं. मेरा बड़ा भाई नहीं देखता है.मेरी बहनें भी नहीं देखती हैं. वह तो अभी भी यही बात दोहराती है कि तू इंजीनियर होता,तो अच्छा होता था. इसकी एक वजह है. (हंसते हुए) बताना नहीं चाहिए,लेकिन फिर भी बता रहा हूं कि मैं 38 साल का हो गया हूं. मैं मैथिल ब्राह्मण हूं.मेरी शादी नहीं हो रही है. गांव वाले बोलते हैं कि इसकी शादी हो चुकी है. इसके बच्चे हैं क्योंकि मैं फिल्मों में काम करता हूं और मुंबई में रहता हूं.


 आपके आने वाले प्रोजेक्ट कौन-कौन से हैं ?

 अभी आएगी गैंग्स ऑफ़ गाजियाबाद, जिसमें शत्रुघ्न सिन्हा, आशुतोष राणा जैसे कलाकार मेरे साथ दिखेंगे. सैफ अली खान की फिल्म कर्तव्य में भी दिखूंगा.रकुल प्रीत के साथ फिल्म अमीरी में काम किया है. रतनपुरा एक इंडिपेंडेंट फिल्म हैं. इसके साथ ही दो से तीन मेरी शॉर्ट फिल्में भी आएंगे.


 मुंबई में आपने अपना आशियाना ले लिया है?

  हां अभी कुछ महीने पहले मुंबई की यारी रोड में मैंने अपना एक फ्लैट ले लिया है.अब मुझे रूम रेंट देने का टेंशन नहीं रहेगा.


 घर दिलवाने में क्या पंचायत का श्रेय है?

 पंचायत से जीवन अच्छा चल रहा था ,लेकिन ऑफ़ गाजियाबाद में मुझे बहुत अच्छे पैसे मिले थे. थोड़े बहुत घर वालों से भी मदद ली थी.खुशी बात यह है कि अब मैं आराम नगर जाकर आराम से स्ट्रगल कर सकता हूं. मुझे रूम रेंट का सोचना नहीं पड़ेगा. 


 क्या महंगी कार अगली विश लिस्ट है?  

(हंसते हुए)अब बस एक की विश लिस्ट है कि एक अच्छी सी लड़की ढूंढ कर शादी कर लूं.


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