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Remembering Manna Dey: ‘एक चतुर नार’, ‘ये रात भीगी-भीगी’, ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’, इन हिट गानों को आवाज देने वाले आखिर कौन, नहीं जानते होंगे उनका असली नाम

मन्ना डे ने अपनी अनोखी गायकी से संगीत जगत में खास पहचान बनाई, आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर जानें उनके कॅरियर और बेहतरीन गानों के बारे में.

मन्ना डे की अद्भुत गायकी

Remembering Manna Dey: प्रसिद्ध गायक मन्ना डे, जिनका असली नाम प्रबोध चंद्र डे था, ने बॉलीवुड के करीब 3 हजार गानों में अपनी आवाज दी, उनका जन्म 1 मई 1919 को कोलकाता में हुआ था और 24 अक्टूबर 2013 को वे इस दुनिया को अलविदा कह गए, उनकी अद्भुत गायकी ने हर गाने को अमर बना दिया. मन्ना डे का नाम सुनते ही उनकी सुरीली आवाज और मुश्किल गानों को सहजता से गाने की कला याद आ जाती है.

संगीत की गहरी समझ

मन्ना डे को संगीत का बहुत ही गहरा ज्ञान था. बचपन से ही उन्हें संगीत में दिलचस्पी थी और उन्होंने इसे अपनी ज़िंदगी का अहम हिस्सा बना लिया। वे हर गाने की बारीकियों को समझते थे, और जब भी कोई मुश्किल गाना आता, फिल्म निर्माता सबसे पहले मन्ना डे को ही याद करते थे. उनकी संगीत की तालीम कृष्ण चंद्र डे और उस्ताद दाबिर खान से हुई थी, जिससे उन्होंने अपने गायन को और निखारा.

Remembering Manna Dey
Remembering manna dey

‘एक चतुर नार…’ और अन्य हिट गाने

1968 में आई फिल्म ‘पड़ोसन’ का गाना ‘एक चतुर नार…’ मन्ना डे के करियर का एक खास गाना था. इसे आज भी सबसे मुश्किल गानों में गिना जाता है. शुरुआत में, मन्ना डे को इस गाने का हल्का-फुल्का अंदाज पसंद नहीं आया था, लेकिन फिल्म के निर्देशक ने उन्हें समझाया कि यह सीन के मुताबिक है. इसके बाद मन्ना डे ने यह गाना रिकॉर्ड किया और इसे भी अमर बना दिया.

Remembering Manna Dey
Remembering manna dey

रफी भी थे मन्ना डे के दीवाने

बॉलीवुड के महान गायक मोहम्मद रफी भी मन्ना डे की गायकी के दीवाने थे. रफी साहब ने खुद कई बार कहा था कि वे मन्ना डे के गाने सुनना पसंद करते हैं. यह मन्ना डे की गायकी की ताकत थी कि रफी जैसे गायक भी उनके फैन थे. 

उनके यादगार गाने

मन्ना डे ने हमें कई यादगार गाने दिए हैं जो आज भी हमारी ज़िंदगी का हिस्सा हैं. उनके गाए हुए गानों में ‘यशोमति मैया से’, ‘एक चतुर नार’, ‘ये रात भीगी-भीगी’, ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’, ‘कसमें वादे प्यार वफा’, ‘तू प्यार का सागर है’, ‘ये दोस्ती’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली’, ‘आ जा सनम मधुर चांदनी’ शामिल हैं. ये गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं. 

आज मन्ना डे हमारे बीच नहीं हैं

आज मन्ना डे हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाने और उनकी अद्भुत गायकी आज भी हमें इन्स्पायर करती है. उनके गाने हमेशा हमारा साथ देते हैं और उनके बिना संगीत की दुनिया अधूरी सी लगती है. प्रभात खबर की पूरी टीम आज उनकी डेथ एनिवर्सरी पर उन्हें श्रद्धांजलि देती है और उनके योगदान को सलाम करती है.

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