Pankaj Udhas Funeral: पंचतत्व में विलीन हुए गजल गायक पंकज उधास, अंतिम दर्शन में पहुंचे कई कलाकार
Pankaj Udhas funeral: संगीत जगत के दिग्गज और पद्मश्री विजेता पंकज उधास ने 26 फरवरी को अपनी अंतिम सांस ली. अनुभवी गजल गायक, जो चिट्ठी आई है और चांदी जय रंग जैसी अपनी गजलों के लिए जाने जाते थे आज पंचतत्व में विलीन हो गए.
Pankaj Udhas Funeral: जाने-माने गजल गायक पंकज उधास, जिनकी मखमली मधुर आवाज ने ‘चिट्ठी आई है’ और और ‘आहिस्ता किजिये बातें’ जैसे गीतों में प्यार, चाहत और दिल के दर्द के कई रंगों को अभिव्यक्ति दी, का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को मुंबई में निधन हो गया. उन्होंने महज 72 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी बेटी नायाब ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा, “बहुत भारी मन से, हम आपको 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन के बारे में सूचित करते हुए दुखी हैं.” आज महान गायक पंचतत्व में विलीन हुए. उनके अंतिम संस्कार में परिवार वाले और दोस्तों के अलावा जाकिर हुसैन, शंकर महादेवन जैसे सेलेब्स शामिल हुए. सभी ने नम आंखों से गजल गायक को आखिरी बार अलविदा कहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज उधास को दी थी श्रद्धांजलि
Pankaj Udhas Funeral: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज उधास के निधन पर शोक संवेदना प्रकट की. राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘पद्मश्री और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित पंकज उधास जी ने संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं.’’ इधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रख्यात गजल गायक के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह भारतीय संगीत के ऐसे प्रकाशस्तंभ थे, जिन्होंने अपनी आवाज से हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया. मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनके गायन से अनेक भाव व्यक्त होते थे और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं. वह भारतीय संगीत के प्रकाशस्तंभ थे, जिनकी धुन ने हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया. मुझे उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीत याद हैं. उनके जाने से संगीत की दुनिया में एक ऐसा शून्य पैदा हुआ है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना.’’
ये हैं पंकज उधास के मशहूर गजल
पंकज उधास को तलत अजीज और जगजीत सिंह जैसे कलाकारों के साथ गजल गायकी को लोकप्रिय बनाने का श्रेय दिया जाता है. उन्होंने अपनी पहली एलबम ‘आहट’ 1980 में जारी की थी और चार दशक के करियर में 50 से अधिक एलबम बनाई. ये उनके पार्श्व गायक के रूप में गाए गीतों से अलग थीं. उनके सबसे मशहूर गीतों और गजलों की बात करें तो ‘ना कजरे की धार’, ‘ऐ गमे जिंदगी कुछ तो दे मशवरा’, ‘मैखाने से शराब से’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल’, ‘आज फिर तुम पे प्यार आया है’, ‘मोहब्बत इनायत करम देखते हैं’, ‘जानेमन करवटें बदल बदल’ प्रमुख हैं.
पंकज उधास को गजल के अलावा घूमने का था बड़ा शौक
पंकज उधास गजलों का दूसरा नाम थे. रेख्ता डॉट कॉम के अनुसार गजल एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है ‘महबूब से बातें करना’. उधास के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार वह गजल गायक के साथ ही कला प्रेमी, पाठक थे. उन्हें अलग-अलग जगहों पर जाने का और तरह-तरह के व्यंजन खाने का शौक था. उनके फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा है, ‘‘मैं गजलों के अलावा बीटल्स को सुनता हूं.’’ उन्हें 2006 में पद्मश्री से नवाजा गया था. गुजरात के राजकोट में संगीतज्ञों के परिवार में जन्मे उधास के पिता केशूभाई उधास वाद्ययंत्र ‘दिलरुबा’ बजाते थे. उनके दो बड़े भाई मनहर उधास और निर्मल उधास भी जानेमाने गायक हैं.
इन सेलेब्स ने जताया शोक
शाहरुख खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने अपनी पहली कमाई उधास के एक कॉन्सर्ट में मेहमानों का स्वागत करने के काम के लिए हासिल की थी और इसमें से 50 रुपये से आगरा जाकर ताज महल देखा था. अभिनेता जॉन अब्राहम सबसे पहले 1999 में उधास की एलबम ‘महक’ में दिखाई दिए थे और उसके बाद मशहूर हो गए. मशहूर गायक और उधास के मित्र अनूप जलोटा, गायिका अनुराधा पौडवाल, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, गायक दलेर मेहंदी आदि ने भी उधास के निधन पर शोक जताया. (भाषा इनपुट के साथ)
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