मनोरंजन के तीनों माध्यम में अपनी एक ख़ास पहचान बना चुके अभिनेता राजीव खंडेलवाल इन दिनों डिज़्नी प्लस हॉटस्टार की वेब सीरीज शोटाइम में नजर आ रहे हैं. निजी जिंदगी में खुद को आम इंसान सा करार देने राजीव इस सीरीज में सुपरस्टार की भूमिका में है. वह इस किरदार को चुनौतीपूर्ण करार देते हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
ओटीटी प्लेटफार्म पर कंटेंट की बाढ़ आयी है, लेकिन अभी भी आप गिनी- चुने प्रोजेक्ट्स में ही नज़र आ रहे हैं?
क्योंकि सिर्फ काम ही नहीं करना है. बाकी की जिन्दगी भी जीनी है. ट्रैवेलिंग करनी है. गार्डेनिंग करनी है. गोवा में मेरे बगीचे में काजू उगते है, तो जब मैं वह लोगों को खिलाता हूं, तो उसकी ख़ुशी ही अलग होती है. कई बार तो काजू को निकालने का पूरा प्रोसेस मैं करता हूं, जिसमे मुझे एक अलग ही खुशी मिलती है. जो कई दूसरे लोगों को लग सकता है कि क्या बोरिंग है. काजू निकालता है.
बॉलीवुड को आप कैसे अपनी जिन्दगी में परिभाषित करेंगे?
बॉलीवुड बस मेरे काम करने की जगह है. मैं इस इंडस्ट्री का हिस्सा हूं. मैं इसे एक ऑफिस की तरह लेता हूं. काम करो और घर आ जाओ और अपनी ज़िन्दगी जियो. बॉलीवुड मेरे काम करने की जगह है, पूरी दुनिया नहीं. मेरे बहुत काम दोस्त हैं, लेकिन जो हैं वो जानते हैं. मैं एक्टर होने का बोझ साथ लेकर नहीं चलता हूँ कि मैं इस तरह दिखूं. मैं इस तरह बिहेव करूं, जो मेरे दोस्त हैं वो बता देंगे कि अपने दोस्तों को मैं खुद से चाय बनाकर देना पसंद करता हूं, भले ही वर्किंग स्टाफ घर में हो. मुझे ये सब अच्छा लगता है.
ग्लैमर इंडस्ट्री की चकाचौंध से कैसे खुद को बचाकर रख पाते है ?
मैं दूसरों का नहीं बता सकता हूं, लेकिन मेरे लिए यह बहुत ही आसान है. आप किसी भ्रम में मत रहो. जब आप अपने आसपास के लोगों को देखते हो, तो आपको समझ आता है कि जिस तरह से वो अपना काम कर रहे हैं. आप अपना कर रहे हैं. मुझे लगता है कि यह इंसान के बनावट में होता है. मेरी बनावट ही ऐसी है. जब मैं 18-19 साल में नहीं बदला तो अब क्या बदलूंगा.
शो टाइम को हां कहने की वजह क्या धर्मा प्रोडक्शन था ?
धर्मा और यशराज के साथ काम करने की अच्छी बात ये है कि वे वे अच्छे प्रोजैक्ट्स बनाते हैं, लेकिन मैं धर्मा के साथ काम करने के इंतजार में था. ऐसा भी नहीं है. मैं बताना चाहूंगा कि यह 2005 के आसपास की बात है. एक इवेंट हुआ था. जिसके बॉलीवुड के सारे लीडिंग स्टार्स के साथ मैंने स्टेज शेयर किया था. टीवी से सिर्फ मैं था. इवेंट होने के बाद मैं बैक स्टेज में बैठकर सिगरेट फूंकते हुए ये सोच रहा था कि ये स्टेप सही कर सकता था. मैंने देखा सामने से करण जौहर और शाहरुख खान आ रहे हैं. मैंने उनको देखकर अपना पैर नीचे कर लिया और स्मोकिंग को भी देखा मेरे पास आ रहे हैं तो सिगरेट को जमीन में बुझा दिया. वे सामने आए और अपना परिचय दिया. मैंने अपना दिया. शाहरुख सर ने बोला मैं अच्छा कर रहा हूं. इंशाअल्लाह और आगे जाओगे. करण सर ने बताया कि उनकी मां मेरी कितनी बड़ी फैन है. मैं यहां ये बताना चाहता हूं कि वो शुरुआत से मुझे जानते थे, लेकिन कभी मैंने काम नहीं मांगा कि मुझे आपके साथ काम करने की ख्वाहिश है. मेरा किरदार चैलेंजिंग लगा इसलिए मैंने यह शो किया.वैसे मैं किसी से भी काम नहीं मांगता हूं.
शोटाइम में आप सुपरस्टार की भूमिका में हैं, इसको कितना एन्जॉय किया?
सुपरस्टार के किरदार को निभाने में बहुत मजा आया. बहुत समय बाद मैंने सेट पर इतना एन्जॉय किया है. मैं पहली बार ऐसा कोई किरदार निभा रहा हूं, जिसका मुझे कोई आईडिया नहीं है. आमतौर मैं जिस तरह के किरदारों को चुनता हूं, उसकी बैक स्टोरी होती है. मेरा किरदार ऐसा है, जो सुपरस्टार्स से जुडी कई प्रचलित कहानियों के मेल से बना है. यह ऐसा है कि जो नंबर और रंग में भी भरोसा करता है. अगर उसके स्टाफ में से किसी का बैंक अकाउंट नंबर का मूलांक एक जैसा नहीं है, तो वह आप किसी सीन के बारे में कभी कभी ड्राई हो जाता है. कोई ये रंग पहनकर नहीं आएगा. इस कार नंबर. नया अकाउंट नंबर शुरू कर दो.
आप क्या कुछ किरदार से जुड़ाव भी महसूस करते हैं ?
हम जब अपने घर में होते हैं, तो हम सब लगभग एक जैसे ही होते हैं. आप अपनी सैलरी, अपने बिल के बारे में सोचते हैं. अभी ये काम नहीं किया तो कैसे होगा. मुझे लगता है कि ये असुरक्षा की भावना सभी में होती है. कल अगर मैं सोचूं कि मैं चार्टेड प्लेन में ट्रेवल कर सकता हूं, तो मुझे अब सोचना पड़ेगा कि कितने पैसे कहां से आएंगे. यह पहलू मैंने अपने किरदार से भी रिलेट किया. इसके साथ ही अगर अखबार में मेरे किसी आर्टिकल से पहले ये लिखा हुआ आये कि इनकी चार फिल्में फ्लॉप हो गयी हैं, तो शायद मुझे भी बुरा लगे.
सीरीज में नसीरुद्दीन शाह भी हैं, उनके साथ मुलाकात कैसी रही ?
उनको देखकर आपको लगता है कि आप कहो कि सर आप ये कैसे कर लेते हो. आज भी वह हर सीन में परफेक्ट रहते हैं. हमारे साथ में सीन नहीं है, तो वन टू वन चैट नहीं हुआ, लेकिन हाँ मिले. थोड़ी बहुत बातें हुई और वे मुझे पहले से जानते हैं, तो इस बात ने खुशी भी दी.
क्या यह बात परेशान करती है कि अगर कोई नहीं पहचाना तो?
मौजूदा यूथ शायद मुझे ना पहचाने लेकिन जो लोग पुराने हैं, वो मेरे काम को जानते हैं. वो मुझे पहचानते है. मैं इसमें खुश हूं.
इंडस्ट्री में इतने साल गुज़ारने के बाद आपके लिए अब संघर्ष क्या है?
यार ये हो गया. इसके बाद क्या होगा. क्या कोई अच्छा ऑफर मिलेगा. यह सोच मेरे पहले प्रोजेक्ट्स के बाद से ही मेरी रही है.