मुम्बई में शूटिंग रुक गयी है क्या इसकी वजह से आपकी कोई शूटिंग बाधित हुई ?
मैं यूके में हूं. मैं यहां का रेसिडेंस हूं तो उसके रिन्यू का काम चल रहा था. कोविड की वजह से उनका जो तत्काल केंद्र था वो बंद था. उनलोगों ने 8 हफ्ते का समय मांगा था. उस वक़्त मुझे दो प्रोजेक्ट्स के आफर आए थे लेकिन मुझे उन्हें मना करना पड़ा हालांकि तीन हफ्ते में ही मेरा रिन्यूअल का काम पूरा हो गया लेकिन अभी मुम्बई में शूटिंग रुकी है देखते हैं कि कब तक सब नार्मल होता है.
आउट ऑफ लव का दूसरा सीजन जल्द ही दस्तक देने वाला है आकर्ष का किरदार काफी अलग था आपको क्या चुनौतियां उसे निभाने में आयी थी ?
एक एक्टर के तौर पर दर्शक किसी किरदार से तब जुड़ता है जब उसकी कोई बात अच्छी लगती है. एक एक्टर के तौर पर मैं ऐसा मानता हूं लेकिन आकर्ष का किरदार एकदम झूठा है.स्पाइन लेस है. धोखेबाज है. उसमें कुछ ऐसा है ही नहीं जो लोगों को पसंद आए तो शुरुआत में उस किरदार को करने को लेकर मैं डरा हुआ था इसलिए चुनौतीपूर्ण था. सेकेंड सीजन की कहानी और आकर्ष का किरदार थोड़े अलग ढंग से लिखा गया है तो लोग इस बार इस किरदार से थोड़ा जुड़ाव महसूस करेंगे.
नफरत और जंग में सब जायज़ है इस शो की यह टैगलाइन है आप इससे कितना इतेफाक रखते हैं ?
शो और कहानी के हिसाब से ये जायज़ है. मीरा और आकर्ष की ये रिवेंज स्टोरी बहुत दिलचस्प है. जिसे देखने में मज़ा आएगा लेकिन निजी जिंदगी में मैं बदला लेने वालों में से नहीं हूं. मैं इस बात से भी इंकार नहीं करूंगा कि किसी ने मेरे साथ चीटिंग की है या बुरा किया तो मैं भी उसका बुरा चाहूंगा कि उसके साथ थोड़ा बुरा हो जाए ताकि उसे अपनी गलती का एहसास हो लेकिन मैं सामने से किसी से बदला लेने नहीं जाने वाला हूं.
कभी लाइफ में किसी से बदला लिया हो स्कूल कॉलेज के दिनों में ?
हाँ स्कूल कॉलेज के दिनों में तो आप ऐसी गलतियां करते रहते हैं गुस्से में कभी नादानी में. कॉलेज के दिनों में मेरे एक फ्रेंड की मुझसे किसी बात को लेकर कहासुनी हो गयी थी तो उसने मेरी गर्लफ्रैंड को जाकर मेरे बारे में काफी कुछ भला बुरा कह दिया। बदले में मैंने भी वही किया उसकी गर्लफ्रेंड को जाकर उसके बारे में गलत बात कह आया. कुछ समय बात हमें अपनी गलती का एहसास हुआ. हमने एक दूसरे से माफी मांगी और हम आज भी अच्छे दोस्त हैं.
ओटीटी एंटरटेनमेंट का नया माध्यम हैं आप ओटीटी और थिएटर में किसको ज़्यादा पसंद करते हैं ?
थिएटर का अलग चार्म है क्योंकि स्क्रीन का अलग चार्म है. एक साइकोलॉजीकल प्रभाव है कि जो एक्टर दिखता है उसपर वो बड़ा दिखता है. वो टीवी,मोबाइल या लैपटॉप में वैसा नहीं दिखेगा. जिस वजह से सीधे तौर पर स्टारडम फिल्मों से जुड़ जाता है. मैं खुद थिएटर में फिल्में देखना एन्जॉय करता हूं. यूके में अब तक थिएटर नहीं खुले हैं तो फिल्में बड़े परदे पर काफी टाइम से नहीं देख पाया हूं.
ओटीटी सभी को बराबरी का मौका देता है चाहे आउटसाइडर हो या इनसाइडर ?
ओटीटी का बिजनेस अलग है. ओटीटी भी ऐसे एक्टर्स को अपने प्रोजेक्ट में लेना चाहता है जिसके फॉलोवर्स हो जिनकी चर्चा हो ताकि लोग वो वेब सीरीज या फ़िल्म उस प्लेटफार्म पर जाकर देखें. फिल्मों में एक टिकट लेना होता है जबकि ओटीटी में सब्सक्रिप्शन लेना पड़ता है ऐसे में दर्शक अपने पसंदीदा या परिचित चेहरे का प्रोजेक्ट देखने के बाद उस प्लेटफार्म पर दूसरे भी प्रोजेक्ट्स को देखता है. ओटीटी में कंटेंट महत्वपूर्ण है. मेकर्स को पता है कि वो दर्शकों को बांधे रखेगा इसलिए वो एक्टर्स से ज़्यादा कहानी पर फोकस करता है. जिससे सभी को मौका मिलता है. बस प्रतिभा होनी चाहिए.
आपके आनेवाले प्रोजेक्ट्स ?
दो फिल्में हैं लेकिन उनके बारे में बात करना जल्दीबाजी होगी क्योंकि किसी को पता नहीं कि थिएटर कब खुलेंगे. वो फिल्में ओटीटी पर जाएंगी या नहीं इसका भी आईडिया नहीं तो उसी वक़्त बात करेंगे.
आपने कोरोना वैक्सीन लगवा लिया ?
नहीं अभी यहां यूके में भी 45 की उम्र वालों तक ही वैक्सीन दी जा रही है. मैं 42 की उम्र में हूं.