कोलकाता (विकास गुप्ता): बांग्ला फिल्मों की ग्लैमरस ऐक्ट्रेस, नुसरत जहां रूही की फास्ट फ्रेंड और तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती फर्जीवाड़ा का शिकार हो गयीं हैं. कोलकाता नगर निगम के नाम पर चल रहे वैक्सीनेशन ड्राइव में उन्हें वैक्सीन भी लगा दिया गया. इस सिलसिले में आयोजक को गिरफ्तार कर लिया गया है.
आयोजक खुद को आइएएस ऑफिसर और कोलकाता नगर निगम का ज्वाइंट कमिश्नर बताता था. ममता बनर्जी की जगह जादवपुर से 2019 में चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचीं मिमी चक्रवर्ती को इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. नगर निगम के कर्मचारियों का उत्साह बढ़ाने के लिए पहुंचीं मिमी ने यहीं पर वैक्सीन का डोज भी ले लिया.
टीका लेने के बाद मिमी को कोई मैसेज नहीं आया. उनसे कहा गया कि आप घर जायें, मैसेज बाद में आ जायेगा. मिमी को वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट भी नहीं मिला. आयोजकों से जब उन्होंने इस बारे में पूछा, तो उन्होंने फिर कहा कि आप घर जायें, मैसेज और सर्टिफिकेट दोनों आपको बाद में मिल जायेंगे.
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इस पर तृणमूल सांसद को शक हुआ. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी. पुलिस ने नगर निगम से इस टीकाकरण अभियान की जानकारी मांगी. निगम ने ऐसे किसी टीकाकरण अभियान से इनकार किया. इसके बाद कस्बा थाना की पुलिस ने देवांजन देव (28) को गिरफ्तार कर लिया. देवांजन देव के पिता का नाम मोनोतांजन देव है. वह कोलकाता के आनंदपुर थाना क्षेत्र के हुसैनपुर, मदुरदाहा का निवासी है.
सब इंस्पेक्टर उज्ज्वल देवनाथ की शिकायत पर देवांजन के खिलाफ कस्बा थाना में 22 जून को आइपीसी की धारा 467, 468, 471, 474, 419, 420, 170 और 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. कस्बा थाना में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 22 जून की शाम को करीब 5:50 बजे कस्बा थाना के राजडांगा स्थित कस्बा न्यू मारर्केट के राजगडांगा मेन रोड स्थित यूको बैंक बिल्डिंग के प्लॉट नंबर 61, ब्लॉक ईबी107 में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा था.
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टीकाकरण शिविर का आयोजन कथित तौर पर कोलकाता नगर निगम की ओर से किया गया था. इसके बारे में स्थानीय थाना को कोई सूचना नहीं दी गयी थी. टीका लेने के लिए काफी संख्या में लोग वहां पहुंचे थे. थाना के एसआइ उज्ज्वल देवनाथ जब मौके पर पहुंचे, तो पता चला कि आइएएस अधिकारी देवांजन देव, जो कोलकाता नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर हैं, ने इसका आयोजन किया है.
इस संबंध में देवांजन से पूछताछ शुरू की गयी, तो उसकी बातों में कुछ विसंगतियां नजर आयीं. मौके पर ही उससे पूछताछ की गयी, तो पुलिस अधिकारी को पता चला कि यह शख्स फर्जी सील-मोहर और कागजात के आधार पर लोगों को धोखा दे रहा है. उसे वहीं हिरासत में ले लिया गया.
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यूको बैंक बिल्डिंग के दूसरे तल पर स्थित उसके दफ्तर से कुछ दस्तावेज बरामद किये गये. इनमें खुद को कोलकाता नगर निगम का ज्वाइंट कमिश्नर बताने वाला पहचान पत्र, विजिटिंग कार्ड, स्वास्थ्य भवन से करोना वैक्सीन की मांग करने वाले दस्तावेज शामिल हैं. इतना ही नहीं, उसके बैग से कथित तौर पर कोलकाता नगर निगम के ज्वाइंट कमिश्नर के रूप में उसके द्वारा किये गये कार्यों की पेपर कटिंग भी मिले हैं.
पुलिस के हत्थे चढ़े इस शख्स ने अपनी प्राइवेट इन्नोवा कार (WB06R-0999) पर नीली बत्ती भी लगा रखी थी. कार की विंड शील्ड के आगे बोनट पर और पीछे विंड शील्ड पर पश्चिम बंगाल सरकार के लोगो वाला झंडा भी लगा रखा था. इन झंडों को जब्त कर लिया गया है. देवांजन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ मामले की जांच शुरू कर दी गयी है.
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इस मामले में डीसी (एसएसडी) रशीद मुनीर खान ने बताया कि इस कैंप में सांसद के अलावा और 200 से अधिक लोगों ने वैक्सीन लिया है. गिरफ्तार आरोपी ने कहा है कि उसने इसे बड़ाबाजार के कैनिंग स्ट्रीट स्थित बागड़ी मार्केट से खरीदा था. कुछ वैक्सीन स्वास्थ्य भवन के निचले स्तर के कर्मचारियों से भी खरीदा था. इसके कारण जो वैक्सीन लोगों को दी गयी है, उसमें क्या था, इसकी जांच जरूरी है. इसलिए वैक्सीन के सैंपल लैब में भेजे गये हैं.
कोलकाता नगर निगम के प्रशासक मंडली के चेयरमैन फिरहाद हकीम ने कहा कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. इस मामले में निगम के किसी कर्मचारी की भूमिका मिली, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी.
Posted By: Mithilesh Jha