TMKOC : दिशा वकानी के पिता ने भी किया है शो में काम, रियल लाइफ में भी रिश्तेदार है दयाबेन और सुंदरलाल
Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah, Disha Vakani, dayaben : तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) लोगों के पसंदीदा और टीवी पर लंबे समय तक चलने वाले कार्यक्रमों में से एक है. इस शो में जेठालाल और दयाबेन की जोड़ी लोगों को खूब हंसाती है. दयाबेन की गजब की एक्टिंग और बोलने के अलग लहजे ने उन्हें टीवी की कॉमेडी क्वीन बना दिया. लेकिन क्या आप जानते है दिशा वकानी (Disha Vakani) के साथ-साथ उनके पापा भी एक एपिसोड में नजर आए थे.
Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah, Disha Vakani, dayaben : तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) लोगों के पसंदीदा और टीवी पर लंबे समय तक चलने वाले कार्यक्रमों में से एक है. इस शो में जेठालाल और दयाबेन की जोड़ी लोगों को खूब हंसाती है. दयाबेन की गजब की एक्टिंग और बोलने के अलग लहजे ने उन्हें टीवी की कॉमेडी क्वीन बना दिया. लेकिन क्या आप जानते है दिशा वकानी (Disha Vakani) के साथ-साथ उनके पापा भी एक एपिसोड में नजर आए थे.
दिशा वकानी ने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक एपिसोड में उनके रियल पैरेंट्स भी ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ का हिस्सा रह चुके हैं. शो में उनके अलावा उनके पिता भीम वकानी भी शो में नजर आ चुके हैं. उन्होंने शो में गेस्ट अपीरियंस दी थी. उन्होंने मावजी चड्ढा का किरदार निभाया था. मावजी शो में जेठालाल के पिता चंपक लाल के दोस्त के रूप में दिखाई दिये थे. बता दें कि तारक मेहता का उल्टा चश्मा में दयाबेन यानी दिशा वकानी लंबे समय से शो से गायब है. फैंस उनकी वापसी का इंतजार कर रहे है.
बता दें कि मयूर वकानी शो में सुंदरलाल का किरदार निभा रहे है. वो दयाबेन के भाई का रोल कर रहे और रील लाइफ में भी उनके सगे भाई हैं. दोनों भाई बहन की जोड़ी छोटे पर्दे पर सबसे बेस्ट जोड़ी है. रियल लाइफ में मयूर दिशा के बड़े भाई हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिशा और मयूर करीब 35 साल से साथ काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि दिशा पंद्रह साल की उम्र से ही गुजराती थिएटर में काम करती आ रही हैं. हिंदी टीवी सीरियल में उन्हें काम करने का पहला मौका धारावाहिक खिचड़ी में मिला था. इसके अलावा उन्होंने ‘फूल और आग (1999)’, ‘देवदास (2002)’, ‘मंगल पांडे: द राइजिंग (2005)’ और ‘जोधा अकबर (2008)’ में भी छोटे मोटे रोल किए.
बता दें कि दिशा का जन्म गुजरात के अहमदाबाद में एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता भीम वकाणी रंगमंच पर अपने जौहर दिखाते तो बेटी अपने पिता के रंगमंचीय कौशल पर करीब से नजर रखती. बड़े होते होते एक बात उसके जेहन में रच-बस गई थी कि उनके पिता अपने नाटकों की हीरोइनों से परेशान रहते हैं. क्योंकि उस दौर में गुजराती लड़कियों का थिएटर में आने का चलन था नहीं, ऐसे में लड़कों को लड़कियां बनाना पड़ता था. तभी दिशा ने सोच लिया था कि वह अपने पिता के नाटकों की हीरोइन बनेगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही. उन्होंने ड्रामेटिक्स में पढ़ाई की और न सिर्फ अपने पिता के साथ रंगमंच पर जुगलबंदी की बल्कि छोटे परदे का बड़ा नाम बन गईं.
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Posted By: Divya Keshri