Ridhi Dogra Interview : छोटे पर्दे का परिचित चेहरा रिद्धि डोगरा (Ridhi Dogra) इनदिनों ऑल्ट बालाजी की वेब सीरीज द मैरिड वुमन (The Married Woman) को लेकर सुर्खियों में हैं. रिद्धि कहती हैं कि इस सीरीज की शीर्षक भूमिका में मैं हूं. यह मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है कि मुझे ये मौका मिला कि मैं पूरा शो अपने कंधे पर चला सकूं.यह हर एक्टर का सपना होता है. इस सीरीज और कई अन्य मुद्दों पर उर्मिला कोरी की हुई बातचीत…
द मैरिड वुमन को आप किस तरह से खास करार देंगी?
यह हर औरत की कहानी है और हर औरत इससे जुड़ाव महसूस कर सकती है. हम औरतों की ज़िंदगी दो पड़ाव में मूल रूप से चलती है. एक तो जब हमारे पास ज़िन्दगी को लेकर बहुत सारे सवाल रहते हैं कि क्या जो मैं कर रही हूं वो सही है. क्या मैं यही चाहती हूं?क्या मेरी खुशी इन्ही चीजों में है. दूसरा जब हमें इन सवालों के जवाब मिल जाते हैं.मेरे किरदार आस्था की जर्नी इन्ही सवालों के बीच घूमती है.
क्या आपको लगता है कि हमारा समाज महिलाओं को यह आज़ादी देता है कि वो अपनी खुशी का चुनाव खुद से कर सकें?
समाज कुछ देता नहीं है बस बातें करता है.हमारे यहां कल्चर है कि हम अपने और अपनों के साथ कुछ और हैं और समाज के साथ कुछ और हम महिलाओं को यह बात समझनी होगी कि समाज लोगों से बनता है और लोगों को खास उनकी सोच और काम बनाते हैं तो अपने काम पर फोकस करिए। समाज क्या सोचता है.परिवार और पड़ोसी क्या कह रहा है.ये भूलना पड़ता है और अकेले जर्नी पर जाना पड़ता है.
आस्था के किरदार के लिए आपकी क्या खास तैयारी रही?
जुदाई फ़िल्म में जिस तरह परेश रावल का किरदार था वैसी मैं हूं.मेरे पास बहुत सारे सवाल होते हैं.टीवी हो या सीरीज की शूटिंग मैं बहुत सवाल पूछती हूं.मैरिड वुमन की अच्छी बात थी कि यहां सब तैयारी थी.टीम का पूरा होमवर्क था. हमने डेढ़ दो महीने वर्कशॉप की.किताब से भी आस्था के किरदार को और करीब से जाना.लुक की बात करूं तो मैंने खुद से अपना होमवर्क किया.मैंने नानी और अपनी मां की तस्वीरें दिल्ली से मंगवायी और टीम को भेजें कि ये 90 के दौर का परफेक्ट लुक हो सकता है.जब लुक टेस्ट मेरा हुआ तो मैं अपनी नानी की तरह लग रही थी.मैंने उन्हें तस्वीरें भी भेजी.
ओटीटी की नयी गाइडलाइन पर आपकी क्या राय है?
मुझे गाइड लाइन में कोई खामी नहीं लग रही है.सेल्फ सुपरविजन का प्रावधान है जो बहुत अच्छा है.आज़ादी जिम्मेदारी के साथ मिले तो ही अच्छा है.
एक एक्टर के तौर पर क्या आपने ये तय किया है कि आप ये करेंगी या नहीं करेंगी?
मैं काम को लेकर बहुत सेलेक्टिव हूं.मैं ऐसे लोगों को साथ काम करना चाहती हूं जो अपने काम को लेकर जुनूनी हो. मैं ऐसा किरदार करना चाहती हूं जो मुझे चैलेंज करें ऐसा नहीं कि सेट पर गयी डायलॉग बोला और घर आ गयी.
सीरीज में मोनिका और आपके बीच इंटीमेट सीन भी है कितनी सहज थी उन दृश्यों को करते हुए?
बहुत सहज थी.हमारे निर्देशक ने हमें समझाया कि वो कैसा शॉट चाहते हैं.क्या लाइटिंग होगी.वो डीओपी भी रह चुके हैं तो हमें और मदद मिली.रात भर शूट करने के बाद सुबह एक इंटीमेट सीन था.हम इतना थक चुके थे कि जल्दी जल्दी वो कर दिया ताकि पैकअप हो जाए.मतलब समझ सकती हैं कि सीन को लेकर ऐसे कोई हौव्वा नहीं था.
8 मार्च को ही नेटफ्लिक्स की ही वेब सीरीज बॉम्बे बेगम्स रिलीज हो रही है, कितनी प्रतिस्पर्धा है?
ये तो बहुत अच्छी बात है कि महिलाओं के लिए इतना कंटेंट बन रहा है। मुझे उम्मीद है कि दर्शक दोनों को पसंद करेंगे.
मैरिड वुमन एलजिबिटी के मुद्दे को भी रखता है कानून बन चुके हैं लेकिन समाज में ऐसे रिश्ते अभी भी स्वीकार्य नहीं है क्या ऐसे शोज समाज की सोच को बदलेंगे?
फिल्में,वेब सीरीज या किसी भी प्रकार का कंटेंट कोई बदलाव नहीं लाता है.हाँ कंटेंट आपको एक सोच देता है.सवाल जेहन में ला सकता है बस वैसे भी आर्ट का काम विचारों को जागृत करना है.
महिला दिवस आनेवाला है आप महिलाओं से क्या कहना चाहेंगी
महिलाओं को सशक्तिकरण की ज़रूरत नहीं है. वे सशक्त हैं बस वे इस बात को भूल गयी हैं. वो बच्चे को जन्म दे उसे बड़ा करती हैं.पूरा घर संभालती हैं. हर दिन महिला दिवस है लेकिन अच्छी बात है कि हम एक दिन तो सेलिब्रेट करें.