सारथ बाबू कभी नहीं चाहते थे मैं सिगरेट को हाथ… रजनीकांत ने दोस्त संग बिताये खास पल को फैंस संग किया शेयर
सारथ बाबू के जाने से रजनीकांत काफी ज्यादा उदास हैं. उन्होंने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा कि सारथ मुझे सिगरेट पीने के लिए अक्सर डांटते थे. साथ ही लंबा जीने के लिए इसे छोड़ने के लिए भी कहता था.
सारथ बाबू का सोमवार को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. अभिनेता 71 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए. कमल हासन, सूर्या, कार्थी सहित तमिल फिल्म इंडस्ट्री के कई सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. दिवंगत अभिनेता के बारे में बोलने वालों में रजनीकांत भी शामिल थे. उन्होंने कई फिल्मों में एक साथ काम किया था और रजनीकांत ने साझा किया कि उनके मन में उनके लिए काफी सम्मान था. उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया कि सारथ चाहते थे कि मैं धूम्रपान छोड़ दूं और वह उनके सामने धूम्रपान न करूं.
एक दूसरे के अच्छे दोस्त थे रजनीकांत और सारथ बाबू
रजनीकांत ने यह भी साझा किया कि वे अभिनेता बनने से पहले एक दूसरे को जानते थे और दोस्त थे. उन्होंने कहा कि दिवंगत अभिनेता के चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी और वह कभी परेशान नहीं हुए. इस महीने की शुरुआत में सारथ बाबू को हैदराबाद के एआईजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कई समाचार रिपोर्टों के अनुसार, उन्हें सेप्सिस हो गया था, जिससे उनके अंग प्रभावित हुए और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
सिगरेट पर रजनीकांत को डांटते थे सारथ
अपने दोस्त के बारे में बात करते हुए, रजनीकांत ने पीटीआई से कहा, “मैंने उन्हें कभी भी सीरियस या गुस्सा होते नहीं देखा. आप सभी जानते हैं कि मैंने उनके साथ जितनी भी फिल्में कीं, वे बहुत बड़ी हिट रहीं- मुल्लुम मलारुम, मुथु, अन्नामलाई और वेलाइक्करन. मेरे लिए बहुत सारथ के मन में बहुत प्यार और स्नेह था. वह हमेशा मुझे धूम्रपान के लिए टोकते थे और मुझे लंबे जीवन के लिए इसे छोड़ने के लिए कहते थे. अगर वह मुझे धूम्रपान करते हुए देखते, तो वे सिगरेट छीन लेते और उसे बुझा देते. इसलिए, मैंने सोचा कि अब मैं उनके सामने कभी धूम्रपान नहीं करूंगा.”
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फिल्मों में एक दूसरे को अक्सर मदद करते थे रजनीकांत और सारथ
तमिल अभिनेता ने यह भी याद किया कि कैसे उन्होंने 1992 में सुरेश कृष्ण द्वारा निर्देशित फिल्म अन्नामलाई के एक महत्वपूर्ण सीन करने के लिए उनकी मदद की. उन्होंने कहा, “अन्नामलाई में, यह महत्वपूर्ण दृश्य है, जिसमें रजनीकांत अपनी दोस्ती में खटास आने के बाद सरथ बाबू को ले जा रहे हैं. इसमें बहुत सारे रीटेक हुए क्योंकि भावनाएं ठीक से बाहर नहीं निकलीं. उन्होंने मुझे एक सिगरेट दी और उसके बाद मुझे सुकून महसूस हुआ और टेक अप्रूव हो गया. उन्होंने हमेशा मुझे अच्छे स्वास्थ्य के बारे में सलाह दी लेकिन अब वह नहीं हैं.” बता दें कि सरथ बाबू ने अपने अभिनय की शुरुआत 1973 में तेलुगु फिल्म राम राज्यमवास से की थी. वह आखिरी बार इसी साल तमिल फिल्म वसंता मुलई में नजर आए थे. अभिनेता का अंतिम संस्कार मंगलवार को चेन्नई में किया जाएगा.