100 years of mohammed rafi :लीजेंडरी सिंगर मोहम्मद रफी आज अपना 100 वां जन्मदिन मना रहे हैं.इस खास मौके पर उनसे जुड़ी कई यादों को उनके बेटे शाहिद रफी ने याद करते हुए साझा किया. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत के प्रमुख अंश
पिताजी को जन्मदिन मनाना नहीं था पसंद
पिताजी की जन्म शताब्दी को पूरी दुनिया में आज उनके प्रशंसक सेलिब्रेट कर रहे हैं. मैं बताना चाहूंगा कि पिताजी को जन्मदिन मनाना पसंद नहीं था. वे कहते थे कि इसमें जश्न की क्या बात है.जिंदगी से एक साल कम हो रहा है, हालांकि बाद में वह हम बच्चों के खुशी के लिए अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करने लगे थे, लेकिन उसमें भी वह ज्यादा कुछ नहीं करते थे. बस सादगी के साथ उसे मना लेते थे.हम जो केक लेकर आते थे. उसे काट लेते थे. वे खाने के बेहद शौक़ीन थे.उनके जन्मदिन के दिन पर मां ही खाना बनाती थी. मैं बताना चाहूंगा कि खाने के शौकीन थे लेकिन वह चूजी नहीं थे कि मुझे यही खाना है. ये नहीं खाना है.जो भी उन्हें खाने को मिलता था. वह बहुत प्यार से खाते थे.
100 वें जन्मदिन पर देश विदेश में हो रहे हैं शो
पिताजी की आज 100 वीं जयंती है और उनके दुनिया से गए चार दशक से ऊपर का समय हो गया है. मुझे नहीं लगता कि किसी और फनकार के जाने के बाद भी उसके नाम पर दशकों बाद इतने सारे शोज होते रहे हैं. उनकी आवाज खुदा की नेमत थी इसलिए उनके जाने के बाद भी उस आवाज पर खुदा की नेमत बरकरार है और उनके गाये गए गीत आज भी नयी पीढ़ी को उनसे जोड़ती जा रही है.आज ही मुंबई में ही ना जाने कितने शो हो रहे हैं. एक तो षणमुखानंद हॉल में पिताजी के सम्मान में हो रहा है और एक नीता अम्बानी कल्चरल सेंटर में, जिसमें सोनू निगम परफॉर्म भी करने वाले हैं. मैं और मेरा परिवार भी उस शो में शिरकत करेगा.
बायोपिक के लिए एक्टर की तलाश जारी है
जैसा कि सभी को पता है कि पिताजी पर बायोपिक बनाने की हमारी प्लानिंग शुरू हो गयी है , लेकिन अभी भी वह बेहद शुरूआती स्टेज पर है,इसलिए आज उनके जन्मदिन पर हम कुछ भी खास घोषणा बायोपिक पर नहीं करने वाले हैं. पिताजी का रोल कौन करने वाला है. उनकी इस बायोपिक में किन दूसरे लोगों की भी जिंदगी को भी दिखाया जाएगा. इन सब पर मैं अभी फिलहाल ज्यादा कुछ नहीं कह पाऊंगा.
पिताजी को लुंगी और कुर्ता पहनना था पसंद
ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा रहते हुए भी वह हमेशा सादगी से रहना पसंद करते थे. वे बॉलीवुड की पार्टियों से दूर ही रहते थे. बॉलीवुड की पार्टियों में शिरकत करने से अच्छा उन्हें हमारे साथ कैरम और बैडमिंटन खेलना पसंद था. वह हमारे साथ पतंग भी उड़ाते थे. परिवार के साथ समय बिताना उन्हें बहुत अच्छा लगता था. कपड़ों में भी रंग बिरंगी कपडे नहीं बल्कि सफ़ेद कपडे बेहद पसंद थे. उनके पास सबसे ज्यादा सफेद रंग के ही कपड़े थे. रिकॉर्डिंग पर वह ज्यादातर सफारी सूट में जाते थे,लेकिन उनकी पसंदीदा पोशाक लुंगी और कुर्ता था.घर पर वह लुंगी और कुर्ते में ही हमेशा दिखते थे.
पिताजी कभी गुस्सा जाहिर नहीं करते थे
पिताजी जितने अच्छे सिंगर थे. उतने ही अच्छे इंसान भी थे.वह बहुत ही विनम्र और सॉफ्ट स्पोकन थे.मुझे नहीं लगता कि कोई भी उनके बारे में कभी बुरा बोल सकता है क्योंकि उन्होंने कभी किसी से ऊंची आवाज में बात तक नहीं की थी.आप इस बात को इससे समझ सकती हैं कि उन्होंने हम बच्चों तक को भी कभी डांटा नहीं था. ऐसा नहीं था कि उन्हें गुस्सा नहीं आता था, लेकिन वह उसे अपने तक ही रखते थे. कभी जाहिर नहीं करते थे. हम बच्चों की शरारत को बढ़ता देख वह हमसे सीधे तौर पर कुछ नहीं कहते थे. वह हमारी मां को बोलते थे और मां हमको डांट लगाती थी.