निर्देशक एन लिंगुसामी और उनके भाई को 6 महीने की सजा, जानें क्या है पूरा मामला
निर्देशक एन लिंगुसामी और उनके भाई सुभाष चंद्रा को 6 महीने की कैद की सजा सुनाई है. लिंगुस्वामी द्वारा कुछ साल पहले प्रोडक्शन हाउस से लिये गये पैसे का भुगतान नहीं करने के बाद एक प्रोडक्शन कंपनी, पीवीपी कैपिटल द्वारा निर्देशक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था.
निर्देशक एन लिंगुसामी मुश्किल में फंस गए हैं. तमिल फिल्म द वॉरियर फेम डायरेक्टर को सैदापेट कोर्ट ने चेक फ्रॉड मामले में 6 महीने कैद की सजा सुनाई है. सैदापेट सत्र अदालत में मंगलवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने एन लिंगुसामी और उनके भाई सुभाष चंद्रा को 6 महीने की कैद की सजा सुनाई है.
एन लिंगुसामी पर धोखाधड़ी का आरोप
बताया जा रहा है कि 1.03 करोड़ रुपये का चेक बाउंस होने के बाद एन लिंगुसामी को अदालत में घसीटा गया था. लिंगुस्वामी द्वारा कुछ साल पहले प्रोडक्शन हाउस से लिये गये पैसे का भुगतान नहीं करने के बाद एक प्रोडक्शन कंपनी, पीवीपी कैपिटल द्वारा निर्देशक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, लिंगुसामी राशि का भुगतान करने के लिए सहमत हो गए थे.
लिंगुसामी और उनके भाई के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
कथित तौर पर उन्होंने प्रोडक्शन हाउस को एक चेक सरेंडर कर दिया, जो बाउंस हो गया. ऋण राशि का भुगतान न करने पर दोनों के खिलाफ फाइनेंस फर्म ने कानूनी कार्रवाई की. इस बीच, निर्देशक और उनके भाई ने मद्रास उच्च न्यायालय में फैसले को फिर से अपील करने का फैसला किया है. सोमवार रात लिंगुसामी ने एक बयान जारी कर कहा कि मामला उनकी प्रोडक्शन कंपनी और पीवीपी कैपिटल लिमिटेड के बीच का है. उन्होंने कहा कि वे फैसले के खिलाफ तुरंत अपील करेंगे.
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लिंगुसामी की चर्चित फिल्में
लिंगुसामी ने साल 2001 में ममूटी अभिनीत पारिवारिक नाटक आनंदम के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की. उन्हें रन (2002), संदाकोझी (2005), पैया (2010) और वेट्टई (2012) जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है. निर्देशक और उनके भाई के पास एक प्रोडक्शन हाउस- तिरुपति ब्रदर्स है.