गुजरात उच्च न्यायालय ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ 2017 में उनकी फिल्म ‘रईस’ के प्रचार के दौरान वडोदरा रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के संबंध में दायर एक याचिका बुधवार को खारिज कर दी. इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए और बेहोश हो गए थे.
प्राथमिकी में, शाहरुख खान को कथित तौर पर आईपीसी की धारा 336, 337 और 338 के तहत दर्ज किया गया था. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात कोर्ट ने उद्धृत किया कि ‘आईपीसी की धारा 336, 337 और 338 और 304 ए के तहत दंडनीय अपराधों का प्राथमिक घटक यह है कि संबंधित कार्य जल्दबाजी या लापरवाही से किया जाना चाहिए.’ हालांकि, शाहरुख खान के कृत्यों को “बहुत उच्च स्तर की लापरवाही का कार्य नहीं कहा जा सकता”.
जस्टिस करील ने अपने फैसले में कहा कि शाहरुख की हरकतों से भले ही लोग उत्साहित हुए हों, लेकिन वे उच्च स्तर की लापरवाही नहीं थे. न्यायलय ने कहा, शाहरुख खान … की ओर से किए गए कृत्य से भीड़ के कुछ सदस्य उत्साहित हो सकते हैं, लेकिन … ऐसे कृत्यों को बहुत उच्च स्तर की लापरवाही से युक्त नहीं कहा जा सकता है … इसके अलावा याचिकाकर्ता … एक अभिनेता होने के नाते अपनी आने वाली फिल्म का प्रचार कर रहा था … उक्त कृत्य में से किसी को भी पुरुषों के कारण का कोई तत्व नहीं कहा जा सकता है, जो एक अपराध के रूप में लापरवाही को पकड़ने के लिए एक आवश्यक तत्व है.”
आपको बता दें कि साल 2017 की भगदड़ के बाद, कांग्रेस नेता जितेंद्र सोलंकी ने अभिनेता के खिलाफ शिकायत दर्ज की. वडोदरा की एक स्थानीय अदालत ने फिल्म स्टार को समन जारी कर उपस्थित रहने के लिए कहा. समन के खिलाफ और शिकायत को खारिज करने के लिए शाहरुख खान ने हाईकोर्ट का रुख किया था.