अब प्रवासी मजदूरों के लिए सोनू ने लिया बड़ा फैसला, 400 से अधिक परिवारों की करेंगे ऐसे मदद

अभिनेता सोनू सूद ने कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में मारे गए और घायल हुए प्रवासी मजदूरों के 400 से अधिक परिवारों की आर्थिक मदद करने का संकल्प लिया है .

By PankajKumar Pathak | July 13, 2020 3:30 PM
an image

मुंबई : अभिनेता सोनू सूद ने कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में मारे गए और घायल हुए प्रवासी मजदूरों के 400 से अधिक परिवारों की आर्थिक मदद करने का संकल्प लिया है .

Also Read: क्या आंकड़े छुपा रही है सरकार ? तीन महीने बाद दी गयी कोरोना से दो मरीजों की हुई मौत की जानकारी

फिल्म ‘दबंग’ के अभिनेता ने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के साथ संपर्क किया और लॉकडाउन में जान गंवाने वाले प्रवासी मजदूरों का पता और बैंक विवरण लिया. सूद ने एक बयान में कहा, “मैंने मारे गए या घायल हुए प्रवासियों के परिवारों के सुरक्षित भविष्य के लिए मदद करने का फैसला किया है.

मुझे लगता है कि उनकी मदद करना मेरी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है.” सूद हजारों प्रवासियों को उनके गृह राज्यों में पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था कर रहे हैं. पिछले महीने, अभिनेता ने 300 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को गृह राज्य भेजने में मदद करने के लिए चार्टर्ड विमानों की व्यवस्था की थी.

लॉकडाउन में प्रवासियों की मदद को लेकर पूरा देश जहां सोनू सूद की दरियादिली का कायल हो गया है. सोनू सूद ने खुलकर प्रवासी मजदूरों की मदद की उनके घर भेजने का इंतजाम किया. सोनू अब एक कदम और आगे बढ़कर अब प्रवासी मजदूरों को घर तक मदद पहुंचायेंगे.

सोनू सूद के इस कदम को लेकर भी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है. ध्यान रहे कि सोनू जब प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए सामने आये थे तो कई सवाल भी खड़े हुए थे. संजय राउत ने फिल्म अभिनेता सोनू सूद पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और मुंबई के सेलिब्रिटी मैनेजर बन जाएंगे.

सामना’ में भी लेख छपा जिस पर लिखा सूद के इन कार्यों से ऐसा लगता है कि राज्य और केंद्र सरकार प्रवासी कामगारों के लिए कुछ भी करने में विफल रही है और केवल सूद ही थे जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की उनके घर पहुंचने में मदद की. शिवसेना नेता ने यह सवाल भी उठाया कि लॉकडाउन में अभिनेता को बसें कहां से मिल रही हैं?

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Exit mobile version