सौमित्र चटर्जी की कविताएं और चित्र पुस्तक के रूप में प्रकाशित होंगी, आयोजित होंगी स्मृति सभाएं
Soumitra Chatterjee Latest News: बांग्ला फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता सौमित्र चटर्जी की कविताएं और चित्र पुस्तक के रूप में प्रकाशित की जायेंगी. उनकी याद में स्मृति सभाओं का भी आयोजन किया जायेगा. दिवंगत अभिनेता सौमित्र चटर्जी की बेटी पौलोमी बसु ने यह जानकारी दी.
Soumitra Chatterjee Latest News: कोलकाता : बांग्ला फिल्मों के प्रख्यात अभिनेता सौमित्र चटर्जी की कविताएं और चित्र पुस्तक के रूप में प्रकाशित की जायेंगी. उनकी याद में स्मृति सभाओं का भी आयोजन किया जायेगा. दिवंगत अभिनेता सौमित्र चटर्जी की बेटी पौलोमी बसु ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि उनके पिता सौमित्र चटर्जी द्वारा बनाये गये कई रेखा चित्र, लॉकडाउन के दौरान उनके द्वारा डायरी में दर्ज अनुभव और अप्रकाशित कविताओं को आने वाले दिनों में सार्वजनिक किया जायेगा. स्व चटर्जी (85) कोविड-19 से पीड़ित थे और 15 नवंबर को उनका निधन हो गया था.
पौलोमी बसु ने कहा कि लॉकडाउन के बाद उनके पिता नियमित शूटिंग पर जाना चाहते थे और मार्च के अंत से लेकर सितंबर के पहले सप्ताह तक उन्होंने जो लिखा, उसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जायेगा. पौलोमी बसु ने कहा, ‘वह बिना काम किये नहीं रह सकते थे. लॉकडाउन के समय वह कभी कभार अस्थिर हो जाते थे. हम उन्हें कहते थे कि स्थिति पर नियंत्रण करना हमारे हाथ में नहीं है. उन्हें शूटिंग के दौरान की दिनचर्या याद आती थी. वह नियमित डायरी लिखने लगे थे.’
पौलोमी ने कहा कि उनके पिता ने जुलाई में एक बार अपनी डायरी में लिखा था कि वह अपने विचारों को कविता का रूप देना चाहते थे. उन्होंने रंगीन चित्र भी बनाये थे. सौमित्र की बेटी ने कहा कि 6 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती होने से पहले उन्होंने अंतिम बार अपनी डायरी लिखी थी.’ बसु भी अपने पिता की तरह थियेटर से जुड़ी हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं अपने पिता द्वारा लिखी गयी अंतिम कविताओं और चित्रों को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित करना चाहती हूं. हम चाहते हैं कि एक पाठक को उनके (चटर्जी) के विचारों के बारे में पता चले. हम उनके द्वारा लिखी गयी चीजों को परिवार में छिपाकर रखना नहीं चाहते.’
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प्रार्थना सभा का आयोजन
पौलोमी बसु ने अपने पिता के निधन के तीसरे दिन मंगलवार को उनकी स्मृति में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया. कहा कि वह और उनके पिता रस्म-रिवाजों में विश्वास नहीं करते थे, लेकिन उन्होंने इसे अपनी मां की इच्छा के अनुसार आयोजित किया. शहर के एक लोकप्रिय मठ में करीबी परिजनों की उपस्थिति में यह प्रार्थना सभा आयोजित की गयी.
पौलोमी ने कहा, ‘बेटी होने के नाते, मैंने यह आयोजन करने का फैसला किया. मैंने इसमें भाग लिया. मुझे लगता है कि पिता ने उस जगह की शांति को पसंद किया होता, जहां यह आयोजित किया गया.’ पौलोमी बसु ने कहा कि बाद में परिवार और थिएटर मंडली ‘मुखोमुखी’ द्वारा स्मृति सभाएं आयोजित की जायेंगी.
Posted By : Mithilesh Jha