Shahrukh Khan ‘पार्डो अल्ला कैरिएरा अवॉर्ड’ से हुए सम्मानित, पहले भारतीय बनकर रचा इतिहास
Shahrukh Khan: बॉलीवुड के बादशाह खान ने एक और अचीवमेंट अपने नाम किया है. दरअसल, शनिवार को लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल के 77वें संस्करण में एक्टर को पार्डो अल्ला कैरिएरा अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
Shahrukh Khan बॉलीवुड के स्टार ही नहीं बल्कि सुपरस्टार हैं, जिन्हें न केवल भारत में पसंद किया जाता है, बल्कि पूरी दुनिया में इनका बोलबाला है. जितना प्यार शाहरुख खान ने इंडस्ट्री को दिया है, उससे कई ज्यादा प्यार इंडस्ट्री उन पर लुटाती है. इसी बीच एक्टर ने एक और अचीवमेंट अपने नाम किया है. दरअसल, बीती रात लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल, 2024 में शाहरुख खान को पार्डो अल्ला कैरिएरा अवॉर्ड से नवाजा गया है. खास बात यह है कि शाहरुख खान इस अवॉर्ड से नवाजे जाने वाले पहले भारतीय हैं.
सम्मान समारोह के दौरान देवदास दिखाया गया
लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल के 77वें संस्करण का आयोजन 10 अगस्त, 2024 शनिवार को स्विटजरलैंड में हुआ था. शाहरुख खान को इस अवॉर्ड से सिनेमा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. इस दौरान संजय लीला भंसाली की निर्देशित फिल्म ‘देवदास’ दिखाई गई. अवार्ड समारोह में एक्टर ऑल ब्लैक फॉर्मल लुक में नजर आए. उन्होंने ब्लैक शर्ट और ट्राउजर के साथ ब्लैक ब्लेजर कैरी किया है, जिसमें वह वाकई किसी बादशाह से कम नहीं नजर आ रहे.
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शाहरुख खान ने सिग्नेचर पोज में की स्पीच की शुरुआत
शाहरुख खान ने अवार्ड रिसीव करने के बाद एक स्पीच भी दिया, हो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. एक्टर ने अपने स्पीच की शुरुआत अपने शानदार वेलकम के लिए आभार व्यक्त करते हुए किया. इसके बाद उन्होंने अपना सिग्नेचर पोज करते हुए कहा, “आप सभी का इतनी बड़ी बाहों से मेरा स्वागत करने के लिए धन्यवाद. यह लोकार्नो का एक बहुत ही सुंदर, बहुत ही सांस्कृतिक, बहुत ही कलात्मक और बेहद गर्म शहर है.’ इतने सारे लोग एक छोटे से चौक में ठसाठस भरे हुए हैं और इतनी गर्मी है. यह बिल्कुल भारत में अपने घर जैसा है.’
सिनेमा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए
उन्होंने आगे सिनेमा के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, ‘मैं सच में मानता हूं कि सिनेमा हमारे युग का सबसे गहरा और प्रभावशाली कलात्मक माध्यम रहा है. मुझे कई वर्षों तक इसका हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है और इस सफर ने मुझे कुछ सीख भी दी है. उन्होंने आगे कहा, ‘कला जीवन को सबसे ऊपर रखने का कार्य है. यह हर मानव निर्मित सीमा से परे मुक्ति के स्थान पर जाती है. इसे राजनीतिक होने की जरूरत नहीं है, इसे विवादास्पद होने की जरूरत नहीं है, इसे उपदेश देने की जरूरत नहीं है, इसे बौद्धिक होने की जरूरत नहीं है, इसे नैतिकता की जरूरत नहीं है.’
शाहरुख खान का नाम जब वहां मजूद भीड़ ने चिल्लाया तो उन्होंने अवार्ड का नाम लेने की कोशिश की, उसके बाद हंसते हुए कहा, ‘क्या आप कोई छोटा नाम रख सकते हैं? जैसे अरिवेडेरसी.
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