tamanna bhatia:एक्ट्रेस ने आइटम नंबर्स को अपनी सुंदरता और ग्लैमर का जश्न बताया..
अभिनेत्री ने इस इंटरव्यू में कहा कि नॉन ग्लैमरस किरदार ही नहीं बल्कि बेहद ग्लैमरस किरदार भी उन्हें बेहद पसंद हैं.आइटम नंबर में अपनी ग्लैमरस मौजूदगी को वह बेहद एन्जॉय करती हैं.
tamanna bhatia :अभिनेत्री तमन्ना भाटिया नेटफ्लिक्स पर हालिया रिलीज हुई फिल्म सिकंदर का मुकद्दर में कामिनी की भूमिका को निभा रही हैं. वह मौजूदा दौर को बेहद खास करार देते हुए खुद को भाग्यशाली बताती हैं कि साउथ और हिंदी में नहीं बल्कि ओटीटी और थिएटर में भी उनका काम लगातार आ रहा है और सराहा जा रहा है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
सिकंदर का मुकद्दर फिल्म इंस्टिंक्ट की बात करती है क्या आपकी इंस्टिंक्ट ने भी फिल्म को साइन करने को कहा ?
मैंने फिल्म नीरज सर की वजह से की. मेरे पसंदीदा निर्देशकों की विश लिस्ट में उनका नाम भी शामिल है. नीरज सीनियर ने इंटेंस सीन्स को बहुत अच्छे से प्रस्तुत करते हैं. मुझे उनके सेट अप में एक भूमिका निभाना बहुत दिलचस्प लगा.वह सिर्फ मेकअप और कपड़ों से बदलाव नहीं कर सकते, किरदार की भाषा भी महत्वपूर्ण है. मूड भी महत्वपूर्ण है. मैंने अब तककई भूमिकाएं की हैं,लेकिन यह भूमिका अलग है.
किसी फिल्म को साइन करते हुए आपके लिए सबसे ज्यादा मायने रखता है?
मेरा मानना है कि फिल्म मेकिंग सभी के सहयोग से होती है. बिना सहयोगात्मक प्रयास के कोई भी आर्ट नहीं बन सकता है. मेरे लिए स्क्रिप्ट या मेरा किरदार ही सबकुछ नहीं है. हम आम तौर पर कहानियां सुनते हैं,लेकिन मुझे लगता है कि फिल्म एक सहयोगी माध्यम है और कोई एक व्यक्ति फिल्म नहीं बना सकता. बिना टीम के इसे नहीं बनाया जा सकता. जरूरी नहीं कि कहानी अच्छी हो,तो अच्छी फिल्म बन जायेगी. निर्देशक भी अच्छा होना चाहिए.
यदि चुनने का मौका हो तो थिएटर रिलीज या ओटीटी रिलीज?
बेशक थिएटर रिलीज, मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि थिएटर रिलीज के मामले में यह साल मेरे लिए शानदार रहा है. इस साल मेरी मेरी तमिल फिल्म अरनमणि ने 100 करोड़ की कमाई की है. एक महिला प्रधान तमिल फिल्म, जो किसी अन्य भाषा में डब नहीं की गई है. वह सिनेमाघरों में इतनी कमाई करे. यह बहुत मायने रखता है. स्त्री 2 का भी मैं हिस्सा रही हूं. फिल्म की कामयाबी किसी से छिपी नहीं है. जब इस तरह की फिल्में अच्छा प्रदर्शन करती हैं .तो हम जानते हैं कि दर्शकों को फिल्में पसंद आ रही हैं.
इस फिल्म में आप नॉन ग्लैमरस हैं ,जबकि स्त्री 2 में आप ग्लैमरस आइटम नंबर का हिस्सा रही हैं,इस पहलू को आप किस तरह से देखती हैं ?
मैं इसे बहुत अलग ढंग से देखती हूं. मेरे लिए ग्लैमर हमेशा सुंदरता से जुड़ा है और स्त्री 2 के आइटम नंबर में मैं अपनी सुंदरता का जश्न मना रही हूं. मैं ऐसे गानों को कभी भी बुरी नजर से नहीं देखती क्योंकि मुझे डांस करना पसंद है. मैं उस पीढ़ी में पैदा हुई हूं, जहां मेरे पास अपनी सुंदरता का जश्न मनाने का विकल्प है. इसे हेय दृष्टि से देखने या इसके बारे में शर्मिंदा होने या क्षमाप्रार्थी होने के बजाय बिना किसी खेद के मैं अपनी सुंदरता और अपने ग्लैमर का जश्न मनाना पसंद करूंगी. सुंदरता एक ऐसी चीज है ,जिसका जश्न मनाया जाना चाहिए, आपको इसे छुपाने की जरूरत नहीं है. जब महिलाएं मुझसे कहती हैं कि मैं सुंदर दिखती हूं, तो मैं अपनी प्रतिक्रिया देती हूं क्योंकि यह उन्हें भी एहसास करवाता है कि वह भी खूबसूरत हैं. यह एक लिबरेशन की तरह है, तो इसको सेलिब्रेट करना चाहिए.
दीया मिर्जा ने एक बार कहा था कि उन्हें उनकी खूबसूरती की वजह से बहुत से प्रोजेक्ट्स नहीं मिलते हैं, क्या आप भी इससे गुजरी हैं?
नहीं ,मेरा ऐसा कोई अनुभव नहीं रहा है.वैसेसुंदरता और किसी को एंगेज करके रखने की क्षमता दो अलग-अलग चीजें हैं. मुझे नहीं लगता कि कला सिर्फ सुंदरता के बारे में है. यह किसी ऐसी चीज के बारे में है,जो आपको मोहित कर लेती है.खूबसूरती दर्दनाक भी होती है, कुछ के लिए ये काव्यात्मक भी हो सकती है. कुछ दर्द है ,जिसे वह कहीं एक्सप्रेस नहीं कर पाते हैं , लेकिन जब वह इसे कैमरे पर देखते है, तो वह उससे जुड़ जुड़ जाते हैं. ब्यूटी एक परसेप्शन है.
किस तरह के किरदार आपकी प्राथमिकता है ?
जब मैं स्क्रीन पर कुछ देख रही होती हूं,तो मैं खुद को भूल जाना चाहती हूं, मैं अपने जीवन के बारे में नहीं सोचना चाहती हूं. मैं ऐसी ही फिल्मों की तलाश में भी रहती हूं .यह किसी भी प्लेटफॉर्म पर हो सकता है.
आनेवाले प्रोजेक्ट्स
एक फीचर फिल्म है.जो तेलुगु भाषा में है. फिल्म का नाम ओगलाट्टू है. मैंने इसकी शूटिंग कर ली है. इसके साथ ही मैंने डायरेक्ट पार्टनर्स नामक एक वेब शो भी किया है. कॉलिन और अर्चित उसके निर्देशक हैं. इस सीरीज में डायना पेंटी मेरे साथ हैं.