Pankaj Udhas Passes Away: मनोरंजन जगत को आज बड़ा झटका लगा है. जी हां लेजेंडरी सिंगर पंकज उधास अब इस दुनिया में नहीं रहे. महान गायक का आज लंबी बीमारी के बाद 72 वर्ष में निधन हो गया. यह खबर उनके परिवार ने साझा की. एक बयान में, उन्होंने कहा, “बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के कारण 26 फरवरी, 2024 को पद्मश्री पंकज उधार के दुखद निधन के बारे में सूचित करते हुए दुखी हैं.” यह खबर कई लोगों के लिए सदमे की तरह आई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पंकज उधास का ब्रीच कैंडी अस्पताल में सुबह करीब 11 बजे निधन हो गया. वहीं अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा.
पंकज उधास का निधन
गायक सोनू निगम उनकी मौत पर प्रतिक्रिया देने वाले पहले लोगों में से थे. सोनू ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, “मेरे बचपन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा आज खो गया है… श्री पंकज उधास जी, मैं आपको हमेशा याद करूंगा. यह जानकर मेरा दिल रोता है कि आप नहीं रहे. वहां होने के लिए आपका शुक्रिया… शांति.” महान गजल गायक पंकज उधास के आकस्मिक निधन ने दुनिया भर के संगीत प्रेमियों को दुखी कर दिया है. जब बॉलीवुड कपल ऋचा चड्ढा और अली फजल को दुर्भाग्यपूर्ण खबर के बारे में बताया तो वे हैरान रह गए. उन्होंने कहा, “क्या??? लेकिन, वह अभी बहुत यंग थे.. ये हैरान कर देने वाला है.”
पंकज उधास के बारे में
पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को जेतपुर, गुजरात में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1980 में आहट नाम से एक गजल एल्बम जारी करके की. जल्द ही, वह भारत में गजल संगीत का पर्याय बन गए. बॉलीवुड में, उन्होंने संजय दत्त की फिल्म नाम के लिए प्रतिष्ठित ट्रैक चिट्ठी आई है गाया था. यह गाना बहुत लोकप्रिय हुआ और इसने सभी को रुला दिया.
पंकज उधास के परिवार में और कौन-कौन हैं
पंकज ने पिछले कुछ वर्षों में कई एल्बम जारी किए और कई लाइव कॉन्सर्ट की मेजबानी की, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी. पंकज उधास को भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म श्री से सम्मानित किया गया. पंकज ने पिछले कुछ वर्षों में कई एल्बम जारी किए और कई लाइव कॉन्सर्ट को भी होस्ट किया, जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ी. इस बीच, पंकज ने 1982 में अपनी पत्नी फरीदा उधास से शादी कर ली. इस जोड़े के दो बच्चे हैं, रेवा उधास और नायाब उधास.
अपनी मधुर आवाज से जीत लिया था सबका दिल
पंकज उधास ने गजल की दुनिया पर कई सालों तक राज किया है. उनकी मधुर, आवाज आसानी से पहचानी जा सकती है. उन्होंने राजकोट में संगीत नाटक अकादमी से तबला में प्रशिक्षण लिया था. उधास के लिए, जिन्होंने गजल एल्बम ‘आहट’ (1980) से अपना करियर शुरू किया और इसके बाद तीन अन्य सफल एल्बम – ‘मुकरार’, ‘तरन्नुम’ और ‘महफिल’ दिए, फिल्म ‘नाम’ (1986) का यह गाना उनकी प्रसिद्धि को और बढ़ाने में मदद की. यह एक ऐसा ब्रेक था जिसने बॉलीवुड में उनकी उपस्थिति दर्ज कराने में मदद की.