Remembering Mohammed Rafi: 30 साल के करियर में गाए 25 हजार से भी ज़्यादा गाने
मोहम्मद रफी, एक महान गायक जिन्होंने 25,000 से अधिक गाने गाए, और उनकी आवाज आज भी संगीत प्रेमियों के दिलों में बसती है.
मोहम्मद रफी: एक महान गायक की कहानी
Remembering Mohammed Rafi : मोहम्मद रफी का नाम संगीत की दुनिया में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है. उनका जन्म 24 दिसंबर 1924 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था. अपने 40 साल के करियर में उन्होंने 25,000 से अधिक गाने गाए और एक अमर छाप छोड़ी.
शुरुआती जीवन और करियर
मोहम्मद रफी का संगीत के प्रति प्रेम बचपन से ही शुरू हो गया था. उनकी आवाज में एक खास जादू था जो हर किसी को मंत्रमुग्ध कर देता था. उनका सफर अमृतसर से मुंबई तक का था, जहाँ उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम रखा और अपनी जगह बनाई.
Also read:अगर आपको स्त्री और मुंज्या जैसी फिल्में पसंद हैं, तो इस सीरीज का क्लाइमेक्स आपको हिला देगा
Also read:जाह्नवी कपूर की उलझ शुक्रवार को होगी रिलीज, इन 5 वजहों के लिए देख सकते हैं
दोस्ताना के यार: किशोर कुमार और मोहम्मद रफी
किशोर कुमार और मोहम्मद रफी, दोनों ही महान गायक थे और उनके बीच गहरी दोस्ती भी थी. इन दोनों ने मिलकर 70 से अधिक गाने गाए थे. 1980 में रफी के निधन से पहले, उन्होंने ‘आप के दीवाने’, ‘स्वयंवर’, ‘ज्योति बने ज्वाला’, ‘दोस्ताना’, ‘राम बलराम’, ‘नीयत’, ‘द बर्निंग ट्रेन’, ‘शान’, और ‘आप तो ऐसे न थे’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया था.
पहली और आखिरी बार: ‘अमर अकबर एंथनी’
मुकेश, मोहम्मद रफी और किशोर कुमार ने एक साथ मिलकर ‘अमर अकबर एंथनी’ फिल्म के गाने ‘हमको तुमसे हो गया है प्यार’ को अपनी आवाज दी थी. यह गाना आज भी लोगों के दिलों में बसा हुआ है और इसे सुनते ही तीनों गायकों की यादें ताज़ा हो जाती हैं.
प्रसिद्ध गाने और यादें
रफी और किशोर कुमार ने मिलकर ‘भागम भाग’ फिल्म के ‘हे बाबू ये है ज़माना तेरा’ और ‘छोड़ चले प्यारी दुनिया को’ जैसे गानों में अपनी आवाज दी थी. इन गानों में उनकी अद्भुत केमिस्ट्री साफ झलकती थी. इसी तरह ‘परवाना’ फिल्म के ‘यूं ना शर्मा फैला दे’ गाने में भी दोनों ने कमाल किया था.
फिल्मी सफर और संघर्ष
मोहम्मद रफी का फिल्मी सफर काफी संघर्षपूर्ण था. लेकिन उन्होंने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से हर मुश्किल का सामना किया और सफलता की ऊंचाइयों को छुआ. उनकी आवाज में जो मिठास और भावनाएं थी, वह आज भी संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं.
आखिरी समय और यादें
1980 में रफी के निधन के बाद भी उनकी आवाज की गूंज आज भी सुनाई देती है. उनकी यादें और गाने आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं. अमिताभ बच्चन और जया बच्चन ने रफी की तारीफ करते हुए कहा था कि वह “लंबी रेस का घोड़ा” हैं.
मोहम्मद रफी की विरासत
मोहम्मद रफी ने अपने 40 साल के करियर में जो योगदान दिया है, वह अमूल्य है. उनकी आवाज और उनके गाने सदाबहार हैं और हमेशा सुनने वालों के दिलों में बसते रहेंगे.
Also read:Viduthalai : विजय सेतुपति की अदाकारी और एक अनोखी फिल्म जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी
Entertainment trending videos