बॉलीवुड के कई सितारों के कोरोना टेस्ट पॉजिटिव होने की खबरें आ चुकी हैं. बीते दिनों निर्माता करीम मोरानी की दोनों बेटियां और अभिनेता पूरब कोहली के कोरोना पॉजिटिव होने की खबरें आईं. इसके बाद ऐसी खबरों ने जोर पकड़ा कि अभिनेत्री शेफाली शाह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं है. शेफाली शाह के फेसबुक अकाउंट पर कोरोना पॉजिटिव होने की बात लिखी गई. हालांकि अब अभिनेत्री ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर इस बाबत चुप्पी तोड़ी है.
वेब सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’ से चर्चा में आईं शेफाली ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखकर बताया कि वह और उनका परिवार को कोरोना नहीं है. वे पूरी तरह स्वस्थ हैं. उन्होंने लिखा,’बीती रात मेरा फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था. सुबह जब मैं उठी तो लोगों के ढेरों मैसेजेस थे. वे चिंता जाहिर कर रहे थे. उन्होंने अपना नंबर शेयर किया और कहा कि अगर कोई भी जरूरत हो तो मैं उन्हें फोन करूं. ये वो लोग हैं जिनसे मैं मिली हूं या शायद नहीं भी मिली हूं, या एक बार मिली हूं.’
उन्होंने आगे लिखा,’ उनमें से बहुत से लोगों ने यह भी कहा कि यह आपकी आवाज़ नहीं है, यह एक सकारात्मक आवाज़ नहीं है और यह आपकी तरह नहीं है और हम आपके अच्छे की उम्मीद कर रहे हैं. इस तरह के मैसेज ने दिल को छू लिया. यह जानकर अच्छा लगा कि लोग आपके पास तब पहुंचते हैं जब उन्हें लगता है कि आपको उनकी जरूरत है. मुझे नहीं लगता कि उन्होंने ऐसा सिर्फ इसलिए किया क्योंकि मैं एक अभिनेत्री हूं इसलिए ऐसा किया क्योंकि उन्हें एक साथी इंसान की परवाह है.’
Also Read: Coronavirus : फंड जुटाने के लिए लेडी गागा से जुड़े शाहरुख खान और प्रियंका चोपड़ाअभिनेत्री ने लिखा,’ मैं कहना चाहती हूं कि मैं बिल्कुल ठीक हूं. इस पूरी स्थिति से निपट रही हूं जैसे हरकोई इससे निपट रहा है. मैं ठीक हूं और मैं कभी भी इतना नकारात्मक नहीं सोचूंगी. घर पर हम सभी ठीक हैं और सुरक्षित हैं हम कोरोना सकारात्मक नहीं हैं क्योंकि मेरी पोस्ट में लिखी गई चीजों में से एक थी. आप सभी का धन्यवाद.’
उन्होंने एक और पोस्ट में लिखा,’ ये सामान्य समय नहीं हैं. ये बहुत मुश्किल समय हैं और हम सभी इसे अपने तरीके से सामान्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यहां कोई गलत नहीं हैं.’ उन्होंने लिखा,’ लेकिन चाहे हम इसे जोर से कहें या नहीं, अवचेतन रूप से इसका वजन कम होता जा रहा है. न जाने. भय, भ्रम की चिंता, आशंका, अवसाद, आतंक और विभिन्न भावनाएं जिन्हें शब्दों में नहीं समझाया जा सकता है. यह बहुत ही थकाऊ है. शारीरिक कार्य उतना नहीं, जितना कि भावनात्मक और मानसिक तनाव.’