Tumbbad Re-Release: इंडियन सिनेमा की कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो पहली बार रिलीज होकर भी उतनी सराही नहीं जातीं, जितनी उन्हें मिलनी चाहिए थी. तुंबाड भी एक ऐसी ही फिल्म है, जो अपनी रि-रिलीज के बाद फिर से चर्चा में है. थिएटर्स में तुंबाड का दोबारा रिलीज होना एक नया ट्रेंड सेट कर रहा है और यह फिल्म आज के जमाने में और भी खास बन चुकी है. चलिए जानते हैं क्यों तुंबाड को दोबारा देखना जरूरी है और क्यों ये फिल्म आज भी सबसे अलग है.
क्यों दोबारा रिलीज हो रही है तुंबाड?
तुंबाड 2018 में रिलीज हुई थी, लेकिन उस समय इसे उतनी पहचान नहीं मिल पाई थी जितनी इसे मिलनी चाहिए थी. 13 करोड़ के मामूली बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खास कमाल नहीं किया था. लेकिन आज, 6 साल बाद, तुंबाड को थिएटर्स में फिर से दिखाया जा रहा है, और इस बार इसका बज और हाइप पहले से भी ज्यादा है. टिकट्स भी सस्ते हैं, सिर्फ 112-150 रुपये में, जो इसे और भी आकर्षक बनाता है.
हॉरर और माइथोलॉजी का अनोखा मेल
तुंबाड सिर्फ एक हॉरर फिल्म नहीं है, बल्कि इसमें माइथोलॉजी और स्पिरिचुअल एंगल भी जुड़ा हुआ है. देवी मां की पहली संतान हस्तर की कहानी, जो अपने लालच के कारण श्रापित हो जाता है, ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया है. इस फिल्म की खास बात ये है कि इसके सीन इतने डिटेल में बनाए गए हैं कि हर बार कुछ नया देखने को मिलता है. इस फिल्म को एक बार में पूरी तरह समझ पाना लगभग नामुमकिन है.
थिएटर्स में एक नया एक्सपीरियंस
आजकल के थिएटर्स की क्वालिटी बहुत सुधर गई है, और तुंबाड को बड़े पर्दे पर देखना अब एक और शानदार अनुभव है. स्पीकर्स पर जब फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बजता है, तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं. अगर आपने इसे पहले थिएटर में नहीं देखा है, तो ये आपकी लाइफ का एक शानदार अनुभव होने वाला है.
एडवांस बुकिंग का नया रिकॉर्ड
तुंबाड फिल्म की टिकट का प्राइज आलरेडी काफी कम है लेकिन फिल्म ने एडवांस बुकिंग में नया रिकॉर्ड बनाया है, फिल्म ने लगभग 21,000 टिकट बैच दिये है और ये सिर्फ नेशनल चैन के आंकड़े है, असली कमाई तो सिंगल स्क्रीन पर होती है, जहां फिल्म का होल्ड काफी स्ट्रांग नजर आ रहा है.
परिवार के साथ देखी जा सकती है
तुंबाड में कोई अडल्ट कंटेंट नहीं है, और ये एक फैमिली फिल्म है जिसे आप बच्चों और दादी-नानी के साथ भी आराम से देख सकते हैं. इस फिल्म में हॉरर है, लेकिन साथ ही इसमें ऐसी कोई भी चीज़ नहीं है जो बच्चों के लिए अनुचित हो.
फिल्म की रि-रिलीज क्यों खास है?
तुंबाड की रि-रिलीज ने एक नया ट्रेंड शुरू कर दिया है. जिस तरह से इस फिल्म को थिएटर्स में दिखाया जा रहा है, इससे उम्मीद है कि आने वाले समय में और भी अंडररेटेड फिल्म्स को दोबारा बड़े पर्दे पर देखा जा सकेगा. ये पब्लिक की डिमांड पर हो रहा है, और यह इंडियन सिनेमा के फ्यूचर के लिए एक बहुत बड़ा कदम है.
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