Tabassum’s Birthday: तबस्सुम ने किया था रेडियो से करियर की शुरुआत, जानें उनसे जुड़ी ये अनसुने किस्से

तबस्सुम के जन्मदिन पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं! उनकी लंबी फिल्मी यात्रा की झलकें सुनिए, जिसने उन्हें बॉलीवुड की पहचान बनाई.

By Sahil Sharma | July 9, 2024 7:15 AM

Tabassums Birthday: आज भारतीय फिल्म और टेलीविजन जगत की मशहूर हस्ती तबस्सुम का जन्मदिन है. 9 जुलाई 1944 को जन्मी तबस्सुम ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर स्थापित किए हैं. आइए, उनके जीवन और करियर की कुछ खास झलकियों पर नजर डालते हैं.

 बचपन और शुरुआती सफर

तबस्सुम का जन्म एक हिंदू-पंजाबी पिता और मुस्लिम-पठान मां के घर हुआ था. उन्होंने बचपन में ही अभिनय की दुनिया में कदम रखा और मात्र दो साल की उम्र में फिल्म ‘नर्गिस’ में बाल कलाकार के रूप में काम किया। उनके माता-पिता दोनों पत्रकार थे, जिससे उन्हें फिल्मी दुनिया से जोड़ने में मदद मिली.

रेडियो से करियर की शुरुआत

बचपन में रेडियो पर कुछ कार्यक्रम करने के बाद, 1970 में तबस्सुम को ‘सरिडॉन के साथी’ शो में एक छोटा स्लॉट मिला. इस शो ‘जोक्स ऑफ तबस्सुम’ में वे 18 साल तक छोटे-छोटे किस्से और चुटकुले सुनाती रहीं.उनके श्रोताओं ने उनके अनूठे अंदाज की काफी सराहना की.

 दूरदर्शन पर ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’

1972 में, जब दूरदर्शन भारत में आया, तब निर्देशक कृष्णमूर्ति ने तबस्सुम को ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ शो में काम करने का मौका दिया. यह शो 21 साल तक चला और इसमें तबस्सुम ने हर बड़े बॉलीवुड स्टार का इंटरव्यू लिया. यह शो तबस्सुम की बेहतरीन मेज़बानी के कारण काफी लोकप्रिय हुआ.

तबस्सुम के इस खास दिन पर, हम उन्हें जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देते हैं

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आध्यात्मिक मनोरंजन और लेखन

आजकल तबस्सुम आध्यात्मिक मनोरंजन में सक्रिय हैं. उन्होंने दो फिल्में बनाई हैं, ‘तुम पर हम कुर्बान’ और ‘करतूत’, हालांकि ये फिल्में ज्यादा चर्चा में नहीं आईं. तबस्सुम पिछले 15 साल से प्रसिद्ध हिंदी पत्रिका ‘गृहलक्ष्मी’ की संपादक भी हैं. उन्होंने अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में करीब 10 जोक बुक्स भी लिखी हैं.

निजी जीवन और प्रेरणा

तबस्सुम कहती हैं कि उनका परिवार, विशेष रूप से उनके पति विजय गोविल, बहू हेमाली और बेटे होशांग, उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उनकी पोती खुशी भी अब फिल्मों में कदम रखने जा रही है, जिससे तबस्सुम काफी उत्साहित हैं.

 विदाई संदेश

तबस्सुम का मानना है कि जीवन में सफलता और असफलता दोनों का सामना करना पड़ता है. सफलता मिलने पर अहंकारी न बनें और असफलता से निराश न हों. वे कहती हैं, “अगर एक दरवाजा बंद हो जाए तो दूसरा जरूर खुलता है.”

तबस्सुम के इस खास दिन पर, हम उन्हें जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं देते हैं और उनके स्वास्थ्य और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं.

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