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Potluck Review : रिश्तों की कहानी है पॉटलक, यहां पढ़ें रिव्यू

Potluck Review : गुजरा साल गुजरने के साथ सभी को एक महत्वपूर्ण सीख दे गया कि कि जीवन अनिश्चित है. अपने साथ अपनों के महत्व को भी समझिए. पॉटलक सीरीज भी इसी महत्वपूर्ण सीख को दोहराती कि अपने लोगों को साथ समय बिताना कितना ज़रूरी है.

By कोरी | September 12, 2021 9:39 AM

Potluck Review

वेब सीरीज- पॉटलक

निर्देशक-राजश्री ओझा

प्लेटफार्म- सोनी लिव

कलाकार- जतिन सियाल,किट्टू गिडवानी, शिखा तलसानिया,सायरस साहूकार, इरा दुबे,हरमन सिंघा और अन्य

रेटिंग- तीन

गुजरा साल गुजरने के साथ सभी को एक महत्वपूर्ण सीख दे गया कि कि जीवन अनिश्चित है. अपने साथ अपनों के महत्व को भी समझिए. पॉटलक सीरीज भी इसी महत्वपूर्ण सीख को दोहराती कि अपने लोगों को साथ समय बिताना कितना ज़रूरी है. यह रिश्तों की कहानी है। जो आपके चेहरे पर मुस्कान बिखेर देती है. अंग्रेज़ी के शब्द पॉटलक का हिंदी अर्थ कुछ परिवारों द्वारा अपनी अपनी रसोई में खाना बनाना फिर एक जगह इकठ्ठा होकर साथ में खाना होता है.

आठ एपिसोड वाली इस वेब सीरीज में शास्त्री परिवार है लेकिन ये परिवार होकर भी आपसे में मिलते नहीं है. सभी अपनी अपनी ज़िंदगी की आपाधापी में मशगूल हैं. किसी को किसी के लिए वक़्त नहीं है. ऐसे में गोविंद शास्त्री (जतिन सियाल),अपने रिटायरमेन्ट के बाद एक झूठ के सहारे अपने दोनों शादीशुदा बेटों,उनके परिवार औऱ सिंगल बेटी को पॉटलक के लिए राजी कर लेता है. ऊपर से इस परिवार में सबकुछ परफेक्ट है लेकिन जैसे जैसे पॉट लक के ज़रिए मुलाकातें बढ़ने लगती है.

शिकवे,गिले,दिक्कते और शिकायतें भी सामने आने लगती है. परिवार एक दूसरे को समझते हुए कैसे आपस में सामंजस्य बिठाता है. यही आठ एपिसोड की कहानी है. इस सीरीज की सबसे अच्छी बात इसकी सादगी है. माता पिता सही हैं बच्चे गलत ऐसा दिखाया नहीं गया है. हर किरदार की अपनी खूबी और खामी है जो उन्हें रियल बनाती है। जिससे हर वर्ग का दर्शक इस उच्च वर्गीय परिवार से जुड़ाव महसूस करेगा. कहानी में सोशल मीडिया का एंगल खूबसूरती से जोड़ा गया .

सीरीज की खामियों की बात करें तो 8 एपिसोड वाली ये सीरीज बीच स्लो है. परिवार कई पोटलक्स पर मिलते रहते हैं कुछ समय के बाद ये दोहराव ज़्यादा लगने लगते हैं.इन रिश्तों के बीच परेशानियां क्या है. इस पर आने में सीरीज ने थोड़ा ज़्यादा वक़्त लिया है.सीरीज की थोड़ी एडिटिंग और बढ़िया हो सकती थी.

अभिनय की बात करें तो यह सीरीज की यूएसपी है. हर अभिनेता अपने किरदार में पूरी तरह से रचा बसा है. जतिन सियाल,किट्टू गिडवानी, शिखा तलसानिया हरमन सिंघा,सायरस,इरा, सलोनी पटेल सहित सभी ने इस सीरीज में अपने अभिनय से चार चांद लगाए हैं.

सीरीज का गीत संगीत पहलू विषय के अनुरूप है तो कैमरा वर्क बढ़िया हैं. कुलमिलाकर यह एक ऐसी सीरीज है जिसे आप पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं.

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