Shashi Kapoor: कमर्शियल फिल्मों से पैसे कमा कर कलात्मक सिनेमा में लगाने वाले अभिनेता थे शशि कपूर
Shashi Kapoor Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा के दिग्गज कलाकार शशि कपूर की आज 86वीं बर्थ एनिवर्सरी है. शशि कपूर एक साथ इतनी सारी फिल्में किया करते थे कि राजकपूर उनके बारे में कहते थे- 'शशि एक ऐसी टैक्सी है, जिसे जब बुलाओ आ तो जाता है, लेकिन मीटर हमेशा डाउन रहता है.'
Shashi Kapoor Birth Anniversary: आज दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता शशि कपूर का जन्मदिन है. पृथ्वीराज कपूर और राज कपूर के बाद वह अपने परिवार के तीसरे ऐसे कलाकार थे, जिन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया था. शशि कपूर को अभिनय विरासत में मिली थी, लेकिन वह अपने अभिनेता भाइयों से अलग थे. उन्हें अलग बनाता था, उनका थिएटर प्रेम और कलात्मक फिल्मों में रुझान, जिसमें उन्होंने अपनी सारी उम्र की पूंजी लगा दी.
जब जब फूल खिले थी पहली बड़ी हिट
शशि कपूर की बात होती है, उनके चाहने वालों के सामने जब जब फूल खिले का गरीब राजा आ जाता है, जो कश्मीर की झीलों में नाव चलाता है. यह उनकी पहली बड़ी हिट फिल्म थी, जिसके लिए उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का बीएफजेए अवॉर्ड जीता था. इसके बाद उनकी हिट फिल्मों की एक लंबी फेहरिस्त देखी जा सकती है, जिसमें चोर मचाए शोर, त्रिशूल, कलयुग, नमक हलाल, दीवार, कभी-कभी, सत्यम शिवम सुंदरम, धर्मपुत्र, काला पत्थर समेत कई फिल्में शामिल हैं.
एक साथ करते थे कई फिल्मों में काम
शशि कपूर एक साथ इतनी सारी फिल्में किया करते थे कि राजकपूर उनके बारे में कहते थे- ‘शशि एक ऐसी टैक्सी है, जिसे जब बुलाओ तो जाता है, लेकिन मीटर हमेशा डाउन रहता है.’ शशि कपूर ने अनेक कमर्शियल फिल्में की लेकिन कम लोग जानते हैं कि वे समानांतर सिनेमा के गहरे पैरोकार थे. छोटी उम्र से ही वह अपने पिता की रिपर्टरी कंपनी पृथ्वी थिएटर के नाटकों में अभिनय करने लगे थे. आगे चलकर उन्होंने अपने पिता के पृथ्वी थिएटर को मुंबई का सांस्कृतिक मील का पत्थर बनाया.
भीतर के कलाकार को जिलाये रखने वाली फिल्में
आज शशि कपूर के जन्मदिन पर उनकी उन फिल्मों का जिक्र जरूरी हो जाता है, जिन्हें वे कमर्शियल फिल्मों के साथ-साथ करते थे, ताकि अपने भीतर के कलाकार को जिलाये रख सकें.
जुनून : रस्किन बॉन्ड के उपन्यास ए फ्लाइट ऑफ पिजन्स पर आधारित यह फिल्म 1978 में रिलीज हुई थी. शशि कपूर और उनकी पत्नी जेनिफर केंडल के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था. फिल्म में शशि कपूर के साथ शबाना आजमी, जेनिफर केंडल, नफीसा अली के साथ प्रसिद्ध लेखिका इस्मत चुगताई को भी देखा जा सकता है.
36 चौरंगी लेन : यह अपर्णा सेन की बतौर निर्देशक पहली फिल्म थी. 1982 में प्रदर्शित हुई इस फिल्म के निर्माता शशि कपूर थे. इसमें जेनिफर केंडल ने कोलकाता में एक एंग्लो इंडियन शिक्षक की भूमिका निभाई है. यह फिल्म एक लुप्त होती दुनिया पर एक मार्मिक नजर है.
उत्सव : यह फिल्म लगभग दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से दूसरी शताब्दी ईस्वी तक के प्रसिद्ध भारतीय नाटककार भास के संस्कृत नाटक ‘दरिद्र-चारुदत्त’ पर आधारित है. गिरीश कनार्ड निर्देशित इस फिल्म का निर्माण शशि कपूर ने किया था और इसमें अभिनय भी किया था.
सिद्धार्थ : जर्मन उपन्यासकार हरमन हेस्से के उपन्यास पर केंद्रित यह फिल्म 1972 में आयी थी, जिसमें एक युवा भारतीय की कहानी है, जो अस्तित्व का अर्थ खोजने के लिए यात्रा पर निकलता है. कॉनराड रूक्स द्वारा निर्देशित इस फिल्म में शशि कपूर के साथ सिमी गरेवाल ने काम किया है. यह शशि कपूर की सबसे विवादित फिल्म भी थी.
हीट एंड डस्ट : रूथ प्रावर झाबवाला के बुकर विजेता उपन्यास हीट एंड डस्ट पर इसी नाम से बनी इस फिल्म में शशि कपूर एक अहम किरदार में नजर आते हैं. जेम्स आइवरी द्वारा निर्देशित और इस्माइल मर्चेंट द्वारा निर्मित यह फिल्म 1983 में आयी थी और 2017 में ब्रिटिश सिनेमाघरों में फिर से रिलीज की गयी थी.
इन कस्टडी : यह शशि कपूर की अंतिम फिल्मों में से एक है, जो 1994 में प्रदर्शित हुई थी. इस्माइल मर्चेंट निर्देशित यह फिल्म भी बुकर अवार्ड पाने वाले अनिता देसाई के उपन्यास इन कस्टडी पर आधारित है.
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