Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah छोड़ने की खबरों पर बोलीं मुनमुन दत्ता- अगर मैं शो छोडूंगी तो…
सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) में बबीता जी (Babita Ji) का किरदार निभा रहीं मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) इन दिनों ऑनलाइन खूब चर्चा बटोर रही हैं. वो पिछले कुछ दिनों से शो में नजर नहीं आ रही हैं.
सीरियल तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) में बबीता जी (Babita Ji) का किरदार निभा रहीं मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) इन दिनों ऑनलाइन खूब चर्चा बटोर रही हैं. वो पिछले कुछ दिनों से शो में नजर नहीं आ रही हैं, ऐसे में इंटरनेट पर उनके शो छोड़ने अफवाहों ने जोर पकड़ा है. इससे पहले खबर आई थी कि जातिवादी कमेंट विवाद में फंसने के बाद से एक्ट्रेस शो के सेट पर नहीं आ रही हैं. अब एक्ट्रेस ने शो छोड़ने की खबरों पर चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने अपने इंस्टा स्टोरी पर खुलकर इस बारे में लिखा है.
उन्होंने लिखा, “पिछले 2-3 दिनों में, कुछ चीजें झूठी रिपोर्ट की गईं, जिसका मेरी लाईफ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. यह पूरी तरह से गलत है कि मैंने काम पर रिपोर्ट नहीं किया. उस बात ये है कि जो भी कहानी लिखी गई थी, वहां मेरी मौजूदगी की आवश्यकता नहीं थी. इसीलिए मुझे प्रोडक्शन की तरफ से शूट करने के लिए नहीं बुलाया गया था. मैं तय नहीं करती कि कौन से सीन या स्टोरीलाइन हैं. प्रोडक्शन करता है. अगर सीन में मेरी जरूरत नहीं है, तो जाहिर तौर पर मैं शूटिंग पर नहीं जाऊंगी…”
उन्होंने आगे लिखा कि, “अगर मैं शो छोडूंगी तो इसकी घोषणा मैं खुद करूंगी. क्योंकि मेरे फैंस मुझसे इमोशनली जुड़े हुए हैं. उन्हें सच जानने का पूरा अधिकार है, अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं.”
Also Read: Kargil Vijay Diwas से एक दिन पहले देशभक्ति से लबरेज शेरशाह का ट्रेलर रिलीज, यहां देखें VIDEOबता दें कि, पिछले दिनों मुनमुन दत्ता ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने दलित समुदाय को लेकर कुछ टिप्पणी कर दी थी. उन्होंने जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया था जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया था. इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने उन्हें जमकर ट्रोल किया था. उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया था.
एक्ट्रेस ने अगले ही दिन एक माफीनामा जारी किया था, जिसमें उन्होंने साझा किया था कि उनकी ‘गलत व्याख्या’ की थी और यह शब्द ‘किसी की भावनाओं का अपमान करने, डराने, अपमानित करने या आहत करने के इरादे से नहीं कहा गया था’. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि उन्हें ‘शब्द के अर्थ के बारे में गलत जानकारी’ दी गई थी. बावजूद इसके कुछ ही दिनों में एक दलित कार्यकर्ता ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी थी.