द कपिल शर्मा शो को ‘अश्लील’ बताने को लेकर शैलेश लोढ़ा ने दी सफाई, बोले- मैंने कभी ऐसा नहीं कहा…
सिद्धार्थ कन्नन को दिये एक इंटरव्यू में शैलेश लोढ़ा ने कहा, "यह कहानी अलग है. मैंने ऐसा कभी नहीं कहा. मैंने सिर्फ इतना कहा था कि टीवी पर ऐसे शो होते हैं जो अश्लील होते हैं जहां एक दादी लोगों को किस करती हैं. लेकिन यह उस कंटेंट के बारे में था. ऐसे कई शो हैं.
तारक मेहता का उल्टा चश्मा में नजर आ चुके शैलेश लोढ़ा इनदिनों अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. हाल ही में उन्होंने अपने तारक मेहता शो को छोड़ने के बारे में बात की थी. अब उन्होंने द कपिल शर्मा शो को लेकर दिये अपने पुराने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने अपने एक बयान में शो की जमकर खिंचाई की थी और इसे अश्लील तक कह दिया था. उनके बयान का वो क्लिप आज भी सोशल मीडिया पर अक्सर वायरल हो जाता है. अब उन्होंने कहा है कि उनका यह बयान इस शो के लिए कभी नहीं था.
मैंने कपिल के शो के बारे में कभी कुछ नहीं कहा
सिद्धार्थ कन्नन को दिये एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “यह कहानी अलग है. मैंने ऐसा कभी नहीं कहा. मैंने सिर्फ इतना कहा था कि टीवी पर ऐसे शो होते हैं जो अश्लील होते हैं जहां एक दादी लोगों को किस करती हैं. लेकिन यह उस कंटेंट के बारे में था. ऐसे कई शो हैं. मुझे लगा कि कॉमेडी करने के कई बेहतर तरीके हैं. यह कभी किसी शो के बारे में नहीं था. लोगों ने इसे किसी और चीज से जोड़ा. मैंने और कपिल ने एक साथ मंच पर परफॉर्म किया है.”
कपिल बहुत अच्छे कलाकार और दोस्त हैं
अभिनेता ने स्पष्ट किया कि वह एक विशिष्ट कार्यक्रम के बजाय पूरे टेलीविजन पर “अश्लील” कॉमेडी शो के एक वर्ग की आलोचना कर रहे थे. शैलेश लोढ़ा ने आगे कहा, “मैं टीवी शो में अश्लीलता के बारे में बात कर रहा था जो अब सामने आने लगी है. मैं इसके बारे में बात कर रहा था. मैं पर्सनली किसी के बारे में बात नहीं कर रहा था. मैं वो कभी नहीं करता. कपिल बहुत अच्छे कलाकार और दोस्त हैं. यह उसके बारे में बिल्कुल नहीं था.”
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शैलेश लोढ़ा ने कही थी ये बात
बता दें कि शैलेश लोढ़ा ने अपने बयान में कहा था,” मैं कुछ कार्यक्रम देखना हूं तो मुझे शर्म आती है. एक दादी है जो हर व्यक्ति को चूमना चाहती है, एक ऐसी बुआ जो शादी के लिए बेताब है, एक पति जो अपनी पत्नी को प्रताड़ित करता करता है. मैं उस कार्यक्रम में काम करता हूं जिसमें एक बेटा हर बात के लिए अपने बाप के पैर छूता है. एक पोता अपने दादा का सम्मान करता है.”