13.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

50 years of deewar :फिल्म से जुड़ी निर्माता कंपनी ने दीवार के रिमेक पर कही यह बात

दीवार फिल्म के निर्माता दिवंगत गुलशन राय के बेटे राजीव राय ने फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियों को इस इंटरव्यू में बयां किया है

50 years of deewar: हिंदी सिनेमा की यादगार फिल्मों में शुमार दीवार ने आज 50 साल पूरे कर लिए हैं. इस फिल्म के निर्माता और वितरक दिवंगत गुलशन राय थे. उनके बेटे और निर्देशक राजीव राय अपने पिता के साथ इस फिल्म के जुड़ाव पर उर्मिला कोरी से बातचीत की 

दीवार की स्क्रिप्ट के साथ अमिताभ का नाम आया था

मेरे पिता गुलशन राय ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था. मैं ये बात कहना चाहूंगा कि किसी भी फिल्म के निर्माण में प्रोड्यूसर का अहम योगदान होता है. मेरे पिता गुलशन राय उस वक्त हिंदी सिनेमा के सबसे बड़े निर्माता थे. उनके   पास फ़िल्म की स्क्रिप्ट  सलीम जावेद लेकर आए थे . राजेश खन्ना के नाम की जो चर्चा होती है .वो ग़लत है. यश अंकल ( चोपड़ा) और राजेश खन्ना अच्छे दोस्त थे इसलिए वह अगली फिल्मों साथ में करने वाले थे .वह कोई भी हो सकती थी.दीवार की स्क्रिप्ट के साथ अमिताभ का नाम आया था तो तुरंत ही यह क्लियर हो गया था कि यह फ़िल्म अमिताभ बच्चन ही करेंगे .फ़िल्म कभी भी राजेश खन्ना को ऑफर नहीं हुई थी.

मां के किरदार की कास्टिंग में में सबसे ज्यादा दिक्कत हुई 

दीवार की कास्टिंग के दौरान सबसे ज्यादा दिक्कत मां की भूमिका के लिए  आयी थी.वैजयंती माला के नाम की चर्चा सभी तरफ है. उसके अलावा मेरे पिता ने उस वक़्त बताया था कि नूतन, वहीदा रहमान के अलावा और भी दो से तीन अभिनेत्रियों को भी फिल्म ऑफर की गयी थी, लेकिन सभी ने फिल्म को मना कर दिया था.सभी जगह से रिजेक्शन ही मिल रहे थे इसलिए किसी पॉपुलर हीरोइन को उस भूमिका में कास्ट करने का ख्याल सभी को छोड़ना पड़ा था .वरना किरदार इतना सशक्त था. सभी की ख्वाहिश  बीते दौर की किसी  लीडिंग अभिनेत्री से वह किरदार करवाने की थी .
परवीन बाबी के लिए फ़िल्म की शूटिंग नहीं थी रूकी फिल्म से जुड़ी कई चर्चाओं में एक चर्चा यह भी है कि  शूटिंग के दौरान परवीन बॉबी बीमार पड़ गयी थी.उनकी रिकवरी तक फिल्म रुक गयी थी. यह बात भी गलत है क्योंकि यह फ़िल्म अपने तय समय पर ही शूट हुई थी.मेरे पिता निर्माता थे, तो मुझे ये बात अच्छे से पता है कि हमें इस फ़िल्म के लिए अलग से समय नहीं देना पड़ा था.मैं यश अंकल ( चोपड़ा) की  भी इसके लिए तारीफ़ करना चाहूंगा. अगर शूटिंग का शेड्यूल १० बजे से रात ८ बजे का ही होता था , तो उस दिन के तय सीन वह शाम साढ़े सात तक ही शूट कर देते थे .

फिल्म के दो गाने काटे गए थे

शूटिंग के बाद फ़िल्म के एडिट में समय गया था क्योंकि फ़िल्म  की लम्बाई बहुत थी. फिल्म के एडिटर में प्राण मेहरा शामिल थे ,उन्होंने फिल्म को एडिट थी।लंबाई के मद्देनजर फाइनल एडिट में दो गानों को काट दिया गया था ताकि फ़िल्म का प्रभाव को बढ़ाया जा सके .ऐसे फ़ैसले फ़िल्म के लिए कई बार लिए जाते हैं.

अमिताभ से ज़्यादा सलीम जावेद को मेहनताना नहीं मिला था

इस फिल्म के लेखक सलीम जावेद हैं. वह उस वक्त के स्टार राइटर थे .ऐसा स्टारडम किसी राइटर को उनसे पहले नहीं मिला था. उनके नाम पर फिल्में बिक जाया करती थी. लोग पोस्टर पर उनका नाम देखकर फिल्में देखने जाया करते थे ,लेकिन इस फ़िल्म के लिए क्या उन्हें अमिताभ बच्चन से ज़्यादा मेहनताना मिला था तो मुझे नहीं लगता है .इस फ़िल्म में अमिताभ बच्चन को ही ज्यादा मेहनताना दिया गया था.

डेढ़ दशक पहले रीमेक के लिए अप्रोच करते थे 

फिल्म दीवार त्रिमूर्ति फ़िल्म्स यानी हमारे बैनर की है ,तो फिल्म से जुड़े सारे अधिकार हमारे पास ही सुरक्षित हैं . जहां तक रीमेक की बात है तो आज से एक दशक  पहले रीमेक के लिए ऑफर आते थे , लेकिन अब लोगों को भी पता है कि इसका रिमेक नहीं बनाया जा सकता है,तो अब कोई अप्रोच नहीं करता है .


Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें