Srikanth Box Office Collection Day 4: मंडे टेस्ट में फेल या फिर पास हुई श्रीकांत, यहां जानें चौथे दिन का कलेक्शन
Srikanth Box Office Collection Day 4: तुषार हीरानंदानी की ओर से निर्देशित, श्रीकांत अपने पहले सोमवार को थोड़ी सुस्त रही. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर चौथे दिन मात्र 1.5 करोड़ की कमाई की. जिसके बाद इसका टोटल कलेक्शन 13.45 करोड़ हो गया. बता दें कि श्रीकांत का निर्माण भूषण कुमार, कृष्ण कुमार और निधि परमार हीरानंदानी ने किया है.
Srikanth Box Office Collection Day 4: डायरेक्टर तुषार हसनंदानी की मोस्ट अवेटेड फिल्म श्रीकांत 10 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई. इस फिल्म को क्रिटिक्स और दर्शकों से पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है. राजकुमार राव, ज्योतिका और अलाया एफ अभिनीत फिल्म बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी कमाई कर रही है. विक्रांत मैसी की सुपरहिट फिल्म 12वीं फेल के मुकाबले श्रीकांत का कलेक्शन बेहतर रहा है. दोनों ही फिल्में बायोपिक हैं और दोनों की कहानियां प्रेरणादायक हैं. जहां एक तरफ 12वीं फेल ने रिलीज के पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 1.10 करोड़ रुपये की कमाई की थी, वहीं दूसरी तरफ श्रीकांत ने 2.25 करोड़ रुपये की ओपनिंग हासिल की है. आइये जानते हैं चौथे दिन इसने कितना कमाया.
श्रीकांत ने बॉक्स ऑफिस पर की इतनी कमाई
रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीकांत ने पहले दिन 2.25 करोड़, दूसरे दिन 4.2 करोड़ और तीसरे दिन 5.25 करोड़ का कलेक्शन किया. शुरुआती अनुमान के मुताबिक, इसने अपने चौथे दिन भारत में 1.75 करोड़ की कमाई की. अब तक श्रीकांत का टोटल कलेक्शन 13.45 करोड़ रुपये है. सोमवार को श्रीकांत की हिंदी ऑक्यूपेंसी कुल मिलाकर 11.57% रही.
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श्रीकांत के बारे में
फिल्म में राजकुमार राव बिजनेसमैन श्रीकांत बोल्ला की भूमिका निभा रहे हैं. जिन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद अपने सपनों को पूरा किया और अंततः बोलैंट इंडस्ट्रीज की स्थापना की. फिल्म में राजकुमार के अलावा ज्योतिका, अलाया एफ और शरद केलकर भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. दर्शकों को मूवी पसंद आ रही है और वो इसे प्रेरणादायक बता रहे हैं.
इस भूमिका के लिए राजकुमार ने कैसे की तैयारी
हाल ही में एएनआई से बात करते हुए राजकुमार ने बताया कि उन्होंने इस रोल के लिए कैसे तैयारी की. उन्होंने कहा था, “इस फिल्म के लिए तैयारी की जरूरत थी, क्योंकि मैंने पहले कभी दृष्टिबाधित भूमिका नहीं निभाई थी. इसलिए, यह सब तब शुरू हुआ जब मैंने ब्लाइंड स्कूल जाना शुरू किया. मैंने बहुत से ऐसे लोगों के साथ काम करना शुरू किया, जो सिर्फ मन की आंखों से सबकुछ को देखते हैं. मैं उनके साथ घंटों तक बैठा और उनसे बात की. मैंने उनकी धारणा को समझने के लिए और दुनिया के बारे में वे क्या महसूस करते हैं और परिस्थितियों से कैसे निपटते हैं, उन वीडियो को कई बार देखा.”
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