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Shailendra Birthday Anniversary: करीब 800 भोजपुरी गाने लिखने वाले गीतकार का 43 साल की उम्र में हो गया था निधन

शैलेंद्र, हिंदी सिनेमा के महान गीतकार, ने 171 हिंदी और 6 भोजपुरी फिल्मों में 800 गाने लिखे. राज कपूर के खास दोस्त, उन्होंने अनगिनत यादगार गीत दिए. जो आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं.

By Sahil Sharma | August 30, 2024 7:10 AM
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शैलेंद्र का संगीत सफर 

Shailendra Birthday Anniversary: शैलेंद्र, जो महज 43 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए, ने हिंदी सिनेमा को कई अमर गीत दिए हैं. उन्होंने 171 हिंदी और 6 भोजपुरी फिल्मों में करीब 800 गाने लिखे. उनके गाने जैसे आवारा, श्री 420, संगम और गाइड आज भी लोगों की जुबान पर हैं. उनकी लेखनी ने उन्हें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का एक अटूट हिस्सा बना दिया. 

राज कपूर के साथ शैलेंद्र का जुड़ाव 

शैलेंद्र और राज कपूर की दोस्ती की कहानी भी खास है. जब राज कपूर ने “बरसात” फिल्म बनाई, तब शैलेंद्र ने “

हमसे मिल तुम सजन और पतली कमर है जैसे गाने लिखे. इसके बाद, राज कपूर की लगभग सभी फिल्मों के थीम सॉन्ग शैलेंद्र ने ही लिखे. राज कपूर उन्हें प्यार से ‘कविराज’ कहकर बुलाते थे. शैलेंद्र और राज कपूर की जोड़ी 16-17 सालों तक हिंदी सिनेमा में राज करती रही. 

Shailendra birthday anniversary

तीसरी कसम और शैलेंद्र की कठिनाईया 

शैलेंद्र ने जब फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी पर “तीसरी कसम” फिल्म का काम शुरू किया, तो उनकी आर्थिक मुश्किलें बढ़ गईं. फिल्म के फ्लॉप होने से उन्हें बहुत दुख हुआ. हालांकि, उनका जज्बा कभी कम नहीं हुआ और वे हमेशा अपने काम के प्रति डेडिकेटेड रहे. 

साहिर लुधियानवी का सम्मान

1963 में साहिर लुधियानवी ने शैलेंद्र के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए फिल्म फेयर अवार्ड लेने से मना कर दिया. उनका मानना था कि शैलेंद्र का लिखा गाना “मत रो माता लाल तेरे बहुतेरे” उनसे बेहतर है. इस इंसिडेंट ने शैलेंद्र की लेखनी की डेप्थ और उसकी पॉवर को साबित किया.

शैलेंद्र का असमय निधन

14 दिसंबर 1966 को शैलेंद्र का निधन हुआ. यह संयोग ही था कि जिस दिन राज कपूर का जन्मदिन था, उसी दिन शैलेंद्र ने दुनिया को अलविदा कह दिया. राज कपूर ने इस घटना पर कहा था, मेरे दोस्त ने जाने के लिए कौन सा दिन चुना, किसी का जन्म, किसी का मरण. कवि था न, इस बात को खूब समझता था.

आज वो अपने गीतों से हमारे बीच अमर है, प्रभात खबर की पूरी टीम आज उन्हें दिल से याद करती है. 

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