Raksha Bandhan special: टीवी के सितारों ने कहा सबसे प्यारा है भाई बहन का प्यार…
raksha bandhan :कल भाई -बहन के रिश्ते को समर्पित राखी का पावन पर्व है. टेलीविजन के कई सितारों के लिए यह रक्षाबंधन बहुत खास होने वाला है.जानिये कैसे..
Raksha Bandhan: भाई-बहन के बीच अटूट बंधन का जश्न मनाने वाला त्योहार है. कल राखी का पावन पर्व है. टेलीविजन की मशहूर हस्तियों ने इस खास दिन के लिए नये उपहार खरीदने से लेकर परिवार के साथ दिन बिताने तक की अपनी योजनाएं साझा की है. इन हस्तियों ने इस बारे में भी बात की है कि राखी का त्योहार उनके लिए क्यों खास है. बातचीत के प्रमुख अंश.
दस वर्षों के बाद इस बार मैं अपनी बहन के साथ राखी सेलिब्रेट करूंगा यह रक्षाबंधन :सानंद वर्मा
मेरे लिए यह रक्षाबंधन अविश्वसनीय रूप से खास है. दस वर्षों से अधिक समय के बाद, मैं आखिरकार इस रक्षाबंधन को अपनी बहन के साथ रहूंगा. हमें एक साथ इस त्योहार को सेलिब्रेट किये कई साल हो गये हैं. वह कूरियर या ऑनलाइन के जरिये मुझे राखी भेजती थी. अब वह मुंबई में सेटल हो गयी है. मैं उत्साहित हूं कि वह व्यक्तिगत रूप से मेरी कलाई पर राखी बांधेगी. मैं आमतौर पर अपनी बहन को राखी के लिए नकदी देता हूं, ताकि वह जो चाहे वो खरीद सके, क्योंकि मैं खरीदारी करने या उपहार चुनने के मामले में अच्छा नहीं हूं. सच कहूं, तो भौतिक चीजें मुझे ज्यादा उत्साहित नहीं करती हैं. मैं नेचर को बहुत पसंद करता हूं. रक्षाबंधन की बात करूं, तो इस साल हम भाई-बहन का एक साथ रहना, इस रक्षाबंधन को वास्तव में सार्थक बनाता है.
इस दिन सभी भाई-बहन मिलकर पुरानी यादों को ताजा करते हैं: रिंकू घोष
इस साल रक्षाबंधन पर मैं अपनी शूटिंग में व्यस्त हूं, इसलिए इस बार सेलिब्रेशन के लिए बहुत कम समय मिलेगा. वैसे हर साल हम सभी कजिन भाई-बहन इस त्योहार को मनाने के लिए मेरी नानी के घर पर मिलते हैं और उसके बाद दोपहर का भोजन या रात का खाना खाते हैं, तो यह एक बड़ा पारिवारिक आयोजन होता है. इन दिन नानी सभी स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयां बनाती हैं. उपहारों के बारे बात करूं, तो मैं परिवार में सबसे बड़ी हूं और मेरे सभी भाई मुझसे छोटे हैं, इसलिए मैं उनसे कोई भी उपहार नहीं लेती हूं. यह सब एक-दूसरे के साथ प्यार और पारिवारिक बंधन साझा करने के बारे में हैं, तो हम सभी बस मिलकर यादों को सजाते हैं.
आनंद से भरी हैं मेरी बचपन की रक्षाबंधन की यादें :एकता तिवारी
त्योहार जश्न मनाने और हमारी सांस्कृतिक जड़ों और परिवारों से जुड़ने का एक अद्भुत बहाना है. मेरी बचपन की रक्षाबंधन की यादें मौज-मस्ती, रंगों और आनंद से भरी हैं. हम अपने सभी चचेरे भाई-बहनों, मौसियों और चाचा लोगों के साथ अपनी दादी के घर पर जश्न मनाने, राखी बांधने और मिठाइयां खाने के लिए इकट्ठा होते थे. जब मैं आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चली गयी, तो यह परंपरा बदल गयी. दूरियों के बावजूद, राखी हमेशा मेरे भाई और मेरे लिए भावनाओं का सम्मिश्रण लेकर आती है.
बचपन में दो परिवार के भाइयों को राखी बांधती थी :गुलफाम खान हुसैन
मेरा छोटा भाई विदेश में रहता है, तो हम फोन पर बातचीत करते हैं. दो और भाई इसी बिल्डिंग में रहते हैं, तो हम मिलते रहते हैं. मेरी सबसे प्यारी याद मेरे बचपन की है, जब मैं बच्ची थी और दो परिवारों के भाइयों को राखी बांधती थी. वे हमारे पड़ोस में थे. (एक परिवार मेरी गवर्नेस का था, उनके चार बेटे थे) दूसरे परिवार में पांच भाई थे और वे भी जवान थे, मैं उनकी कलाई पर दो राखी बांधती थी. एक मेरी ओर से और दूसरी उनकी सबसे बड़ी बहन से, जो शादीशुदा थी और दूसरे शहर में रहती थी. दो राखी बांधती थी, तो दो गिफ्ट्स मिलते थे. इसको लेकर सब चिढ़ाते थे कि तू बड़ी दीदी का गिफ्ट भी ले रही है, लेकिन मैं दो गिफ्ट पाकर खुश रहती थी.
रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले मेरे भाई का हुआ था जन्म:चारूल मलिक
रक्षाबंधन हमारे लिए हमेशा यादगार रहा है. मैं और मेरी जुड़वां बहन पारूल अपने भाई गौरव को राखी बांधते थे. दिलचस्प बात यह है कि गौरव का जन्म रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले हुआ था, तो वह हमें राखी पर भगवान का भेजा हुआ उपहार जैसा लगा, इसलिए रक्षाबंधन हमारे लिए सबसे खास त्योहारों में से एक है. हम हमेशा इसका इंतजार करते हैं, क्योंकि यह गौरव के जन्मदिन के साथ रक्षाबंधन के उत्सव को जोड़ता है. हालांकि, इस साल रक्षाबंधन में थोड़ी देर हो जायेगी, क्योंकि मेरे भाई की शादी है, तो मैं उसी में कुछ दिन बाद जाऊंगी और अपने भाई को सामने से राखी बांध पाऊंगी. अगले महीने मैं अपने भाई की शादी में शामिल होऊंगी और उसके लिए एक खास गिफ्ट भी ले जाऊंगी. भले ही मैं थोड़ी देर से राखी बांधूगी, लेकिन उसे सामने से बांध पाने की खुशी बहुत अलग होगी .