Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah: ‘तारक मेहता’ के राइटर ने की आत्‍महत्‍या, परिवार को इस बात का शक, सुसाइड नोट बरामद

taarak mehta ka ooltah chashmah writer abhishek makwana committed suicide family blames cyber loan fraud and blackmail suicide note found bud : टीवी इंडस्‍ट्री से एक और बुरी खबर आ रही है. सीरियल 'तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा' (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) शो के एक राइटर अभिषेक मकवाना (Abhishek Makwana Suicide) ने आत्‍महत्‍या कर ली है. अभिषेक ने इतना कठोर कदम उठाने से एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2020 5:47 PM
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Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah, Abhishek Makwana Suicide : टीवी इंडस्‍ट्री से एक और बुरी खबर आ रही है. सीरियल ‘तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा’ (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) शो के एक राइटर अभिषेक मकवाना (Abhishek Makwana Suicide) ने आत्‍महत्‍या कर ली है. अभिषेक ने इतना कठोर कदम उठाने से एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उन्‍होंने आत्‍महत्‍या की वजह ‘आर्थ‍िक तंगी’ को बताया है. वहीं उनके परिवार ने इसकी वजह साइबर धोखाधड़ी और ब्‍लैकमेलिंग को बताया है.

अभिषेक के परिवारवालों ने लोगों से धमकी भरे फोन कॉल आने का भी दावा किया है. मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, अभिषेक 27 नवंबर को अपने मुंबई स्थि‍त फ्लैट में लटके हुए पाए गये थे, और उन्‍होंने अपने सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी का जिक्र किया है. उनके भाई जेनिस खुलासा किया कि, उन्‍हें सुसाइड नोट से पता चला कि अभिषेक आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और उन्‍हें धमकी भरे कॉल आ रहे थे.

उन्होंने यह भी खुलासा किया कि, “मैंने अपने भाई के मेल्‍स चेक किए क्योंकि जब से उनकी मौत हुई है, मुझे अलग-अलग नंबरों से कई फोन कॉल आए, जिसमें उन्होंने उधार लिए पैसे वापस करने की मांग की. एक कॉल बांग्लादेश के रजिस्‍टर्ड नंबर से आया था, एक म्यांमार से और अन्य भारत के विभिन्न राज्यों से थे.” हम इस स्‍थ‍िति में नहीं है कि पैसे लौटा सके तो कर्जदारों ने उन्‍हें फोन पर धमकी और गालियां भी दीं.

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जेनिस ने कहा, “ईमेल रिकॉर्ड्स से मुझे जो समझ में आया, मेरे भाई ने सबसे पहले एक आसान लोन एप से एक छोटा सा लोन लिया, जो बहुत अधिक ब्याज दर वसूल करता है. मैंने उनके और मेरे भाई के बीच हुए लेन-देन को देखा. मैंने देखा कि वे मेरे भाई द्वारा लोन के लिए अप्‍लाई नहीं करने के बावजूद छोटी रकम भेजते रहे. उनकी ब्याज दरें 30% तक हैं.’

चारकोप पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि, सुसाइड नोट गुजराती में है. इसमें उन्‍होंने अपनी निजी परेशानियों का जिक्र किया है. उन्‍होंने अपने परिवार से माफी भी मांगी हैं. उन्‍होंने लिखा है कि, इस हालत से निकलने की उन्‍होंने पूरी कोशिश की, लेकिन वो हार गए क्‍योंकि परेशानियां लगातार बढ़ती ही जा रही थी. पुलिस ने अभिषेक के बैंक से लेन-देन की जानकारी मांगी गई है. फिलहाल कोई सबूत नहीं मिले हैं. जैसे ही सबूत मिलेंगे, हम कार्रवाई करेंगे.

Posted By: Budhmani Minj

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