अभिनेत्री रकुलप्रीत जल्द ही रनवे 34 में नजर आनेवाली हैं. रियल घटना पर आधारित इस फिल्म में वह पायलट की भूमिका में दिखेंगी. रियल पायलटस के गाइडेंस में उन्होंने किरदार को रियल तरीके से पर्दे पर निभाने की कोशिश की है. इस फिल्म, अपनी लव लाइफ सहित कई दूसरे पहलुओं पर रकुलप्रीत की उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
फिल्म रनवे 34 का अनुभव कैसा रहा है, अजय फिल्म के निर्देशक भी हैं
बहुत कमाल का अनुभव रहा, क्यूंकि अजय सर तकनीकी रूप से भी बहुत स्ट्रांग हैं. यह उनके निर्देशन की पहली फिल्म नहीं है. इससे पहले भी उन्होंने बहुत सारी फिल्में निर्देशित की हैं. इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कॉकपिट में 7 कैमरे थे. 10 कैमरे कोर्टरूम में थे. मैंने इस तरह का अनुभव कभी भी नहीं किया था, जबकि मैंने हिंदी के साथ-साथ साउथ फिल्मों में भी काम किया है. अजय की तकनीकी पक्षों में पकड़ कमाल की है. यह फिल्म शूटिंग के लिहाज से बहुत टफ थी. उसपर से वे इस फिल्म के निर्माता और एक्टर भी हैं. कोविड के वक़्त में फिल्म को शूट करना आसान नहीं था. वो बहुत बड़ी जिम्मेदारी थी. जिसे उन्होंने बखूबी निभाया है.
हर एक्टर का सपना होता है कि वो बच्चन साहब के साथ काम करें यह फिल्म आपको ये मौका दे गयी है. पूरा अनुभव कैसा रहा?
जब आप एक्टर बनते हो तो आपको सबसे पहले लगता है कि मैं अमिताभ सर को बस मिल लूं और फिर होता है कि मैं उनके साथ बस काम कर लूं. वह मेरे लिए बहुत खास पल था, जब मुझे मालूम हुआ कि मैं अमित सर के साथ फिल्म करने जा रही हूं. फिल्म को हां कहने की एक वजह ये भी थी. मुझे लगता है कि उनकी छत्रोछाया में रहते हुए हुए एक्टिंग करना बहुत बड़ी बात है. अमित जी बहुत ही कमाल के एक्टर हैं, यही वजह है कि वे इतने सालों से इंडस्ट्री के लीजेंड बनें हुए हैं. वो समय से पहले सेट पर आ जाते हैं वो भी एक घंटा पहले आ जाते हैं. पैकअप होने के तुरंत बाद भी उन्हें नहीं जाना है. वे अगले दिन क्या शूट होगा इन सब पर डिस्कस करके ही जाते थे. मैं बताना चाहूंगी कि 21 पन्नों का संवाद था. जिसे सात दिनों में शूट होना था लेकिन उन्हें शूटिंग के पहले दिन ही पूरे 21 पेजेस के डायलॉग याद थे. मैं ये बात लिखित में दे सकती हूं कि मौजूदा समय में कोई भी एक्टर है, जो इतने दिनों के सीन्स के डायलॉग पहले दिन ही याद कर लें. एक्टर्स आमतौर पर कल क्या शूट करेंगे वो याद रखते हैं. उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला.
क्या शूट के दौरान आप नर्वस हुई थी
मेरी तैयारी जो आमतौर पर किसी सीन के लिए होती हैं. वो थी. मैं उत्साहित थी कि मुझे बच्चन सर के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिल रहा है. वो बहुत ही प्यारे हैं. वे आपको सहज करने का पूरा माहौल बनाते हैं. वे सामने से बोलते हैं कि आप लाइनें पढेंगी. रिहर्स करेंगी. वे बार-बार आपके साथ रिहर्स करते हैं तो आप सहज हो ही जाते हैं.
खबरें हैं कि बच्चन साहब ने आपको ड्राई फ्रूट्स दिया था जिसे आपने अब तक संभालकर रखा है?
दरअसल वो लंच ब्रेक के बाद आए और उन्होंने सेट पर सभी को बिस्किट्स बाटें. उन्होंने मुझे पूछा कि आप तो बिस्किट्स नहीं खाएंगी. उसके एक घंटे बाद वो पारदर्शी बॉक्सेज में ड्राई फ्रूट्स लेकर आए जिसमें पिस्ता, बादाम और अखरोट था. मैंने उस पैकेट्स को अपने घर में सजा दिए हैं कि ये अमित जी ने दिए हैं. मैं ना तो उसे खाउंगी ना किसी को खाने दूंगी.
आप लगातार बड़े सितारों के साथ काम कर रही हैं जॉन, अजय, अक्षय क्या ज़्यादा से ज़्यादा दर्शकों के साथ आप जुड़ना चाहती है ?
ढेर सारी बातें किसी फिल्म को साइन करते हुए होती हैं. कभी-कभी आप किसी विशेष निर्देशक या अभिनेता के साथ काम करने के लिए किसी फिल्म को लेते हैं .कभी आप अच्छे रोल के लिए फ़िल्म से जुड़ते है. यह बहुत कारणों पर निर्भर करता हैं.सिर्फ एक नहीं.
जैकी भगनानी के साथ आप रिश्ते में, क्या आप एक रिश्ते में आने के बाद अपने आप में बदलाव पाती हैं?
मुझे अपने आप में कोई बदलाव नहीं दिखता. मुझे लगता है कि बदलना भी नहीं चाहिए. यही रिश्ते की खूबी भी होती है. आपको एक साथ रहना चाहिए, जैसे हैं वैसे, बदलकर नहीं. आज के दौर में लड़की काम कर रही है. लड़का काम कर रहा है. ऐसे में आपको एक दूसरे का पूरक बनना है. आप रिश्ते में तभी आए थे, जब आपने एक दूसरे में खास पाया था. फिर क्यों बदलना है खुद को या दूसरे को.
ज्यादातर एक्टर्स अपने रिलेशनशिप को सीक्रेट रखते हैं, लेकिन आपने खुलकर इस रिश्ते को जाहिर किया है?
ऐसी कई अभिनेत्रियां हैं, जिन्होंने पहले दिन से ही अपने रिश्ते के बारे में खुलासा किया है. करीना कपूर खान से बेहतरीन कौन हो सकता है.मेरा मानना है कि यदि आप किसी रिश्ते में हैं तो आपको छिपाने और यह कहने की ज़रूरत नहीं है, “हम सिर्फ दोस्त हैं. यह ऐसी चीज़ें हैं जो किसी से छिपती नहीं है तो छिपाना क्यों.यह मनुष्य की स्वाभाविक प्रगति है. आपके पास आपका परिवार और दोस्त हैं और फिर जीवनसाथी आता है.इसी तरह ही हम बूढ़े हो जाते हैं. जब यह बात सामान्य है तो प्रभावित क्यों हो उसे बताने को लेकर. हालाँकि, हम ये ज़रूर चाहते हैं कि हमारी प्रोफेशनल लाइफ इससे प्रभावित ना हो. हम एक ही फील्ड से हैं तो एक दूसरे के काम को समझते हैं लेकिन अंतिम फैसला हमारा ही होता है.
लॉक डाउन अवधि के दौरान आपने क्या खास खुद के बारे में जाना था?
मुझे एहसास हुआ कि इतने सालों से मैंने केवल सात दिन की छुट्टी ली है. मैंने 18 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था. लॉक डाउन की वजह से मुझे सालों बाद छुट्टी नसीब हुई थी. खास बात यह है कि यह छुट्टी मेरे भाई के साथ मिली थी. वह 2 दिन के लिए 2 जोड़ी ही कपड़ों के साथ ही मुझसे मिलने आया था. फ्लाइट्स बंद हो गईं और वह मेरे साथ 3 महीने तक रह गया. वरना वह हैदराबाद में होते और मैं मुंबई में और मेरे माता-पिता दिल्ली में होते थे.
आप साउथ और हिंदी फिल्मों दोनों में बैलेंस करती आयी हैं? क्या आपको लगता है आपका यह फैसला आपके लिए बहुत फायदेमंद रहा है खासकर मौजूदा समय में?
मैं इन सब में विश्वास नहीं करती हूं. मुझे नहीं पता कि क्या फैसला फायदेमंद रहा है क्या नहीं. मैं अपनी जर्नी को अपनी जर्नी के रूप में देखती हूं. मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि क्या मैं हर दिन इसे एन्जॉय कर रही हूं. बाकी लोगों को कुछ भी कहना है वो कहें. हम सब भारतीय हैं. चाहे जहां काम कर सकते हैं.
आपकी पिछली फिल्म अटैक ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया
मुझे फिल्म पर बहुत गर्व है. मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि फिल्म छोटी, क्रिस्प और बहुत अच्छी फिल्म थी. कभी-कभी फिल्म के बॉक्स ऑफिस परिणाम के लिए बहुत सारी बातें जिम्मेदार होती हैं. मुझे लगता है कि जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था. फिर भी, मुझे फिल्म पर हमेशा गर्व रहेगा. कभी-कभी जब आप एक खराब फिल्म बनाते हैं तो आप जानते हैं, यार ये अच्छी फिल्म नहीं थी. लेकिन अटैक अच्छी फिल्म थी.
आपकी आनेवाली फिल्म
अक्षय कुमार के साथ फ़िल्म सिंड्रेला में दिखूंगी