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Ramayan: रामानंद सागर ने अगर सुबह 3 बजे सीन लिखना खत्‍म किया, तुरंत बाद शुरू हो जाती थी शूटिंग, जानें क्‍यों

prem sagar shares unknown facts about ramayan: रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की रामायण (Ramayan) लॉकडाउन में टीवी पर दोबारा प्रसारित किया जा रहा है और दर्शकों ने दिल खोलकर इसका स्‍वागत किया है. कलाकारों द्वारा दमदार प्रदर्शन और एक अमर कहानी इसे एक संपूर्ण पारिवारिक सीरियल बनाती है.

By Budhmani Minj | May 19, 2020 4:18 PM

रामानंद सागर (Ramanand Sagar) की रामायण (Ramayan) लॉकडाउन में टीवी पर दोबारा प्रसारित किया जा रहा है और दर्शकों ने दिल खोलकर इसका स्‍वागत किया है. कलाकारों द्वारा दमदार प्रदर्शन और एक अमर कहानी इसे एक संपूर्ण पारिवारिक सीरियल बनाती है. लेकिन इसने इतनी आसानी से दर्शकों के दिलों में जगह नहीं बनाई बल्कि पूरी टीम इसकी सफलता के लिए चौबीसों घंटे शूटिंग करती थी.

78 हफ्तों के लिए मुंबई-उमरगांव मार्ग पर रामायण के क्रू मेंबर्स से कारें और ट्रेनें भरी रहती थीं. कोई कॉल शीट और कोई निश्चित शेड्यूल नहीं थे. अगर रामानंद सागर ने सुबह 3 बजे एक दृश्य लिखना समाप्त किया, तो कलाकार जल्दी से शूटिंग के लिए तैयार हो जाते थे. 100 से अधिक श्रमिकों, अभिनेताओं और तकनीशियनों ने शिफ्ट में काम किया और सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए रामायण के सभी एपिसोड हर हफ्ते समय पर प्रसारित हो. सभी ने चौबीसों घंटे काम किया.

इसके अलावा, वीएफएक्स का काम भी समय से पूरा करना एक बड़ी चुनौती होती थी. रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने खुलासा किया, “विशेष प्रभाव पैदा करने के लिए कोई कंप्यूटर नहीं थे. उनमें से अधिकांश को कैमरे का उपयोग करके किया जाना था. हमने कुछ तकनीकों का उपयोग किया जैसे बैक प्रोजेक्शन, सूक्ष्म आकार का चित्रों का इस्‍तेमाल आदि. कई बार रात के शूट के लिए, हमने क्लाउड इफेक्ट्स बनाने के लिए ग्लास पर कॉटन का इस्तेमाल किया. स्लाइड प्रोजेक्टर में स्लाइड का उपयोग किया गया था, हिमालय में नृत्य करते हुए भगवान शिव को पृष्ठभूमि में लघु ग्रहों के साथ स्क्रीन पर प्रोजेक्टिड स्लाइड के साथ फिल्माया गया था.’

उन्‍होंने आगे बताया,’ पहाड़ों और अलग-अलग लुक वाले दृश्यों में, कई बार 10-15 फीट के चित्रों का उपयोग किया जाता था. इसके अलावा, एक नई मशीन SEG 2000 (स्पेशल इफेक्ट्स जेनरेटर) बाजार में उतारी गई थी और सभी विशेष धनुष और तीर प्रभाव का उपयोग किया गया था. विशेष प्रभाव बनाने के लिए यांत्रिक प्रभाव और ग्लास मैटिंग थे. हमने सुबह के कोहरे के प्रभाव पैदा करने के लिए धूप और अगरबत्ती का भी इस्तेमाल किया.” वाकई दर्शकों के लिए रामायण बनाने में की गई कड़ी मेहनत और समर्पण जानना दिलचस्प है.

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बता दें कि, रामायण में अरुण गोविल भगवान राम का, दीपिका चिखलिया सीता का, लक्ष्‍मण का किरदार सुनील लहरी ने, हनुमान का किरदार दारा सिंह और रावण का किरदार अरविंद त्र‍िवेदी ने निभाया था.

रामायण फिलहाल स्‍टार प्‍लस चैनल पर हर शाम 7.30 बजे प्रसारित किया जाता है.

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