Pavitra Rishta 2 Review : किरदार ही नहीं कहानी भी वही…
Pavitra Rishta 2 Review : टीवी की अमर जोड़ी अर्चना और मानव की प्रेम कहानी को ओटीटी प्लेटफार्म ज़ी5 ने डिजिटल सीरीज के तौर पर रिलीज किया है. इस सीरीज की निर्देशिका नंदिता मेहरा का दावा था कि किरदार वही है लेकिन कहानी नयी होगी.
Pavitra Rishta 2 Review
वेब सीरीज -पवित्र रिश्ता इट्स नेवर टू लेट
निर्मात्री- एकता कपूर
निर्देशक-नंदिता मेहरा
प्लेटफार्म -ज़ी 5
कलाकार- अंकिता लोखंडे, शहीर शेख, उषा नाडकर्णी, पूजा बमराह, रणदीप राय, असीमा वरदान,अनंत वी जोशी और अन्य
रेटिंग ढाई
टीवी की अमर जोड़ी अर्चना और मानव की प्रेम कहानी को ओटीटी प्लेटफार्म ज़ी5 ने डिजिटल सीरीज के तौर पर रिलीज किया है. इस सीरीज की निर्देशिका नंदिता मेहरा का दावा था कि किरदार वही है लेकिन कहानी नयी होगी . लेकिन ये वेब सीरीज अपने अब तक रिलीज हुए आठ एपिसोड्स में ऐसा कुछ नहीं आफर कर पायी है जो आपने सीरियल फॉरमेट में नहीं देखा होगा.
कहानी के थोड़े बहुत बदलाव के बारे में बात करें तो
अर्चना का किरदार इस बार कामकाजी लड़की है. वह एक कैफ़े में काम करती है. मानव के किरदार में शहीर शेख नज़र आ रहे हैं लेकिन वे सीरियल की तरह यहाँ भी गैरेज में ही काम कर रहे हैं. यहां भी अर्चना की सगाई टूट जाती है. मानव के साथ शादी को अर्चना की माँ तोड़ना चाहती है क्योंकि वह अर्चना की शादी पढ़े लिखे लड़के और बड़े घर में करना चाहती है . अर्चना का रिश्ता सतीश से तय होने वाला होता है कि अर्चना को मानव के प्रति अपने प्यार का एहसास हो जाता है और वो मानव को अपने प्यार का इजहार करने का फैसला करती है लेकिन फिर कुछ ऐसा हो जाता है कि कहानी में ट्विस्ट आ जाता है ( सीरियल वाला ही ट्विस्ट है). क्या अर्चना और मानव एक हो पाएंगे. यही सवाल आठवां एपिसोड छोड़ जाता है जिसका जवाब आनेवाले नए एपिसोड्स में होंगे.
यह वेब सीरीज एक नोस्टाल्जिया की तरह है खासकर सीरियल के जो भी प्रसंशक रहे हैं. इस वेब सीरीज का हर फ्रेम उसी की याद दिलाता है निश्चित तौर पर दर्शक सुशांत सिंह राजपूत को मिस करेंगे.
स्क्रिप्ट की खामियों की बात करें तो सबकुछ पर्दे पर जल्दीबाजी में घटित हो रहा है. मानव अर्चना का मिलना,प्यार और शादी होना,परिवारों के बीच मनमुटाव सबकुछ शुरुआत के दो एपिसोड में ही हो गए है जिस तरह की सादगी वाली यह प्रेम कहानी है. थोड़ा ठहराव के साथ कहानी को कहना प्रभाव को बढ़ा सकता था. किरदारों को स्थापित करने में भी बहुत जल्दीबाजी दिखायी गयी है. वेब सीरीज के शुरुआत से अंत तक में सुशांत सिंह राजपूत का कहीं भी जिक्र नहीं है ये बात अखरती भी है.
अभिनय की बात करें तो कलाकारों का अभिनय इस सीरीज की यूएसपी है. सभी किरदारों ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई है लेकिन सबसे ज़्यादा दिल उषा नाडकर्णी जीत गयी हैं. वे जब भी स्क्रीन पर नज़र आयी हैं. उन्होंने एंटरटेनमेंट को एक अलग लेवल पर पहुंचा दिया है. अर्चना के किरदार को इतने सालों बाद भी अंकिता ने उसी मासूमियत के साथ निभाया है. शहीर शेख पर सभी की आंखें लगी थी लेकिन उन्होंने मानव के किरदार की सच्चाई को पूरी शिद्दत से निभाया है.
कुलमिलाकर वेब सीरीज की कहानी में नयापन नहीं है लेकिन कलाकारों के परफॉर्मेंस के वजह से खास ज़रूर बन जाती है. अगर आप सीरियल के प्रसंशक नहीं भी हैं तो भी एक बार यह सीरीज देख सकते हैं. यह सीरीज पूरे परिवार के साथ देखी जा सकती है.