Bollywood vs South Industry: सालों तक बॉलीवुड भारतीय सिनेमा का बेताज बादशाह रहा. हिंदी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर राज किया. एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं, जिसे दर्शक भी बड़े ही चाव के साथ देखते थे, क्योंकि स्टोरी लाइन में एक्शन, इमोशन, ड्रामा, सॉन्ग और जबरदस्त कहानी का मिश्रण होता था. सीधे शब्दों में कहें तो मल्टी जॉनर फिल्म मेकिंग ही भारतीय सिनेमा है. इसमें हर किसी के लिए कुछ न कुछ है और यह हर वर्गों को खूब एंटरटेन करता है. हालांकि बीते कई वर्षों से ऐसा लग रहा है कि बॉलीवुड अपना चार्म खोता जा रहा है. जवान, पठान, गदर 2 और स्त्री 2 को छोड़ दें, तो कई फिल्में बैक टू बैक फ्लॉप हुई है. इसी बीच दक्षिण भारतीय सिनेमा ने अपने शक्तिशाली मनोरंजन से हिंदी क्षेत्र में तूफान ला दिया. बाहुबली, केजीएफ, पुष्पा और आरआरआर जैसी फिल्मों ने न केवल दर्शक बटोरे बल्कि पूरी दुनिया में जबरदस्त कमाई करते हुए कई अवॉर्ड भी जीते.
साउथ इंडस्ट्री की इन फिल्मों ने बॉलीवुड से छीना ताज
आइए साल 2017 की ओर मुड़ें. तेलुगु की पॉपुलर फिल्म ‘बाहुबली: द कन्क्लूजन’ ने वह मुकाम हासिल किया, जो कभी सोचा भी नहीं जा सकता था. इसने अकेले हिंदी में 512 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर कई रिकॉर्ड तोड़ दिया. बाद में साल 2019 में प्रभास की ‘साहो’ आई और इसने भी 400 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन किया. फिर आया साल 2022 का वो दौर जिसे भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नों में लिखा जाता है. एसएस राजामौली की ओर से बनाई गई ‘आरआरआर’ साउथ इंडस्ट्री की वो फिल्म है, जो ऑस्कर तक पहुंच गई. इसने वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 1000 करोड़ रुपये का जादुई आंकड़ा पार कर लिया. इन फिल्मों ने सभी हिंदी ब्लॉकबस्टर को पछाड़ दिया, बॉलीवुड को इसे जवाब देने के लिए काफी हाथ पांव मारना पड़ा. जब जाकर साल 2023 में शाहरुख खान की ‘पठान’ ने बॉलीवुड के ताज को वापस हासिल किया. बाद में ‘जवान’, ‘गदर 2’ और ‘स्त्री 2’ जैसी मूवी आई और इसे बहुत ऊपर लेकर गई.
बॉलीवुड को जश्न मनाने नहीं दे रहा है साउथ इंडस्ट्री
जैसे ही बॉलीवुड ने जश्न मनाना शुरू किया, उनकी कई फिल्में बैक टू बैक फ्लॉप हुई. जिसमें ‘सेल्फी’, ‘भीड़’, ‘कुत्ते’, ‘कस्टडी’, ‘गुमराह’, ‘घूमर’, ‘चंदू चैंपियन’, ‘मैदान’, ‘जिगरा’, ‘तेजस’ और ‘बड़े मियां छोटे मियां’ शामिल है. इधर ‘केजीएफ: चैप्टर 2’, ‘विक्रम’, ‘पोन्नियिन सेलवन I’ और ‘कंतारा’ ने बाजी मार ली. फिर सिनेमाघरों में पुष्पा का राज शुरू हुआ, जो आज तक जारी है. इस फिल्म ने 1200 करोड़ से ज्यादा की कमाई की.
बॉलीवुड फिल्मों से क्या जुड़ नहीं पा रहे हैं दर्शक
अगर हम इस बात पर चर्चा करें कि आज के दौर में बॉलीवुड फिल्मों से लोग क्यों नहीं जुड़ पा रहे हैं और साउथ मूवीज उन्हें रियल क्यों लग रही है. इसका जवाब देते हुए फिल्म क्रिटिक्स का मानना है कि दक्षिण भारतीय सिनेमा, चाहे वह तेलुगु, तमिल या कन्नड़ हो, ने देसी संस्कृति को अपनाया है और कला में महारत हासिल कर ली है.
चार्टबस्टर पर साउथ फिल्मों से क्यों जुड़ रहे हैं दर्शक
उदाहरण के लिए, पुष्पा: द राइज को लें. अल्लू अर्जुन की विद्रोह और महत्वाकांक्षा की कहानी से दर्शक जुड़ रहे हैं. उन्हें यह रियल लग रहा है, क्योंकि इसमें पुष्पा गरीब से अमीर बनने के लिए जिद्दी बनकर लड़ाई करता है. इसी तरह बाहुबली ने दर्शकों को एक जीवन से भी बड़ा महाकाव्य दिया, जिसमें हाई ओक्टन सीन्स ने खूब हलचल पैदा की. नतीजा यह हुआ कि फिल्म के बारे में शहरी, ग्रामीण, युवा और बूढ़े सभी से बात करते हैं.
बॉलीवुड फिल्मों में क्या आ रही है कमी
इसके विपरीत, बॉलीवुड में शहरी और विदेशी संस्कृति को ज्यादा अपनाया जाता है. अजीबो गरीब कहानी ने बड़े पैमाने पर दर्शकों को अलग कर दिया है. छोटे शहर के लोग अश्लीलता और मॉर्डन सोच को हजम नहीं कर पा रहे हैं और वह अपनी फैमिली के साथ भी सिनेमाघरों का रूख नहीं कर रहे हैं, इसलिए मूवीज फ्लॉप हो रही है और इसे ओटीटी या फिर पायरेटेड साइट्स पर देखा जा रहा है.
साउथ और बॉलीवुड फिल्में बिजनेस को कैसे करते हैं सेटअप
व्यवसाय की बात करें तो बॉलीवुड जहां मेट्रो सीटीज को कवर करते हैं, वहीं साउथ इंडस्ट्री छोटे बाजारों में भी अपनी धाक जमा रहे हैं. यही वजह है कि बॉलीवुड के सुपरस्टार्स ने बॉक्स-ऑफिस पर अपनी चमक दोबारा हासिल करने के लिए दक्षिण का रुख किया है. शाहरुख खान ने तमिल फिल्म निर्माता एटली के साथ जवान की. सलमान खान कथित तौर पर एआर मुरुगादॉस के साथ सिकंदर पर काम कर रहे हैं. यहां तक कि कहा जा रहा है कि आमिर खान भी कुली में रजनीकांत के साथ नजर आएंगे. वरुण धवन को एटली के बेबी जॉन में कभी नहीं देखे गए अवतार में देखा गया.
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