Illegal Construction : बंबई HC ने सोनू सूद मामले पर फैसला सुरक्षित रखा, BMC ने अभिनेता को बता दिया ‘आदतन अपराधी’
अभिनेता सोनू सूद इन दिनों अवैध निर्माण को लेकर आरोपों में घिरे हैं. बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इस पूरे मामले को लेकर बंबई हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामा में बीएमसी ने सोनू सूद को आदतन अपराधी बता दिया है.
अभिनेता सोनू सूद इन दिनों अवैध निर्माण को लेकर आरोपों में घिरे हैं. बृह्नमुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इस पूरे मामले को लेकर बंबई हाई कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. कोर्ट ने इस पूरे मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. बीएमसी की तरफ दायर हलफनामा मेंसोनू सूद को आदतन अपराधी बताया गया है.
Bombay High Court reserves order in the case related to Brihanmumbai Municipal Corporation issuing notice to actor Sonu Sood for illegal construction at his residence.
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— ANI (@ANI) January 13, 2021
इसमें जिक्र है कि यह पहली बार नहीं है जब सोनू सूद ने नियम तोड़ा है इससे पहले भी वह ऐसा करते रहे हैं. उन पर दो बार कार्रवाई की जा चुकी है वह जुहू के रिहायशी इमारत में अनधिकृत निर्माण कराया जिस पर कार्रवाई हुई.
कोर्ट में बीएमसी ने जानकारी दी है कि सोनू सूद ने रिहायशी बिल्डिंग को होटल में बदलने की कोशिश की है. अब सोनू अपनी गलती छुपाने में लगे हैं. पिछले साल अक्टूबर में बीएसपी ने उन्हें नोटिस भेजा था. इस नोटिस को लेकर सोनू हाईकोर्ट पहुंचे थे.
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कोर्ट में बीएमसी ने लिखा, अपील करने वाले शख्स आदतन अपराधी हैं और पैसा कमाने के उद्देश्य से अवैध निर्माण कराया गया है. उन्होंने इसके लिए कोई अनुमति नहीं ली. सोनू पर आरोप है कि उन्होंने अपने छह मंजिला रिहायशी इमारत ” शक्ति सागर ” को होटल में बदल दिया.
बीएमसी ने कहा, सोनू अब इसका बचाव कर रहे हैं. रेजिडेंशियल बिल्डिंग के कारोबारी इस्तेमाल के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है, सोनू सूद ने इसकी सूचना तक नहीं दी है और बिना लाइसेंस के यहां अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा है. ध्यान रहे कि बीएमसी ने सितंबर 2018 में अवैध निर्माण के लिए सबसे पहले कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के बाद भी निर्माण कार्य जारी रहा.
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सोनू सूद ने अपनी अपील में बीएमसी के इन आरोपों को नकारा है. उन्होंने कोर्ट में जानकारी दी है कि उन्होंने कोई भी अवैध निर्माण नहीं किया. सोनू सूद के वकील ने कहा- महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन (MRTP) के नियमों के आधार पर ही बदलाव किये गये हैं ऐसा कुछ भी नहीं बदला गया जिससे कानून का उल्लंघन होता है.