बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा (Raj Kundra) के पोर्नोग्राफी केस में गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज कराने के लिए हाल ही में मुंबई क्राइम ब्रांच ने समन भेजा था. वहीं एक्ट्रेस ने अग्रिम जमानत के लिए मुंबई सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया है. शर्लिन चोपड़ा (Sherlyn Chopra) ने अपने वकील सिद्धेश बोरकर के माध्यम से अदालत को बताया है कि वह पुलिस की जांच से कतरा नहीं रही हैं, लेकिन वह पुलिस के पास जाने से पहले अदालत के आदेश से सुरक्षित रहना चाहती है क्योंकि एक्ट्रेस को डर है कि अन्य आरोपियों की तरह उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा.
पोर्न फिल्म रैकेट मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293 (अश्लील सामग्री की बिक्री) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. जहां बोरकर ने न्यायाधीश सोनाली अग्रवाल के समक्ष शर्लिन चोपड़ा की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस की, वहीं सरकारी वकील ने अदालत से कहा कि वे केवल उनका बयान दर्ज करना चाहते हैं. हालांकि बोरकर ने कोर्ट को गहरी आशंका के बारे में बताया.
बोरकर ने बताया कि, जहां तक 2021 के एफआईआर का सवाल है, शर्लिन ने कहा है कि वह इसपर कोई कमेंट नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्हें न तो एफआईआर की कॉपी दी गई और न ही उन्हें उनके खिलाफ लगाए गए विशिष्ट आरोपों के बारे में बताया गया हैं. हालांकि, पुलिस द्वारा सह-आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के बाद से उन्होंने मामले में गिरफ्तारी की आशंका जताई है. उन्हें लगता है कि गलत और सही तथ्यों की जानकारी के बिना उन्हें मामले में फंसाया जा सकता है. उन्होंने इस आधार पर गिरफ्तारी से पहले जमानत मांगी थी कि उसकी हिरासत पूरी तरह से अनुचित है.
बता दें कि, पोर्न फिल्म रैकेट मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 292, 293 (अश्लील सामग्री की बिक्री) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. इसके अलावा इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट एंड प्रोविजन ऑफ द इनडीसेंट रीप्रिजेन्टेशन ऑफ वुमन एक्ट के तहत सेक्शन 67 और 67ए फाइल किया गया है. शर्लिन को 26 जुलाई, 2021 को व्हाट्सएप के माध्यम से दंड प्रक्रिया संहिता (समन गवाहों) की धारा 160 के तहत जांच के उद्देश्य से उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था.
शर्लिन को पहले ही मुंबई पुलिस के साइबर सेल द्वारा 2020 में दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी के रूप में पेश किया जा चुका है. जांच अधिकारी ने इस मामले में भी इसी तरह का समन नोटिस जारी किया था. उन्होंने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और जब इसे खारिज कर दिया गया तो उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा इस आश्वासन के साथ दी गई थी कि वह जांच में सहयोग करेंगी. सुरक्षा 20 सितंबर, 2021 तक बढ़ा दी गई है. वहीं मुंबई की सत्र अदालत 29 जुलाई को चोपड़ा की जमानत याचिका पर आगे सुनवाई करेगी.