Remembering Shailendra: 14 दिसंबर को बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और निर्देशक राज कपूर का जन्मदिन होता है. इसी दिन उनके सबसे अच्छे दोस्त और मशहूर गीतकार शैलेंद्र की पुण्यतिथि भी होती है. शैलेंद्र ने ‘आवारा हूं’ और ‘मेरा जूता है जापानी’ जैसे गाने लिखकर सबका दिल जीता था.
शैलेंद्र ने क्यों बनाई फिल्म?
शैलेंद्र ने अपनी जिंदगी में सिर्फ एक फिल्म बनाई थी. इसका नाम था ‘तीसरी कसम.’ उन्होंने यह फिल्म अपने दोस्त राज कपूर के साथ बनाई. लेकिन फिल्म बनाना उनके लिए भारी साबित हुआ.
शूटिंग में आई कई दिक्कतें
फिल्म की शूटिंग के लिए पहले यूपी और बिहार के गांव चुने गए, लेकिन डाकुओं के डर से लोकेशन बदलकर मध्य प्रदेश के बीना ले जाया गया. वहां शूटिंग करना बहुत महंगा पड़ा. फिल्म के हीरो राज कपूर को सिर्फ धोती पहननी थी, लेकिन 17-18 सूट सिलवाए गए. यहां तक कि बैल तक खरीद लिए गए. इन फिजूलखर्चियों ने शैलेंद्र का बजट बिगाड़ दिया.
![Remembering Shailendra: पहली और आखिरी फिल्म 'तीसरी कसम' की असफलता ने खत्म कर दिया सिनेमा के इस महान गीतकार का जीवन 1 Remembering Shailendra](https://www.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/12/IMG_4026.jpg)
फिल्म बनी, लेकिन फ्लॉप हो गई
चार साल बाद जब फिल्म ‘तीसरी कसम’ रिलीज हुई, तो यह बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई. फिल्म को सिर्फ तीन दिन में सिनेमाघरों से हटा दिया गया. शैलेंद्र को सबसे ज्यादा दुख अपने करीबियों से धोखा मिलने का हुआ. वह अंदर से टूट गए और उन्होंने लिखना भी बंद कर दिया.
बाद में मिली सफलता, लेकिन शैलेंद्र नहीं रहे
1967 में जब फिल्म मुंबई में रिलीज हुई, तो इसे लोगों ने खूब पसंद किया. इसे मॉस्को फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया और राष्ट्रपति का गोल्ड मेडल मिला. फिल्म ने समय के साथ शैलेंद्र का नुकसान पूरा कर दिया, लेकिन तब तक वह इस दुनिया को अलविदा कह चुके थे.