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दीपिका सभी को कहती कि मुझे भाभी नहीं रणवीर को जीजू कहो- साहिल खट्टर

फ़िल्म 83 में विकेटकीपर सय्यद किरमानी की भूमिका में अभिनेता साहिल खट्टर नज़र आ रहे हैं. इस फ़िल्म से जुड़ी चुनौतियों और अनुभवों पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

निर्माता निर्देशक कबीर खान की फ़िल्म 83 सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है. भारतीय क्रिकेट टीम के विश्व विजेता बनने की सिनेमाई कहानी में विकेटकीपर सय्यद किरमानी की भूमिका में अभिनेता साहिल खट्टर नज़र आ रहे हैं. इस फ़िल्म से जुड़ी चुनौतियों और अनुभवों पर उर्मिला कोरी से हुई बातचीत

इस फ़िल्म से जुड़ने का कैसे मौका मिला

इस फ़िल्म का मुझे आफर दो से तीन बार आया. कई बड़े बड़े एक्टर्स इस फ़िल्म का हिस्सा हैं.मुझे लगा कि कहीं मैं इस भीड़ में खो ना जाऊं. फिर मालूम हुआ कि दीपिका पादुकोण इस फ़िल्म में कैमियो कर रही है. मुझे लगा कोई बात तो होगी एक बार निर्देशक कबीर खान से जाकर मुझे मिलना चाहिए. मैं उनसे मिला और ये बात समझ गया कि अगर मैं इस फ़िल्म से नहीं जुड़ता तो मैं बहुत बड़ी चीज मिस कर देता था. यह फ़िल्म एक ऐतिहासिक फ़िल्म है. मैं जितना भी स्क्रीन पर नज़र आऊंगा. उससे अहम है कि मैं 83 से जुड़ी इस फ़िल्म का हिस्सा हूं.

83 क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों से क्या मुलाकात हुई थी उनका क्या रिएक्शन आपको लेकर था

हां,किरी भाई से जब पहली बार मिला तो उन्होंने कहा कि अच्छा किरी भाई मुझे देखते ही.उनके मुंह से यह शब्द सुनकर लगा कि मेरी आधी जीत तो हो गयी है.कपिल देव पा जी ने भी मुझे देखकर कहा कि हूबहू किरी. मैं इसके लिए कास्टिंग डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा जी का शुक्रगुज़ार हूं.जो उन्होंने मुझे यह मौका दिया.

विकेटकीपर सय्यद किरमानी की भूमिका के लिए क्या होमवर्क रहा ?

हम सभी बचपन से क्रिकेट खेलते रहे हैं तो बोलिंग बैटिंग हम सभी को आती है लेकिन विकेट कीपिंग से था तो मेरे लिए भी ये मुश्किल था. बहुत मेहनत की. इसकी ट्रेनिंग ली बाकायदा. ट्रेनिंग ही नहीं लंदन में शूटिंग करना आसान नहीं रहा है हमारे लिये. वहां 16 घंटे का तो दिन होता था तो 16 घंटे शूटिंग में चले जाते थे. बहुत मेहनत की है. फाइनल मैच में क्रिकेटर फौद का जो कैच किरमानी भाई ने लिया था. वो आइकॉनिक कैच मैंने एक टेक में ले लिया. मुझे यकीन ही नहीं हुआ.मैंने कबीर सर को कहा कि दो तीन टेक लेते हैं.उन्होंने कहा कि जब तूने एक टेक में ही शॉट हूबहू वैसा दे दिया तो दूसरा क्यों लूं. उन्होंने मॉनिटर पर मुझे शॉट दिखाया.

रणवीर के साथ अनुभव को कैसा रहा ?

मेरा और एनर्जी एक जैसी है. हम दोनों में वह अच्छी बात थी. मस्ती मजाक करते थे. गाने की पैरोडी करते थे. किसी भी गाने के हाथ पैर तोड़ देते थे. वो मुझे कहते कि तू इस गेम का मेस्सी है मैं उनको कहता कि आप रोनाल्डो हो. हंसी मजाक एक तरफ रणवीर कैमरा के सामने ही नहीं बल्कि ऑफ कैमरा भी एक कप्तान की तरह थे. जो सभी को साथ लेकर चलते थे .सीन कैसे करना है.उस पर भी वह अपनी राय देते थे. मेरे और रणवीर के बीच एक सीन है, जिसमें मैं और रणवीर कपिल देव का जो वर्ल्ड रिकॉर्ड बन रहा है, वहां का सीन है. मैं फील्ड पर जाता हूँ, रणवीर को मुझसे कुछ कहना है सीन में. रणवीर कहते हैं कि तुम आइज लॉक कर लेना बस. जब वो सीन हुआ. सब चुप हो गए तो हमलोग को लगा कि क्या हुआ. सबकी तालियां बजीं तो मेरे लिए खास बात था कि एक डेब्यू एक्टर को ताली मिली.

दीपिका फ़िल्म की निर्मात्री भी हैं उनके साथ ऑफ स्क्रीन कैसी बॉन्डिंग थी

उनको हम सभी लोग भाभी भाभी कहते थे. दीपिका कहती हैं मुझे भाभी नहीं, रणवीर को जीजू कहो, तो हम उनसे मजाक में कहते थे कि हम क्यों दीपिका के भाई बने, जब भगवान ने हमें उनका भाई नहीं बनाया है तो आप मेरे लिए हमेशा भाभी ही रहोगी.

आपने अपने यूट्यूब वीडियो के ज़रिए अपनी खास पहचान बनायी है क्या आप हमेशा से इतने आत्मविश्वासी रहे हैं

नहीं, शुरू से मैं बहुत फनी होने की कोशिश करता था, लेकिन फनी होने में कामयाब नहीं होता था. ( हंसते हुए)मुझे कभी लड़कियों की अटेंशन नहीं मिली. जो हर लड़के की तरह मुझे भी चाहिए होती है लेकिन लाइफ में एक पल आया, जब मुझे लगा कि ईमानदार होना बहुत जरूरी है. क्योंकि उसके बाद ही आप कुछ कर पाते हो. अपने क्राफ्ट को निखार पाते हो. वहां से मैंने ईमानदारी को अपनाया और मैं कॉंफिडेंट बना. मैं हर मीडियम में प्रासंगिक रहूँगा.

कई बार देखा गया है कि जो टीवी से आते हैं, उन्हें बॉलीवुड कम तवज्जो देते हैं ? आप इससे गुजरे हैं ?

इससे हर कोई गुजरता है. मुझे अब एक्टिंग समझ आती है. मैं अब एक्टिंग को एक्टिंग की तरह देखता हूँ. फिर मीडियम कोई भी हो. मैं तो आज भी रिजेक्शन फेस करता हूँ. वे कहते हैं कि पर्टिकुलर लुक है, तो मैं कहता हूँ कि विन डीजल का नहीं है ? पिटबुल का भी तो है. मैं इस नोशन को तोड़ना चाहता हूँ कि लीड एक्टर्स जिनके कन्धों पर फिल्म होती है, उनका कोई पर्टिकुलर लुक न हो. ये काम नवाजुद्दीन सिद्दीकी, इरफ़ान खान जैसे लोगों ने किया. मैं भारत का पहला बाल्ड सुपरस्टार बनना चाहता हूँ. मुझे पता नहीं यह कैसे होगा. लेकिन होगा. मैं तो कहता हूँ कि रोहित शेट्टी को अपने पिताजी को श्रद्धांजलि देना चाहिए. मैं उनके पिता की ऑन स्क्रीन भूमिका निभाना चाहूंगा.

एक्टर के तौर पर बाल नहीं रखने से नुकसान भी हैं आप सीमित किरदारों में बंध जाते हैं

नुकसान तो हर चीज़ में है. आप गंजे हैं तो भी नहीं हैं तो भी.हर चीज़ में. मैं इसे पॉजिटिव अप्रोच के साथ लेता हूं.मेरे पिता ने बहुत साल पहले एक बात कही थी जब मेरे बाल जा रहे थे तो उन्होंने कहा था कि अपनी खामियों को अपनी खूबियां बना लो. मेरे साथ वही हुआ. 83 फ़िल्म में मुझे पेड़ बनने का भी मौका मिलता तो मैं कर लेता था. मुझे किरी (सय्यद किरमानी) भाई का रोल मिला क्योंकि मेरे बाल नहीं थे.इस बात के साथ मैं बताना चाहूंगा कि मैंने विग पहनकर कुछ शोज किए थे. जिसे देखकर लोगों ने कहा था कि तू शो में कहां था तो ये बाल्ड लुक ही मेरी पहचान है .

ओटीटी के आने से क्या बदलाव आप पाते हैं ?

मुझे ऐसा लगता है कि ओटीटी के आने से नए स्टार्स बने हैं. ओटीटी ने काफी लोगों को मौके दिए हैं. ग्रेट परफॉर्मेंस आने लगे हैं. मैं हॉलीवुड से प्रेरणा लेता हूँ. मैं लिखता भी हूँ और आपलोग जल्द ही मेरा लिखा काम भी देखेंगे, तो यह सब ओटीटी की बदौलत ही हुआ है

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