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राधिका मदान ने काम के घंटों पर उठाये थे सवाल, जानें अब कितनी बदल गई है टीवी इंडस्ट्री

आसिफ शेख पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से टीवी उद्योग का हिस्सा हैं और वर्तमान में भाबी जी घर पर हैं! में नजर आ रहे हैं. उन्होंने टीवी के वर्क कल्चर के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा था, “लंबे समय तक काम करना बिजनेस का एक हिस्सा है.

टेलीविजन से फिल्मों में आनेवाली एक्ट्रेस राधिका मदान ने हाल ही में टीवी इंडस्ट्री में वर्क कल्चर के बारे में बात की थी. राधिका ने टीवी शो मेरी आशिकी तुमसे ही से अपना करियर शुरू किया था. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में एक्ट्रेस ने कहा था कि उन्होंने 48 घंटे की शिफ्ट की और स्क्रिप्ट भी पहले से कभी नहीं मिली. राधिका को अभिनेत्री सयंतनी घोष और निर्माता एकता कपूर ने फटकारा था. हालांकि सच्चाई यह है कि टीवी उद्योग में काम के घंटे हमेशा व्यस्त रहे हैं. लेकिन हाल के दिनों में स्थितियों में काफी सुधार हुआ है. पिछले चार दशकों में टीवी उद्योग में चीजें काफी बदली हैं.

आसिफ शेख ने कही ये बात

आसिफ शेख पिछले तीन दशक से ज्यादा समय से टीवी उद्योग का हिस्सा हैं और वर्तमान में भाबी जी घर पर हैं! में नजर आ रहे हैं. उन्होंने टीवी के वर्क कल्चर के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा था, “लंबे समय तक काम करना बिजनेस का एक हिस्सा है. सेट नायगाँव और दूर-दराज के इलाकों में स्थित हैं, नतीजा यात्रा करने में ज्यादा समय लगता है और उनका सामाजिक जीवन ज्यादा नहीं होता है. बेशक, आप बहुत पैसा, शोहरत और प्रशंसा कमाते हैं, जो आपको किसी अन्य माध्यम से नहीं मिलेगा, लेकिन एक उचित व्यवस्था की जरूरत है.

प्रोडक्शन हाउस के पास अब बैंक में एपिसोड हैं

अभिनेता और CINTAA के महासचिव अमित बहल कहते हैं कि, ‘पिछले कुछ सालों में काम के घंटे अब उतने व्यस्त नहीं रहे जितने पहले हुआ करते थे. कई प्रोडक्शन हाउस के पास अब बैंक में एपिसोड हैं, इसलिए कुल मिलाकर रचनात्मक टीमों का भार भी कम हुआ है. उन्होंने कहा, “महामारी के दौरान, चूंकि हर कोई बायो-बबल में काम कर रहा था, इसलिए सभी संघ, निर्माता और प्रसारक सामूहिक रूप से इस पर सहमत हुए. अगर कोई एक्टर 12 घंटे से ज्यादा काम करता है तो उसे अतिरिक्त घंटों के लिए पैसे दिए जाते हैं. वे दिन गए जब लोग सेट पर सोते थे.”

काम और जीवन में संतुलन बनाने की जरूरत है

मानव गोहिल को लगता है कि अभिनेताओं को खुद काम-जीवन में संतुलन बनाने की जरूरत है. टाइम्स ऑफ इंडिया से वो कहते हैं कि, ‘आदर्श रूप से सभी को एक साप्ताहिक छुट्टी मिलनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं होता. हालांकि, माध्यम के बारे में शिकायत करने से मदद नहीं मिलेगी. पिछले दो दशकों में, मैंने अपनी छुट्टियां लेने, सेट पर पहुंचने से पहले जिम जाने और अपनी वैनिटी वैन में कुछ ऐसा करने में अपना ब्रेक बिताया है जो मुझे पसंद है. आपको अपने आप को एक स्वस्थ और खुशहाल कार्य-जीवन संतुलन बनाने की आवश्यकता है.’

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सुष्मिता मुखर्जी ने साझा किये अनुभव

80 के दशक में केवल दूरदर्शन हुआ करता था और शो सप्ताह में केवल एक दिन प्रसारित होते थे. कलाकारों को अपने सीन की तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिलता था और साथ ही तकनीशियनों को भी. 1985 में प्रसारित हुए करमचंद में किट्टी के रूप में लोकप्रिय हुईं दिग्गज अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने उस समय काम करने के अपने अनुभव साझा किए. वेबसाइट से बातचीत में सुष्मिता कहती हैं, ‘उन दिनों काम का माहौल काफी सुकून भरा होता था और चूंकि यह साप्ताहिक शो होता था, इसलिए हमें रिहर्सल के लिए काफी वक्त मिल जाता था. प्रसारण में कोई समस्या नहीं थी क्योंकि हमारे पास केवल एक चैनल था- दूरदर्शन. बाद में ज्यादा चैनलों और डेली सोप के आने से परिदृश्य बदल गया.

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